कटनी। बहोरीबंद पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल कर दस साल पहले एक मंदिर से चोरी गई अष्टधातु से बनी भगवान श्रीकृष्ण मूर्ति पकड़ी है. जिस मूर्ति की कीमत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक करोड़ रुपए की बताई जा रही है. पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार को मुखबिर से सूचना मिली कि थाना बहोरीबंद में दिनांक 22 फरवरी 2010 को बाकल क्षेत्र के ग्राम राजा सलैया के 200 साल पुराने राधाकृष्ण मंदिर से एक प्राचीन कृष्ण भगवान की अष्टधातु की चोरी गई मूर्ति को ग्राम चिरई थाना तेजगढ़ जिला दमोह के विक्रम सिंह लोधी द्वारा चुराया गया है.
सूचना के आधार पर टीम के लगातार प्रयास पर संदेही विक्रम सिंह लोधी से दमोह जाकर पूछताछ की गई. जिसने बताया कि उसने साल 2009 में गांव टोरी जिला दमोह के रहने वाले अपने फूफा इंद्रकुमार लोधी के साथ रिश्ते की नानी के घर बाकल क्षेत्र के ग्राम राजा सलैया आया था. इस दौरान दोनों गांव के राधाकृष्ण मंदिर गये थे. मंदिर में उसने कृष्ण की मूर्ति देखी थी, तो फूफा इंद्रकुमार लोधी ने बताया था कि यह मूर्ति अष्टधातु की है. उसे फूफा ने उस मूर्ति की कीमत दस करोड़ रुपये और वजन 30 से 40 किलो बताया था. मूर्ति को देखकर उसके मन में लालच आ गया था. एक दिन रहने के बाद वह और फूफा वापस दमोह अपने अपने घर चले गए थे.
इसके करीब एक साल बाद 2010 में ठंड के माह में फूफा के लड़के संजय लोधी के साथ बाइक से राजा सलैया आया था. उसने राधाकृष्ण के मंदिर से कृष्ण की नीले रंग की अष्टधातु से बनी मूर्ति संजय लोधी की मदद से चुराली और अपनी बाइक से मूर्ति बीच में रखकर गांव चिरई आ गये थे. फूफा इंद्रकुमार लोधी को शक हो गया था कि उसने ही राजा सलैया की कृष्ण भगवान की मूर्ति चुराई है. तब मैंने जबलपुर के भेड़ाघाट से कृष्ण जी की संगमरमर की नीले रंग और राधा की सफेद रंग की मूर्ति 14 हजार रुपये में खरीद लिया था. ताकि दिखाने की हो जाये कि संगमरमर की मूर्ति उसके पास है.
फूफा इंद्रकुमार ने बहोरीबंद थाने में शिकायत कर दी थी कि उसने मूर्ति चुराई है, तब से पुलिस चौकी ईमलिया के थाना तेजगढ़ की पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था. पूछताछ में पुलिस को बताया था कि उसके पास भेड़ाघाट से खरीदी राधाकृष्ण की संगमरमर की मूर्ति है. जिसे उसने 14 हजार रुपये में खरीदकर लाया है. उसने पुलिस को मूर्ति खरीदने की रसीद भी दिखा दी. तब से पुलिस को उसकी बात पर विश्वास हो गया था.
आरोपी ने आज तक चुराई गई कृष्ण भगवान की मूर्ति पकड़े जाने के डर से नहीं बेचा. ये प्राचीन मूर्ति जो उस जमाने में 5 हजार रुपये में खरीदी गई थी, जिसकी आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में एंटीक वैल्यू लगभग एक करोड़ रुपये है. पुरातत्व अधिकारी की माने तो ये मूर्ति 17-18 वीं शताब्दी की है. मूर्ति लगभग 10 साल बाद बरामद होने पर क्षेत्र के नागरिकों ने पुलिस स्टाफ की तारीफ की गई. पुलिस अधीक्षक ने द्वारा पूरी टीम को नकद इनाम से पुरस्कृत किया.