कटनी। भले ही शिवराज सरकार खूब बढ़-चढ़कर विकास की बातें करती है, पर हकीकत से इन दावों का बिल्कुल भी वास्ता नहीं है, कटनी जनपद के विस्तारा गांव में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. सरकार की सारी योजनाएं इस गांव के इर्द-गिर्द घूमकर निकल जाती हैं और ग्रामीण योजनाओं के लाभ की बाट जोहते रह जाते हैं.
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पात्रों को नहीं मिल रहा पीएम आवास योजना का लाभ
गांव के गिने-चुने लोगों को ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है, जबकि बाकी ग्रामीण तीन पीढ़ियों से पक्के मकान को तरस रहे हैं, जिनको प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम विकास सचिव सूर्य प्रताप पटेल की मर्जी से ही पात्र लाभार्थियों का चयन होता है, जबकि गांव की सरपंच माया भाई आदिवासी बताती हैं कि सचिव कहता है कि इलाके की जमीन कंपनी की है, ऐसे में पीएम आवास यहां नहीं बनाया जा सकता है.
ग्रामीणों को मयस्सर नहीं बुनियादी सुविधाएं
वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव मनमानी करते हैं. गांव में ही तीन लोगों के आवास बने हैं, जोकि सचिव के करीबी हैं, उनके काम होते हैं, उन्हें योजनाओं का लाभ भी मिलता है, बाकी परिवार बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.
ग्रामीणों को पट्टे के लिए SDM को लिखा पत्र
गांव में संचालित बोरा कंपनी के अधिकारी ने बताया कि विस्तारा गांव में आवास बनाने से ग्रामीणों को नहीं रोका गया है. इस संबंध में एसडीएम को पत्र भी लिखा गया है. गांव के 28 परिवारों के पास जमीन का पट्टा नहीं है, पट्टा मिलते ही गांव के लोगों को आवास योजना का लाभ दिया जायेगा. सचिव की मनमानी को लेकर उन्होंने कहा कि अगर ऐसी बात सामने आती है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जायेगी.
बदहाली की गवाही दे रहे कच्चे मकान
अधिकारी भले ही ग्रामीणों को जल्द सरकारी आवास का लाभ मिलने का दावा कर रहे हैं. साथ ही सरकारी कागजों में विस्तारा गांव में कई सरकारी योजनाओं का विस्तार हो चुका है, लेकिन हकीकत ये है कि करीब तीन पीढ़ियों से यहां के 50 परिवारों को जरूरी सुविधाएं तक मयस्सर नहीं हो रही हैं और कच्चे मकान-कच्ची सड़कें इसकी तस्दीक कर रही है.