खंडवा। हम भले ही चांद पर पहुंचने की बात करते हों, लेकिन आज भी लोग अंधविश्वास के चंगुल से निकल नहीं पा रहे हैं. खबर खालवा इलाके की है जहां एक पिता अपने बीमार बच्चे को अस्पताल में भर्ती करने की बजाय कई दिनों तक घर पर ही कैद करके रखता है. दैवीय प्रकोप मानकर पिता अपने बच्चे को बिना खाना दिए 4 दिनों तक घर पर ही कैद रखा. इस बारे में जब आशा कार्यकर्ता को मालूम चल तो उसने पिता को पुलिस का डर दिखाया. जिसके बाद बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया.
क्या है पूरा मामला
पूरा मामला खालवा तहसील के कालापाठा गांव का हैं. यहां आदिवासी परिवार के संतराम के 5 साल के बेटे नानू को सिर में चोट लगी थी. समय पर इलाज नहीं मिलने पर घाव में कीड़े पड़ गए. अंधविश्वास के चलते परिवार के लोगों ने इसे दैवीय प्रकोप मानकर उसका इलाज नहीं कराया, बल्कि 4 दिनों तक बिना खाना दिए कमरे में कैद करके रखा. यही नहीं बच्चे के पिता ने उसके घाव पर तंबाकू भर दिया. इससे बच्चे की तबीयत और बिगड़ गई. गांव की आशा कार्यकर्ता नर्मदा राय और सहयोगी उर्मिला सोलंकी को इस बात की सूचना लगी तो उन्होंने संतराम के घर पहुंचकर बच्चे को इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र चलने को कहा, लेकिन पिता से साफ मना कर दिया. जब आशा कार्यकर्ता ने पुलिस का डर दिखाया, तब जाकर वो बच्चे के इलाज के लिए राजी हुआ.