खंडवा। शहर में हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई गई, बीते दिन जयंती के मौके पर कई सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसी क्रम में उत्कृष्ट स्कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहां छात्रावास के बच्चों ने ना केवल गांधीजी के जीवन दर्शन का संदेश दिया, बल्कि उनके राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं का मंचन भी किया. साथ ही छात्रों द्वारा भजन गायन किया गया है.
खंडवा: गांधी हास्टल में छात्रों ने बापू के जीवन से जुड़ी घटनाओं का किया मंचन - राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती
खंडवा में 100 साल पुराने गांधी छात्रावास में बच्चों ने गांधीजी के जीवन से जुड़ी राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं का मंचन किया.
गांधी छात्रावास में कार्यक्रम का आयोजन
खंडवा। शहर में हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई गई, बीते दिन जयंती के मौके पर कई सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसी क्रम में उत्कृष्ट स्कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहां छात्रावास के बच्चों ने ना केवल गांधीजी के जीवन दर्शन का संदेश दिया, बल्कि उनके राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं का मंचन भी किया. साथ ही छात्रों द्वारा भजन गायन किया गया है.
Intro:खंडवा - खंडवा में भी पूरे देश के साथ आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। जिले में कई जगह सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रम हुए । सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम खंडवा की उत्कृष्ट स्कूल में हुआ , जहां आजादी के पूर्व से स्थापित गांधी छात्रावास में बच्चों ने न केवल गांधी जी के जीवन दर्शन का संदेश दिया बल्कि गांधीजी के महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं का मंचन भी किया । स्कूली बच्चों ने गांधी जी के भजन गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया ।
Body: लगभग 100 साल पुराना खंडवा का गांधी छात्रावास भले ही जर्जर हो चुका हो लेकिन यहां के विचार आज भी मजबूत है । गांधी जी के विचारधारा से प्रभावित होकर खंडवा के प्रबुद्ध जनों ने इस गांधी छात्रावास को स्थापित किया था यह उन गरीब बच्चों के लिए बनाया गया था जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से पढ़ाई के लिए शहर आते थे लेकिन रहने की कोई सुविधा नहीं थी।
यह छात्रावास 1930 में गांधी जी की प्रेरणा पर समाज के लोगों ने स्थापित किया था। लगभग 50 साल से भी ज्यादा समय से यहां प्रतिवर्ष गांधी जयंती मनाई जाती है। इस बार यह समारोह विशेष था, इसलिए बच्चों ने भी विशेष तैयारियां की थी। आजादी के बाद खंडवा जिले में यह पहला छात्रावास था जहां गरीब बच्चों को निशुल्क रहने की सुविधा दी जाती थी,बच्चे यहां पढ़ते थे । इनसे पहले भी न कोई शुल्क लिया जाता था और ना ही आज।
Byte - डॉक्टर मुनीष मिश्रा अध्यक्ष गांधी स्मारक निर्माण समिति खंडवा
Conclusion:इस समारोह में खंडवा जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी आमंत्रित किए गए थे। जिन्होंने उस समय गांधी जी के द्वारा किए गए कार्यों और उनकी कार्यशैली के संस्मरण सुनाएं। जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने भी वर्तमान दौर में गांधीजी के विचार और कार्यशैली को महत्वपूर्ण बताते हुए न केवल स्वयं बल्कि पूरे समाज से अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि बरसों पहले गांधी जी ने कहा था कि सबसे पहला बदलाव अपने आप में लाइए समाज अपने आप बदल जाएगा। समाज के लिए गांधी के यह विचार पहले भी महत्वपूर्ण थे और आज भी उतने ही महत्वपूर्ण है
Byte - तन्वी सुंद्रियाल कलेक्टर खंडवा।
Body: लगभग 100 साल पुराना खंडवा का गांधी छात्रावास भले ही जर्जर हो चुका हो लेकिन यहां के विचार आज भी मजबूत है । गांधी जी के विचारधारा से प्रभावित होकर खंडवा के प्रबुद्ध जनों ने इस गांधी छात्रावास को स्थापित किया था यह उन गरीब बच्चों के लिए बनाया गया था जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से पढ़ाई के लिए शहर आते थे लेकिन रहने की कोई सुविधा नहीं थी।
यह छात्रावास 1930 में गांधी जी की प्रेरणा पर समाज के लोगों ने स्थापित किया था। लगभग 50 साल से भी ज्यादा समय से यहां प्रतिवर्ष गांधी जयंती मनाई जाती है। इस बार यह समारोह विशेष था, इसलिए बच्चों ने भी विशेष तैयारियां की थी। आजादी के बाद खंडवा जिले में यह पहला छात्रावास था जहां गरीब बच्चों को निशुल्क रहने की सुविधा दी जाती थी,बच्चे यहां पढ़ते थे । इनसे पहले भी न कोई शुल्क लिया जाता था और ना ही आज।
Byte - डॉक्टर मुनीष मिश्रा अध्यक्ष गांधी स्मारक निर्माण समिति खंडवा
Conclusion:इस समारोह में खंडवा जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी आमंत्रित किए गए थे। जिन्होंने उस समय गांधी जी के द्वारा किए गए कार्यों और उनकी कार्यशैली के संस्मरण सुनाएं। जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने भी वर्तमान दौर में गांधीजी के विचार और कार्यशैली को महत्वपूर्ण बताते हुए न केवल स्वयं बल्कि पूरे समाज से अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि बरसों पहले गांधी जी ने कहा था कि सबसे पहला बदलाव अपने आप में लाइए समाज अपने आप बदल जाएगा। समाज के लिए गांधी के यह विचार पहले भी महत्वपूर्ण थे और आज भी उतने ही महत्वपूर्ण है
Byte - तन्वी सुंद्रियाल कलेक्टर खंडवा।