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ड्यूटी पर तैनात वार्ड बॉय को आया चक्कर, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप - परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

ड्यूटी पर तैनात जिला चिकित्सालय के एक कर्मचारी को अचानक चक्कर आ गया, जिसके बाद अन्य कर्मचारियों ने आनन-फानन में उसे भर्ती कराया. वहीं इस पूरे मामले में परिजनों ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

Ward boy on duty got dizzy
वार्ड बॉय को आया चक्कर
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Published : Jun 12, 2020, 11:27 AM IST

कटनी। कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के चलते पिछले 3 महीनों से चल रहे लॉकडाउन से शासकीय कर्मचारियों को आराम नहीं मिल पा रहा है, जिसका असर उनकी तबीयत पर भी पड़ रहा है. 24 घंटे तक अपनी ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को छुट्टियां भी नसीब नहीं हो रही हैं. छुट्टी के लिए आवेदन देने पर भी अवकाश नहीं मिल पा रहा है.

स्वास्थ्यकर्मियों को नहीं मिलता आराम

दरअसल जिला चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा ड्यूटी पर तैनात किए गए स्वास्थ्य कर्मचारियों को लोगों की सुरक्षा के लिए रोजाना सुबह 10 बजे से कार्य करना होता है. करीब 12 घंटे हॉस्पिटल में सेवा प्रदान करनी होती है. स्वास्थ्य कर्मचारी जान की परवाह किए बगैर सीधे कोरोना मरीजों का इलाज करते हैं, लेकिन उन्हें मात्र कुछ घंटों के लिए आराम मिल पाता है.

वार्ड बॉय को आया चक्कर

11 जून यानि गुरुवार को हॉस्पिटल में तैनात वार्ड बॉय रमाशंकर तिवारी को चक्कर आ गया, जो जमीन पर धड़ाम से गिर गया, जिसके बाद अन्य साथियों ने आनन-फानन में उसे अस्पताल के प्राइवेट रूम में भर्ती कराया. फिलहाल रमाशंकर का इलाज किया जा रहा है. बिना किसी आराम के 10 से 12 घंटे ड्यूटी करने और गर्मी के चलते रमाशंकर तिवारी अचानक जमीन पर गिर गया था.

परिजनों ने लापरवाही का लगाया आरोप

रमाशंकर तिवारी के बेटे अमित तिवारी ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है. उसका कहना है कि पिता का 1 साल रिटायरमेंट का बचा है. वह एक पैर से विकलांग हैं, लेकिन फिर भी कोरोना वायरस के चलते हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा 10 से 12 घंटे की ड्यूटी उनसे करवाई जा रही है. दिन-रात काम करने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को आराम और सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है. यहीं वजह है कि पिता को ड्यूटी के दौरान अचानक चक्कर आ गया और वह जमीन पर गिर गए, जिसे अन्य कर्मचारियों ने तत्काल भर्ती कराया. वहीं जब इस पूरे मामले पर सिविल सर्जन और सीएमएचओ से जानकारी ली गई तो उन्होंने साफ तौर बात करने से मना कर दिया.

कटनी। कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के चलते पिछले 3 महीनों से चल रहे लॉकडाउन से शासकीय कर्मचारियों को आराम नहीं मिल पा रहा है, जिसका असर उनकी तबीयत पर भी पड़ रहा है. 24 घंटे तक अपनी ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को छुट्टियां भी नसीब नहीं हो रही हैं. छुट्टी के लिए आवेदन देने पर भी अवकाश नहीं मिल पा रहा है.

स्वास्थ्यकर्मियों को नहीं मिलता आराम

दरअसल जिला चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा ड्यूटी पर तैनात किए गए स्वास्थ्य कर्मचारियों को लोगों की सुरक्षा के लिए रोजाना सुबह 10 बजे से कार्य करना होता है. करीब 12 घंटे हॉस्पिटल में सेवा प्रदान करनी होती है. स्वास्थ्य कर्मचारी जान की परवाह किए बगैर सीधे कोरोना मरीजों का इलाज करते हैं, लेकिन उन्हें मात्र कुछ घंटों के लिए आराम मिल पाता है.

वार्ड बॉय को आया चक्कर

11 जून यानि गुरुवार को हॉस्पिटल में तैनात वार्ड बॉय रमाशंकर तिवारी को चक्कर आ गया, जो जमीन पर धड़ाम से गिर गया, जिसके बाद अन्य साथियों ने आनन-फानन में उसे अस्पताल के प्राइवेट रूम में भर्ती कराया. फिलहाल रमाशंकर का इलाज किया जा रहा है. बिना किसी आराम के 10 से 12 घंटे ड्यूटी करने और गर्मी के चलते रमाशंकर तिवारी अचानक जमीन पर गिर गया था.

परिजनों ने लापरवाही का लगाया आरोप

रमाशंकर तिवारी के बेटे अमित तिवारी ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है. उसका कहना है कि पिता का 1 साल रिटायरमेंट का बचा है. वह एक पैर से विकलांग हैं, लेकिन फिर भी कोरोना वायरस के चलते हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा 10 से 12 घंटे की ड्यूटी उनसे करवाई जा रही है. दिन-रात काम करने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को आराम और सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है. यहीं वजह है कि पिता को ड्यूटी के दौरान अचानक चक्कर आ गया और वह जमीन पर गिर गए, जिसे अन्य कर्मचारियों ने तत्काल भर्ती कराया. वहीं जब इस पूरे मामले पर सिविल सर्जन और सीएमएचओ से जानकारी ली गई तो उन्होंने साफ तौर बात करने से मना कर दिया.

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