कटनी। मध्यप्रेदश में शिक्षा व्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है, लेकिन शिक्षा के गिरते स्तर के बीच नौनिहालों की जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा है. जिले में कई स्कूल रेलवे लाइन के पास बने हुए हैं, तो कई विद्यालयों का निर्माण तालाबों के किनारे करवा दिया गया है.
रीठी विकास खंड के अधीन संचालित सरकारी स्कूलों का जायजा लेने पर परत दर परत स्कूल की व्यवस्थाओं की कमियां खुलकर सामने आ गई, जिस पर कई बड़े सवाल खड़े होने लगे हैं.
केस -1
स्कूल की जमीन पर हो गया कब्जा, बाउंड्री वॉल भी नहीं
रीठी जनपद कार्यालय से महज 1 किलोमीटर दूर संचालित प्राथमिक शाला करिया पाथर की जमीन पर गांव के एक गुंडे नेता ने अवैध रूप से कब्जा करा लिया है. ये लोग स्कूल की जमीन पर आलीशान मकान बनाकर रह रहे हैं. इसकी जानकारी स्कूल के शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सूचना दी है, लेकिन अधिकारी कोई कदम नहीं उठाते हैं. क्योंकि अधिकारियों की मिलीभगत से ही अवैध कब्जा किया गया है.
यहां तक कि स्कूल की बिल्डिंग के सामने ही तालाब देवलिया जलाशय है. वाबजूद इसके इस प्रायमरी स्कूल में शासन द्वारा बाउंड्री वॉल का निर्माण नहीं कराया है. जिससे बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी अनहोनी का खतरा सताता रहता है.
केस -2
रेलवे लाईन के किनारे बना स्कूल, हर पल अनहोनी का अंदेशा
रीठी के ममार भटवा में स्कूल की स्थिति और खराब है. यहां संचालित शासकीय प्राथमिक शाला ममार भटवा रेलवे लाईन के बिल्कुल नजदीक बनी हुई है. इसलिए बच्चों की जान पर हर पल खतरा बना रहता है. शिक्षा विभाग द्वारा नौनिहालों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
कछारखेड़ा में भी स्कूल के पीछे एक निजी कुआं बना हुआ है. इस कुएं में हमेशा ही पानी भरा रहता है और बरसात के दिनों में यह कुआं पानी से लबालब भर जाता है. इस कूएं के पास स्कूल में अध्यनरत बच्चे खेलते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
केस -3
तालाब की मेढ़ पर स्कूल
बरहटा क्षेत्र का सरकारी स्कूल ममार डेम की मेढ़ पर बना है. यहां पर भी बाउंड्री वॉल नहीं बनाया गया है, जबकि बारिश के दिनों में यह जलाशय पानी से लबालब भर जाता है.
प्रशासन की लापरवाही से बच्चों की जान को हर पल खतरा है. शिक्षा के मंदिर उनके परिवारों के लिए मुसीबतों का सबब बन सकते हैं. ऐसे में प्रशासन ने अगर जल्द ही कुछ नहीं किया तो कोई भी बड़ हादसा हो सकता है.