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इस सरकारी स्कूल में दो शिक्षक लेकिन छात्र एक भी नहीं, आखिर क्या है कारण

प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था हमेशा सवालों के घेरे में रहती है. कटनी के एक सरकारी स्कूल में एक भी छात्र नहीं हैं लेकिन शिक्षक दो है. ग्रामीणों का कहना है कि ये शिक्षक अच्छे से नहीं पढ़ाते, इसलिए उन्होंने अपने बच्चों का नाम स्कूल से कटवा दिया है.

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Published : Nov 18, 2019, 9:00 PM IST

Updated : Nov 18, 2019, 10:12 PM IST

कई छात्रों को हो रहा भविष्य बर्बाद

कटनी। जिले में कुछ ऐसे भी स्कूल हैं जहां एक भी छात्र स्कूल नहीं आते लेकिन स्कूल में शिक्षकों को वेतन के नाम पर हर साल लाखों रुपए दिए जा रहे हैं. कटनी से 17 किलोमीटर दूर हीरापुर कौड़िया गांव के प्राथमिक शाला चकराघाट का भवन तो आलीशान है लेकिन छात्र एक भी नहीं हैं और शिक्षक 2 हैं. इस स्कूल में 2 साल से एक भी छात्र ने एडमिशन नहीं लिया है. यहां तक कि जिन छात्रों के नाम दर्ज हैं वो भी प्राइवेट स्कूल में पढ़ने जाते हैं.

इस सरकारी स्कूल में दो शिक्षक लेकिन छात्र एक भी नहीं

शिक्षकों के पढ़ाने पर सवाल
ग्रामीणों ने बताया कि इस स्कूल में 2 शिक्षक पदस्थ हैं लेकिन यहां वो छात्रों को सही तरह से नहीं पढ़ा पा रहे हैं. इसी वजह से वो अपने बच्चों का नाम दूसरे गांव के स्कूल में लिखवा रहे हैं. ये शिक्षक अभिभावकों से भी कभी संपर्क नहीं करते. इस बारे में जिला के आला अधिकारियों तक शिकायत की गई है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

कटनी। जिले में कुछ ऐसे भी स्कूल हैं जहां एक भी छात्र स्कूल नहीं आते लेकिन स्कूल में शिक्षकों को वेतन के नाम पर हर साल लाखों रुपए दिए जा रहे हैं. कटनी से 17 किलोमीटर दूर हीरापुर कौड़िया गांव के प्राथमिक शाला चकराघाट का भवन तो आलीशान है लेकिन छात्र एक भी नहीं हैं और शिक्षक 2 हैं. इस स्कूल में 2 साल से एक भी छात्र ने एडमिशन नहीं लिया है. यहां तक कि जिन छात्रों के नाम दर्ज हैं वो भी प्राइवेट स्कूल में पढ़ने जाते हैं.

इस सरकारी स्कूल में दो शिक्षक लेकिन छात्र एक भी नहीं

शिक्षकों के पढ़ाने पर सवाल
ग्रामीणों ने बताया कि इस स्कूल में 2 शिक्षक पदस्थ हैं लेकिन यहां वो छात्रों को सही तरह से नहीं पढ़ा पा रहे हैं. इसी वजह से वो अपने बच्चों का नाम दूसरे गांव के स्कूल में लिखवा रहे हैं. ये शिक्षक अभिभावकों से भी कभी संपर्क नहीं करते. इस बारे में जिला के आला अधिकारियों तक शिकायत की गई है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

