कटनी। प्रदेश में रेत के अवैध उत्खनन के रोकथाम के लिए सरकार चाहे कितने भी दावे क्यों न कर रही हो लेकिन आज भी रेत माफिया बेखौफ नदियों में से रेत निकाल रहे हैं. रेत माफिया को इस बात से कोई अंतर नहीं पड़ता है कि वे जिस इलाके से रेत निकाल रहे हैं वहां का जलस्तर कितने नीचे जा चुका है. कटनी में एनजीटी द्वारा प्रतिबंध के बाद भी जिला प्रशासन की मिलीभगत से धड़ल्ले से महानदी के बीच धार से रेत का खनन किया जा रहा है. ईटीवी भारत मौके पर पहुंचा तो बरही तहसील के तहत परसवारा महानदी घाट पर मशीन द्वारा रेत निकाली जा रही थी. रेत निकालने की तस्वीर ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हो गई.
कटनी जिले मेंं रेत ठेकेदार नियमों को ताक पर रखकर, प्रतिबंध के बावजूद रेत निकाल रहे हैं. डंपर, हाईवा रेत ढ़ोने में लगे हुए हैं. लेकिन अचरच की बात यह है कि सब कुछ प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है और प्रशासन के अधिकरियों को इसकी भनक तक नहीं है. बता दें कि रेत के ठेकेदार परसवारा नदी घाट से जिले के जबलपुर, दमोह, पन्ना, सतना, उमरिया और शहडोल तक रेत की सप्लाई कर रहे हैं.
इस पूरे मामले में ग्रामीणों का कहना है कि गांव में अपने बच्चों को घरों से नहीं निकलने देते हैं, क्योंकि जान को खतरा बना रहता है. ग्रामीणों के मुताबिक रेत खनन की शिकायत अधिकारियों से की जा चुकी है. लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई है. ग्रामीण अंबरिका प्रसाद पटेल ने कहा कि यह सब मध्यप्रदेश शासन के इशारों पर ही तो हो रहा है.
खनिज अधिकारी संतोष सिंह बघेल इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं कि बारिश के दिनों में रेत का खनन जारी है. उन्होंने कहा कि सरकारी, गैर सरकारी काम के लिए रेत की जरुरत पड़ती है, यदि रेत का भंडारण नहीं किया जाएगा तो काम रोक जाएगा. खनिज अधिकारी ने अपनी तरह से पल्ला झाड़ते हुए कहा, सरकार ने रेत ठेकेदारों को रेत का भंडारण करने की अनुमति प्रदान की है. इस लिए वह रेत का परिवहन कर रहे हैं.