कटनी। राज्य सरकार ने प्रदेश भर में कोरोना संकरण को रोकने के लिए की जा रही कवायद और स्वास्थ सुविधाओं की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया है. ऐसे में अधिकारी भी वहीं देख रहे हैं, जो उन्हें दिखाया जा रहा है. इस बात की पोल खुली कटनी के जिला अस्पताल में, जहां अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा जिला कोविड-19 सेंटरों की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे. यहां एक ओर जहां व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर दिखाने के साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारी अपर मुख्य सचिव की मीडिया से दूरी बनाए रखने की कोशिश में जुटे रहे, वहीं बैठक के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के सवाल पर सचिव डॉ राजेश राजौरा ने जवाब देने की वजह कलेक्टर को बता आगे निकल गए.
सवालों से बचते नजर आए अपर मुख्य सचिव
जिले की बहोरीबंद तहसील की एक महिला का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें महिला ने कहा है कि वह अस्पताल में अपनी देवरानी की प्रसव संबंधित जांच कराने पहुंची थी. जहां उसे कोरोना का टेस्ट करने के लिए फार्म तो भरवाया गया, लेकिन वह डॉक्टर के पास तक नहीं गई और अपने घर लौट आई.
दो दिन बाद उसके पति ने फोन पर महिला के कोरोना वायरस पॉजिटिव होने की बात कही और उसे लाकर कोविड-19 में भर्ती किया गया. बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव से जब इस संबंध में मीडिया ने बात की तो उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब देने की बजाय कहा कि कलेक्टर सर जवाब देंगे, ये कहकर वे दूसरे जिले की ओर रवाना हो गए.
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सुबह दौरे पर पहुंचे अपर मुख्य सचिव
अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा सुबह जिला अस्पताल पहुंचे, जहां कलेक्टर शशि भूषण सिंह, जिला पंचायत CEO जगदीश चंद्र गोमे, SDM बलवीर रमन, CMHO और सिविल सर्जन के साथ जिला अस्पताल के कोरोना वायरस की जांच के लिए बनाई गई टेस्ट लैब का निरीक्षण किया.
इसके अलावा माधवनगर उत्कृष्ट स्कूल और बाबा माधव शाह हॉस्पिटल पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. साथ ही कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ बैठक में कोरोना संक्रमण को रोकने निर्देश दिए.