Intro:कटनी । कटनी जिले में कुछ ऐसे भी स्कूल चल रहे हैं जहां एक भी छात्र स्कूल में नहीं है । वही स्कूल में शिक्षकों को वेतन के नाम पर हर साल लाखों रुपए का चूना शासन को लगाया जा रहा है । कटनी जिले से महज 17 किलोमीटर दूर हीरापुर कौड़िया ग्राम पंचायत की प्राथमिक शाला चकराघाट स्कूल का उदाहरण देखें यहां स्कूल का आलीशान भवन भी है और यहां पर 2 शिक्षक हैं प्रधानाध्यापक के साथ-साथ एक टीचर है । इस स्कूल में बीते 2 वर्ष में एक भी छात्र ने प्रवेश नहीं लिए है , यहां तक कि जिन छात्रों के नाम दर्ज हैं वह भी किसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ने जाते हैं । ग्रामीणों ने बताया कि इस स्कूल में 2 शिक्षक पदस्थ है लेकिन यहां शिक्षक छात्रों को सही शिक्षा नहीं दे रहे हैं। इस वजह से अपने गांव की स्कूल छोड़कर छात्र 4 किलोमीटर दूर दूसरे गांव में जाकर अपना नाम लिखवा चुके है। और वही पढ़ाई कर रहे हैं ।



Body:वीओ - सुनसान स्कूल भवन कमरों के दरवाजों पर लटके ताले खाली बैठे 2 शिक्षक और छात्रों की संख्या सुन यह तस्वीर है सरकारी स्कूल की कटनी जिले के हीरापुर कौड़िया पंचायत में आने वाले सरकारी स्कूल चकराघाट की बदहाली शिक्षा विभाग की लापरवाही की कहानी बयां कर रहा है । स्कूल में पदस्थ शिक्षक सरकारी तनखा लेकर दिनभर के लिए मीटिंग में चले जाते हैं । स्कूल में छात्रों की संख्या सिर्फ दो है वह भी प्राइवेट स्कूल में पढ़ने जाते हैं । ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल नहीं बल्कि शिक्षा और पूरी शिक्षा व्यवस्था पर धब्बा है । यहां के स्टाफ को लड़ने से फुर्सत मिले तो अभिभावकों से संपर्क करें । उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में जिला के आला अधिकारियों तक शिकायत हुई है । लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है । 2 साल स्कूल में एक बच्चा भी नहीं है लाखों रुपए की तंखा ले चुके शिक्षक अपना घर इसी गांव में आकर अपने में मस्त हैं ।


Conclusion:फाईनल - जिले में कई ऐसे विद्यालय हैं जहां पर शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है अतिथि शिक्षकों के भरोसे विद्यालय चल रहे हैं आरोही हीरापुर कौड़िया पंचायत के चकरा घाट सरकारी स्कूल के शिक्षक फ्री में पगार खा रहे हैं गौरतलब है कि जिले में प्रतिवर्ष शिक्षा अभियान के तहत स्कूल चलो अभियान बच्चों को अनिवार्य रूप से प्रवेश दिलाने के लिए अन्य तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं लेकिन कितनी बड़ी नाकामी की बात है कि इस विद्यालय में लाखों रुपए का वेतन पाने वाले शिक्षक एक भी विद्यार्थी का एडमिशन नहीं करा पाए प्रशासन की शासन की दूरदर्शिता भी देखो उच्च अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी शिक्षकों को फ्री का वेतन दे रहे हैं ,और विद्यालय को बंद कराए जाने का प्रस्ताव भी भेजे जाने की बात कह रहे हैं । जब स्कूल की यह स्थिति है तो इन शिक्षकों को अभी तक स्थानांतरित क्यों नहीं किया गया है । सबसे बड़ी बात यह है कि एक और सरकार शिक्षा पर जोर दे रही है तो वहीं शासन स्कूलों को बंद कराने के प्रस्ताव भेज रहे हैं जो कि सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है ।

बाईट - कन्हैया - ग्रामीण
बाईट - अभिषेक यादव - छात्र
बाईट - रामाशंकर- ग्रामीण
बाईट - रेशमा यादव - ग्रामीण
बाईट- विवेक दुबे - बीआरसी कटनी
Last Updated : Nov 18, 2019, 10:12 PM IST
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