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स्कूल में बच्चों से साफ कराया जा रहा शौचालय, कलेक्टर बोलीं- इसमें गलत क्या है? - कलेक्टर तन्वी सुंदरियाल

खंडवा से आठ किलोमीटर दूर सिहाड़ा गांव के सरकारी स्कूल में बच्चों से स्कूल का टॉयलेट साफ कराने का वीडियो वायरल हो रहा है. वहीं इस बारे में कलेक्टर का कहना है कि बच्चे कुछ भी गलत नहीं कर रहे हैं.

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Published : Aug 28, 2019, 7:17 PM IST

खंडवा। जब छात्र स्कूल में पढ़ाई की जगह टॉयलेट साफ करेंगे और उन्हें शिक्षण के बदले शौचालय की सफाई जैसे कामों के लिए तैयार किया जाएगा, तब हर किसी का सोचना लाजिमी है कि आखिर देश का कैसा भविष्य तैयार किया जा रहा है. शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाने की योजनाएं धूल फांकती नजर आ रही हैं क्योंकि जिन्हें देश की तकदीर संवारने की जिम्मेदारी दी गई है, वो बस अपनी ही तकदीर संवार रहे हैं और जब कलेक्टर साहिबा को भी बच्चों का शौचालय साफ करना जायज लग रहा है तो भला कोई सवाल करे भी तो कैसे?


खंडवा से आठ किमी दूर सिहाड़ा गांव के सरकारी स्कूल में बच्चे पढ़ने तो जाते हैं, लेकिन वहां उनसे टॉयलेट साफ कराया जाता है. जिसका वीडियो वायरल होने पर कलेक्टर तन्वी सुंदरियाल ने भी इसे जायज करार दे दिया. उन्होंने भी इस ज्ञान पर अपना ज्ञान बांचते हुए कहा कि बच्चे टॉयलेट क्या पूरा स्कूल भी साफ करते हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है.


वायरल वीडियो में छात्र स्कूल का शौचालय साफ करते दिख रहे हैं. बच्चे झाड़ू-पोछा लगाते हुए शौचालय तक साफ कर रहे हैं, जबकि स्कूल की प्रधानाध्यापक ने इस साफ इनकार कर दिया है. पर जब ग्रामीणों की नजर इस वीडियो पर पड़ी तो उनका पारा चढ़ गया. परिजनों का कहना है कि वे अपने बच्चों को पढ़ने भेजते हैं, शौचालय साफ करवाने नहीं भेजते हैं.


सिहाड़ा गांव के सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापक गुलाब सोनी बच्चों से स्कूल का शौचालय साफ करवाती हैं. उनकी इस हरकत का गांव के ही एक युवक ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया, जबकि ऐसे कई स्कूलों की साफ-सफाई के लिए स्वीपर नहीं होने से बच्चों से ही सफाई करवाया जाता है. हालांकि, प्रधानाध्यापक सफाई देते हुए कहती हैं कि लंच ब्रेक में बच्चे शौचालय गए होंगे और वहां कीचड़ था इसलिए उन्होंने पानी डाल दिया होगा.

बच्चों से साफ कराया जा रहा टॉयलेट


वहीं बच्चे शिक्षक के डर के चलते ये मानने को तैयार नहीं कि वे शौचालय की सफाई करते हैं, जबकि ग्रामीणों की मानें तो बारी-बारी सभी बच्चों से सफाई करवाई जाती है. बच्चों में खौफ का आलम ये है कि वे मानने को तैयार ही नहीं हैं कि उनसे शौचालय साफ कराया जाता है.


खास बात ये है कि इस पूरे मामले में कलेक्टर तन्वी सुंदरियाल का मानना है कि बच्चे स्कूल का टॉयलेट तो क्या पूरे परिसर की भी सफाई करते हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है. इस मामले को सकारात्मक रूप में देखना चाहिए. अपनी बात सिद्ध करने के लिए कलेक्टर ने कहा कि जापान में भी बच्चे स्कूल के हर क्षेत्र की सफाई करते हैं.

खंडवा। जब छात्र स्कूल में पढ़ाई की जगह टॉयलेट साफ करेंगे और उन्हें शिक्षण के बदले शौचालय की सफाई जैसे कामों के लिए तैयार किया जाएगा, तब हर किसी का सोचना लाजिमी है कि आखिर देश का कैसा भविष्य तैयार किया जा रहा है. शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाने की योजनाएं धूल फांकती नजर आ रही हैं क्योंकि जिन्हें देश की तकदीर संवारने की जिम्मेदारी दी गई है, वो बस अपनी ही तकदीर संवार रहे हैं और जब कलेक्टर साहिबा को भी बच्चों का शौचालय साफ करना जायज लग रहा है तो भला कोई सवाल करे भी तो कैसे?


खंडवा से आठ किमी दूर सिहाड़ा गांव के सरकारी स्कूल में बच्चे पढ़ने तो जाते हैं, लेकिन वहां उनसे टॉयलेट साफ कराया जाता है. जिसका वीडियो वायरल होने पर कलेक्टर तन्वी सुंदरियाल ने भी इसे जायज करार दे दिया. उन्होंने भी इस ज्ञान पर अपना ज्ञान बांचते हुए कहा कि बच्चे टॉयलेट क्या पूरा स्कूल भी साफ करते हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है.


वायरल वीडियो में छात्र स्कूल का शौचालय साफ करते दिख रहे हैं. बच्चे झाड़ू-पोछा लगाते हुए शौचालय तक साफ कर रहे हैं, जबकि स्कूल की प्रधानाध्यापक ने इस साफ इनकार कर दिया है. पर जब ग्रामीणों की नजर इस वीडियो पर पड़ी तो उनका पारा चढ़ गया. परिजनों का कहना है कि वे अपने बच्चों को पढ़ने भेजते हैं, शौचालय साफ करवाने नहीं भेजते हैं.


