ETV Bharat / state

पद्मश्री लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने लोकगीतों से दर्शकों के बीच बांधा समां, देखें खबर - प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी

जिले में प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने लोकगायन की शानदार प्रस्तुति दी, जिसमें सोहर, कजरी, ब्याह जैसे विधाओं से दर्शकों के बीच समां बांध दिया.

प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी
author img

By

Published : Sep 21, 2019, 10:25 AM IST

खंडवा। जिले के गौरीकुंज सभागृह में पद्मश्री से सम्मानित लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने लोकगायन की प्रस्तुति दी, जिसको सुनते ही दर्शक ताली बजाने के लिए मजबूर हो गए. सोहर, कजरी, ब्याह, विदाई, दादरा जैसे अलग-अलग विधाओं में मालिनी अवस्थी ने अपने सुर बिखेरे.
मालिनी अवस्थी ने 'कजरी' में 'अरे चाहे भैया रूठे, चाहे जाए, 'सबनवा' में 'नहीं जाईबे ननदी' और 'दादरा' में 'जमुनिया की डार में तोड़ लाई राजा' लोकगीतों से समां बांध दिया. इसके अलावा द्वारे पे आई बारत, रंगीला बन्ना ब्याहन आया, नखरेदार बन्नो आई पिया, मची है धूम शहर में किसकी शादी है की शानदार प्रस्तुति दी. लोगों में खासा उत्साह देखने को भी मिला.

मालिनी अवस्थी ने लोकगीतों से दर्शकों के बीच बांधा समां
इस कार्यक्रम की प्रस्तुति सीवी रमन विश्वविद्यालय, वनमाली सृजन पीठ और टैगोर विश्वकला व संस्कृति केंद्र में दी गई. इस मौके पर विधायक देवेंद्र वर्मा, जिला कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल, पुलिस अधीक्षक डॉ शिवदयाल सिंह और निगमायुक्त हिमांशु सिंह मौजूद थे.

खंडवा। जिले के गौरीकुंज सभागृह में पद्मश्री से सम्मानित लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने लोकगायन की प्रस्तुति दी, जिसको सुनते ही दर्शक ताली बजाने के लिए मजबूर हो गए. सोहर, कजरी, ब्याह, विदाई, दादरा जैसे अलग-अलग विधाओं में मालिनी अवस्थी ने अपने सुर बिखेरे.
मालिनी अवस्थी ने 'कजरी' में 'अरे चाहे भैया रूठे, चाहे जाए, 'सबनवा' में 'नहीं जाईबे ननदी' और 'दादरा' में 'जमुनिया की डार में तोड़ लाई राजा' लोकगीतों से समां बांध दिया. इसके अलावा द्वारे पे आई बारत, रंगीला बन्ना ब्याहन आया, नखरेदार बन्नो आई पिया, मची है धूम शहर में किसकी शादी है की शानदार प्रस्तुति दी. लोगों में खासा उत्साह देखने को भी मिला.

मालिनी अवस्थी ने लोकगीतों से दर्शकों के बीच बांधा समां
इस कार्यक्रम की प्रस्तुति सीवी रमन विश्वविद्यालय, वनमाली सृजन पीठ और टैगोर विश्वकला व संस्कृति केंद्र में दी गई. इस मौके पर विधायक देवेंद्र वर्मा, जिला कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल, पुलिस अधीक्षक डॉ शिवदयाल सिंह और निगमायुक्त हिमांशु सिंह मौजूद थे.
Intro:खंडवा - शुक्रवार रात खंडवा में प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी ने अवस्थी ने लोकगायन की ऐसा सुर छेड़ा की हर दर्शक ताली बजाने को मजबूर हो उठा. 'झुक जाईबो रघुबीर, ललिनी मेरी छोटी है, बारह बरस की मोरी जानकी, अरे सत्रह बरस के हैं रघुबीर, ललिनी मेरी छोटी है'. सोहर, कजरी, ब्याह, विदाई, दादरा लोकगायन के अलग अलग विधाओं में मालिनी अवस्थी अपने सुर बिखेरे है.

Body:लोकगयिका मालिनी अवस्थी ने 'कजरी' में 'अरे चाहे भैया रूठे, चाहे जाए, सबनवा में नहीं जाईबे ननदी' और 'दादरा' में 'जमुनिया की डार में तोड़ लाई राजा' लोकगीतों के दर्शकों के बीच समा बांध दिया. इसके अलावा उन्होंने 'द्वारे पे आई बारत, रंगीला बन्ना ब्याहन आया, नखरेदार बन्नो आई पिया, मची हैं धूम शहर में किसकी शादी हैं कि शानदार प्रस्तुति दी.

Conclusion:संगीत और लोकरंग का जब ऐसा समा सजता है. तो लोकरंग की महफ़िल रंग बिखरना लाजमी हो जाता हैं पद्मश्री से सम्मानित मालिनी अवस्थी ने खंडवा के गौरीकुंज सभागृह में लोकगीतों की महफ़िल सजा दी. यह कार्यक्रम सी वी रमन विश्वविद्यालय, वनमाली सृजन पीठ तथा टैगोर विश्वकला व संस्कृति केंद्र की साझा पहल पर हुए कार्यक्रम में लोकगयिका मालिनी अवस्थी ने प्रस्तुति दी. कार्यक्रम में विधायक देवेंद्र वर्मा जिला कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल, पुलिस अधीक्षक डॉ शिवदयाल सिंह और निगमायुक्त हिमांशु सिंह में लोकगीतों का आनंद लिया.


ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.