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रक्षाबंधन पर कोरोना का असर, जेल में बंद भाइयों तक नहीं पहुंच पा रहीं बहनें

इस बार भाई बहन के बंधन में भी कोरोना का साया छाया रहा, सुरक्षा के मद्देनजर इस बार जेल में राखी का प्रोग्राम कैंसल कर दिया गया.

Jhanjhri jail of Katni
झिंझरी जेल
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Published : Aug 3, 2020, 4:20 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 4:55 PM IST

कटनी। कोरोना संक्रमण का असर इस बार भाई बहनों के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन में भी देखने को मिला है, कोरोना के कारण कैदियों से मुलाकात की व्यवस्था स्थगित होने से इस बार जेल में बंद भाइयों को बहन राखी नहीं बांध पा रही हैं. कटनी के झिंझरी जेल में रक्षाबंधन के मौके पर सुबह 6 बजे से हर साल जेल परिसर में बहनों की भीड़ लग जाती थी, लेकिन इस बार बहनों को भाइयों से नहीं मिलने दिया गया.

रक्षाबंधन पर कोरोना का असर

झिंझरी जेल में कैदियों के लिए राखी के रोज विशेष पकवान भी तैयार करवाया जाता था, लेकिन इस बार ऐसे देखने को नहीं मिला है. कैदी भाइयों की बहनों ने ईटीवी भारत से बताया कि जेल प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया बल्कि बाहर से ही भगा रहे हैं. बहनों की मांग है कि राखी भाइयों तक पहुंचा दें ताकि इस पर्व का त्योहार अछूता ना रह जाए.

हर साल की तरह जेल में बंद कैदियों की बहनें भाइयों से मिलने राखी लेकर दो आईं, पर पाबंदी के कारण भाई की कलाई में राखी बांधना तो दूर उनसे मिलने तक नहीं मिल पाया. पहले कैदी भाइयों को जेल प्रशासन विशेष निगरानी में बारी-बारी से बुलाकर बहनों से राखी बंधवाने की व्यवस्था करता था, लेकिन इस बार बहनों को मिठाइयां और हल्दी चंदन अक्षत की थाली उसी तरह वापस लेकर लौटना पड़ा.

कटनी। कोरोना संक्रमण का असर इस बार भाई बहनों के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन में भी देखने को मिला है, कोरोना के कारण कैदियों से मुलाकात की व्यवस्था स्थगित होने से इस बार जेल में बंद भाइयों को बहन राखी नहीं बांध पा रही हैं. कटनी के झिंझरी जेल में रक्षाबंधन के मौके पर सुबह 6 बजे से हर साल जेल परिसर में बहनों की भीड़ लग जाती थी, लेकिन इस बार बहनों को भाइयों से नहीं मिलने दिया गया.

रक्षाबंधन पर कोरोना का असर

झिंझरी जेल में कैदियों के लिए राखी के रोज विशेष पकवान भी तैयार करवाया जाता था, लेकिन इस बार ऐसे देखने को नहीं मिला है. कैदी भाइयों की बहनों ने ईटीवी भारत से बताया कि जेल प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया बल्कि बाहर से ही भगा रहे हैं. बहनों की मांग है कि राखी भाइयों तक पहुंचा दें ताकि इस पर्व का त्योहार अछूता ना रह जाए.

हर साल की तरह जेल में बंद कैदियों की बहनें भाइयों से मिलने राखी लेकर दो आईं, पर पाबंदी के कारण भाई की कलाई में राखी बांधना तो दूर उनसे मिलने तक नहीं मिल पाया. पहले कैदी भाइयों को जेल प्रशासन विशेष निगरानी में बारी-बारी से बुलाकर बहनों से राखी बंधवाने की व्यवस्था करता था, लेकिन इस बार बहनों को मिठाइयां और हल्दी चंदन अक्षत की थाली उसी तरह वापस लेकर लौटना पड़ा.

Last Updated : Aug 3, 2020, 4:55 PM IST
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