सिहाड़ा गांव के सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापक गुलाब सोनी बच्चों से स्कूल का शौचालय साफ करवाती हैं. उनकी इस हरकत का गांव के ही एक युवक ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया, जबकि ऐसे कई स्कूलों की साफ-सफाई के लिए स्वीपर नहीं होने से बच्चों से ही सफाई करवाया जाता है. हालांकि, प्रधानाध्यापक सफाई देते हुए कहती हैं कि लंच ब्रेक में बच्चे शौचालय गए होंगे और वहां कीचड़ था इसलिए उन्होंने पानी डाल दिया होगा.

बच्चों से साफ कराया जा रहा टॉयलेट


वहीं बच्चे शिक्षक के डर के चलते ये मानने को तैयार नहीं कि वे शौचालय की सफाई करते हैं, जबकि ग्रामीणों की मानें तो बारी-बारी सभी बच्चों से सफाई करवाई जाती है. बच्चों में खौफ का आलम ये है कि वे मानने को तैयार ही नहीं हैं कि उनसे शौचालय साफ कराया जाता है.


खास बात ये है कि इस पूरे मामले में कलेक्टर तन्वी सुंदरियाल का मानना है कि बच्चे स्कूल का टॉयलेट तो क्या पूरे परिसर की भी सफाई करते हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है. इस मामले को सकारात्मक रूप में देखना चाहिए. अपनी बात सिद्ध करने के लिए कलेक्टर ने कहा कि जापान में भी बच्चे स्कूल के हर क्षेत्र की सफाई करते हैं.

Intro:खंडवा - खंडवा से आठ किमी दूर सिहाड़ा गांव की शासकीय प्राथमिक बालक शाला के कक्षा चौथी के बच्चों का शौचालय साफ करते हुए वीडियो वायरल हुआ है। स्कूल में स्वीपर नहीं है इसलिए बच्चे ही शौचालय की सफाई करते हैं। वीडियो वायरल होने के बाद बच्चों के परिजन अब प्रधान पाठिका के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि बच्चें स्कूल पढ़ने जाते न की शौचालय साफ करने। प्रधान पाठिका इस पुरे मांमले को यह कहकर पल्ला झाड़ रही हैं कि बच्चें शौचालय में कीचड़ था तो बच्चों ने पानी डाल दिया। वहीं जिला कलेक्टर इस पुरे मामले को पॉजिटिव लेकर एक अच्छा काम बता रहीं हैं।

Body:खंडवा के सिहाड़ा गांव की शासकीय प्राथमिक बालक शाला की प्रधान पाठिका छोटे बच्चों से स्कूल का शौचालय साफ करवाती हैं। उनकी इस हरकत का गांव के ही एक युवक ने वीडियो बना कर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होते ही बच्चों के परिजन नाराज हो गए। सिहाड़ा सहित ऐसे कई गांवों में स्कूलों की साफ-सफाई के लिए स्वीपर नहीं होने से स्कूलों बच्चे ही सफाई करते हैं। हालांकि प्रधान पाठिका गुलाब सोनी शौचालय पर सफाई देते हुए कहती हैं कि लांच ब्रेक में बच्चें शौचालय गए होंगे वहां कीचड़ था इस लिए उन्होंने पानी डाल दिया होगा। उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं हैं।
बाइट : गुलाब सोनी प्रधान पाठिका

चौथी कक्षा में पढ़ने वाले जिन बच्चों का वीडियो वाइरल हुआ हैं वे टीचर के खौफ से इतने डरे हुए हैं कि वे इस बात को मानने को तैयर नहीं हैं कि उन्हें सफाई का कार्य करवाया जा रहा था। जबकि गांव वालों के मुताबिक प्रधान पाठिका बारी बारी से सभी बच्चों से सफाई करवाती हैं। बच्चें अब कह रहे हैं की जब वे शौचालय गए तो वहां कीचड़ था तो हमने पानी डाल दिया। जब कीचड़ साफ नहीं हो रहा था तो हमने झाड़ू से साफ कर दिया।

बाइट : छात्र

सफाई करने वाले बच्चों के परिजन विडियो सामने आने के बाद बेहद नाराज हैं। उनका कहना हैं कि हम बच्चों को पढाई के लिए भेजते हैं इस तरह से बच्चों से शौचालय साफ करना गलत हैं। परिजनों ने कहा कि हम प्रधान पाठिका के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेंगे।

बाइट : प्रणय श्रीमाली परिजन
बाइट : रामचरण विश्नोई परिजनConclusion:इधर जिला कलेक्टर तन्वी सुंदरियाल इस पुरे मामले को लेकर प्रधान पाठिका का पक्ष लेते हुआ कहा की अगर सफाई करवाई हैं तो अच्छा हैं उन्होंने कहा की मै नहीं समझती की सफाई करवाना लापरवाही का काम हैं। लेकिन उन्होंने ये भी कहा की अगर किसी एक जाति विशेष से ही शौचालय साफ करवाया जाता तो गलत होता लेकिन सभी बच्चे शौचालय क्या पुरे स्कूल परिसर को साफ करते हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं हैं। उन्होंने जापान का उद्धरण दे कर कहा की वहां के सारे बच्चें काम में लगे रहते है इसलिए उन्हें लगता है की ये स्कूल हमारा हैं। कलेक्टर तन्वी सुंदरियाल इस पुरे मामले को पॉजिटिव ले रही हैं वे इस मामले को अच्छा काम बताती हैं।

बाइट :तन्वी सुंदरियाल कलेक्टर खंडवा
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