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स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने शुरू मशरूम की खेती, बदल गई किस्मत

कटनी के कैमोर पन्हाई गांव में शारदा महिला बचत समूह की महिलाओं ने मशरूम की खेती शुरू की, जो इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का माध्यम बन गई है.

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Published : Jan 23, 2020, 3:04 PM IST

Updated : Jan 23, 2020, 5:21 PM IST

mushroom farming
स्वरोजगार के लिए शुरू की मशरूम की खेती

कटनी। स्वरोजगार और स्वावलंबी के लिए महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मशरूम की खेती करनी शुरू की, जिसकी मदद से इन महिलाओं की किस्मत बदल गई. समूह की अध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा, सचिव सुनीता वर्मा ने बताया कि जबलपुर कृषि विशेषज्ञों की टीम की मदद से पंद्रह सौ वर्ग फिट के बंद कमरे में इस महिला समूह ने मशरूम की खेती शुरू की है.

स्वरोजगार के लिए शुरू की मशरूम की खेती,
मशरूम की खेती करने के लिए गेहूं की भूसी और कीटाणु रहित तरल पदार्थ और कीटनाशक दवाइयों का मिश्रण कर कुछ मशरूम के दानों को एक पॉलिथीन युक्त थैले के आकार में मिश्रण कर रखा है. इसे लकड़ी की सहायता से बढ़ाकर कम तापमान वाले कमरे में रखते हुए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. लगभग 40 से 45 दिनों में मशरूम तैयार हो जाता है. इस समूह की महिलाओं को मशरूम की अच्छी कीमत स्थानीय बाजारों में मिल जाती है.समूह के सदस्यों ने यह भी बताया कि मशरूम के सेवन मात्र से अनेकों बीमारियां आसानी से ठीक हो जाती हैं. इसमें एंटीबायोटिक तत्वों की मौजूदगी होने से जीवाणुओं की रक्षा और एंटीवायरल तत्व बुखार से बचाते हैं. इसमें फोलिक एसिड पाया जाता है जो महिलाओं के लिए लाभकारी है.

कटनी। स्वरोजगार और स्वावलंबी के लिए महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मशरूम की खेती करनी शुरू की, जिसकी मदद से इन महिलाओं की किस्मत बदल गई. समूह की अध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा, सचिव सुनीता वर्मा ने बताया कि जबलपुर कृषि विशेषज्ञों की टीम की मदद से पंद्रह सौ वर्ग फिट के बंद कमरे में इस महिला समूह ने मशरूम की खेती शुरू की है.

स्वरोजगार के लिए शुरू की मशरूम की खेती,
मशरूम की खेती करने के लिए गेहूं की भूसी और कीटाणु रहित तरल पदार्थ और कीटनाशक दवाइयों का मिश्रण कर कुछ मशरूम के दानों को एक पॉलिथीन युक्त थैले के आकार में मिश्रण कर रखा है. इसे लकड़ी की सहायता से बढ़ाकर कम तापमान वाले कमरे में रखते हुए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. लगभग 40 से 45 दिनों में मशरूम तैयार हो जाता है. इस समूह की महिलाओं को मशरूम की अच्छी कीमत स्थानीय बाजारों में मिल जाती है.समूह के सदस्यों ने यह भी बताया कि मशरूम के सेवन मात्र से अनेकों बीमारियां आसानी से ठीक हो जाती हैं. इसमें एंटीबायोटिक तत्वों की मौजूदगी होने से जीवाणुओं की रक्षा और एंटीवायरल तत्व बुखार से बचाते हैं. इसमें फोलिक एसिड पाया जाता है जो महिलाओं के लिए लाभकारी है.
Intro:कटनी । महिलाएं भी अब स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ा रही हैं । आर्थिक कंगाली को दूर करने और समाज में नया संदेश देने के लिए कई महिलाओं के कदम अब आगे बढ़ने लगे हैं , जी है हम बात कर रहे है औद्योगिक नगरी कैमोर पन्हाई गांव में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए शारदा महिला बचत सक्षमूव अनूठी पहल शुरू की है । समूह द्वारा महिलाओं को स्वरोजगार एवं स्वावलंबी बनाने के लिए समूह की महिलाओं ने मशरूम की खेती करने की जिज्ञासा मन में ठानी और कर दिखाया कम पूंजी में खेती करने का नया तरीका , महिलाओं की इस तकनीक को देखकर किसान भी सोच में पड़ गए और जमकर सराहना करने से भी नहीं चूक रहे है । Body:वीओ - समूह की अध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा सचिव सुनीता वर्मा ने बताया कि जबलपुर कृषि विशेषज्ञों की टीम की मदद से पंद्रह सौ वर्ग फिट के बंद कमरे में मशरूम की खेती शुरू की है , मशरूम उत्पादन के लिए प्लांट लगाया है । खेती उत्पादन के लिए गेहूं की भूसी एवं कीटाणु रहित तरल पदार्थ कीटनाशक दवाइयों का मिश्रण कर कुछ महज मशरूम के दाने को एक पॉलिथीन युक्त थैले के आकार में मिश्रण कर रखा है । इसे लकड़ी की सहायता से बढ़ाकर कम तापमान वाले कमरे में रखते हुए साफ सफाई का विशेष ध्यान मशरूम तैयारी की जा रही है । अध्यक्ष ने बताया कि लगभग 40 से 45 दिनों में मशरूम के उत्पादन के पश्चात काटने योग हो जाने पर इसे हम आसानी से हाथ से तोड़ देते हैं । और अच्छी कीमत में स्थानीय क्षेत्र में दे रहे हैं साथ ही अन्य जिलों राज्यों में भेजने की तैयारी है । समूह के सदस्यों ने यह भी बताया कि यह एक अच्छे किस्म का खाद पदार्थ है मेडिकल की दृष्टि से यह बहुमूल्य औषधि के रूप में काम करती है । इसके सेवन मात्र से अनेकों बीमारियां आसानी से ठीक हो जाती हैं , इसमें एंटीबायोटिक तत्वों की मौजूदगी होने से जीवाणुओं की रक्षा एवं एंटीवायरल तत्व शरीर में वर्ण बुखार से बचाते हैं इसमें फोलिक एसिड पाया जाता है जो महिलाओं के लिए लाभकारी है ।Conclusion:फाईनल - अध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा सचिव सुनीता वर्मन सहित सदस्य रजनी वर्मा चंद्र बर्मन संगीता वर्मा प्रिया वर्मा सुनीता चाहत दीपा आदि ने समिति बनाकर इस कार्य को अंजाम दे रही हैं महिलाओं का मानना है कि मेहनत से सफलता मिलती है महिलाओं ने कहा कि वे अन्य ग्रुप की महिलाओं को सख्त करने के लिए पहल करेंगी ।

बाईट - लक्ष्मी बर्मन - अध्यक्ष
बाईट - सुनीता बर्मन - सचिव
Last Updated : Jan 23, 2020, 5:21 PM IST
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