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MP में चाइनीज मांझे का लोग हो रहे शिकार, किसी के कट रहे गले तो किसी का कट रहा होंठ

लगातार बिक रहे चाइनीज मांझे का अबतक कई लोग शिकार हो चुके हैं. उज्जैन से लेकर झाबुआ तक के लोग इससे घायल हुए हैं. प्रशासन के प्रतिबंध के बाद भी चाइना डोर बेचा जा रहा है.

ujjain chinese manjha
उज्जैन में चाइनीज मांझा
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Published : Jan 13, 2023, 11:07 PM IST

झाबुआ। प्रशासन द्वारा चाइनीज मांझे की खरीदी-बिक्री और उपयोग पर लगाया गया प्रतिबंध कोरा कागजी साबित हो रहा है. जिसका उदाहरण है कि झाबुआ में एक युवती चाइनीज मांझे की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गई. उसके परिजन का कहना है प्रशासन जब अपने आदेश पर अमल ही नहीं करवा सकता तो फिर इस तरह के कागजी प्रतिबंध लगाने का क्या मतलब है? वहीं उज्जैन में भाजपा दीनदयाल मंडल के कार्यालय मंत्री विष्णु की चाइना डोर से नाक और होंठ कट गया.

चाइनीज मांझे का लोग हो रहे शिकार: शहर के मारुति नगर में रहने वाली 23 साल की युवती तोषिका चौहान स्कूटी पर अपने घर से राजवाड़ा चौक की तरफ जा रही थी. इस दौरान रास्ते में अचानक उसके मुंह के सामने चाइनीज मांझा आ गया. वह कुछ समझ पाती तब तक तो उसके होठ बुरी तरह से कट गए और खून बहने लगा. ऐसे में आसपास मौजूद लोगों ने परिजन को सूचना दी. इसके बाद तोषिका को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद परिजन उसे घर ले आए. यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले पेटलावद और राणापुर क्षेत्र में भी इस तरह से चाइनीज मांझे की चपेट में आकर लोग घायल हुए, लेकिन प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया.

प्रशासन को उज्जैन से सबक लेना चाहिए: तोषिका के पिता विक्रम सिंह का कहना है कि, प्रशासन ने चाइनीज मांझे की खरीदी-बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की केवल औपचारिकता की है. जिले में एक भी कार्यवाई अब तक नहीं की गई है. मेरी बेटी के साथ गंभीर हादसा भी हो सकता था. प्रशासन को उज्जैन से सबक लेना चाहिए, वहां किस तरह से कार्यवाई की जा रही है. बता दें की उज्जैन में प्रशासन कार्रवाई तो कर रही है लेकिन फिर भी कई हादसे घट रहे हैं.

चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के बावजूद बिक रहे: झाबुआ कलेक्टर रजनी सिंह ने 22 दिसंबर को धारा 144 के तहत आदेश जारी करते हुए चाइनीज मांझे की खरीदी-बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था. आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध धारा 188 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई करने की बात भी कही थी. इसके बावजूद अब तक एक भी कार्यवाई नहीं हुई. पूरे जिले में धड़ल्ले से न केवल चाइनीज मांझा बेचा जा रहा है, बल्कि लोग पतंग भी उड़ाने में इसी धागे का इस्तेमाल कर रहे हैं. दूसरी तरफ प्रशासन के आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा है कि प्लास्टिक, सिन्थेटिक मटेरियल से निर्मित चायनीज, नायलोन मांझे पर प्रतिबंध रहेगा. कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान, मार्ग, मकानों की छतों पर पतंग उड़ाने के दौरान चायनीज मांझे का उपयोग नहीं कर सकेगा.

Ujjain Chinese Manjha नहीं बाज आ रहे लोग, बीच चौराहे पर बुजुर्ग हुआ चाइनीज मांझे का शिकार, कटी पैर की नस

चाइना डोर बेचने वाला गिरफ्तार: उज्जैन भाजपा दीनदयाल मंडल के कार्यालय मंत्री विष्णु उम्र 40 वर्ष चाइना डोर के शिकार हो गए. उनकी नाक और होंठ चाइना डोर से कट गए. वहीं शहर के थाना देवास गेट क्षेत्र अंतगर्त मकर संक्रांति पर्व के 1 दिन पहले पुलिस ने फिर एक चाइना मांझा बेचने वाले को मुखबिर की सूचना पर धर दबोचने में सफलता हासिल की है. पुलिस को सूचना मिली थी कि कोई युवक प्रतिबंधित चायना मांझा लेकर प्रेमछाया मार्ग से गुजरने वाला है. पुलिस ने घेराबंदी कर युवक को हिरासत में लेकर तलाशी ली तो उसके पास से चायना डोर के 17 गट्टे पाए गए. युवक को थाने लाया गया और पूछताछ शुरु की गई.

झाबुआ। प्रशासन द्वारा चाइनीज मांझे की खरीदी-बिक्री और उपयोग पर लगाया गया प्रतिबंध कोरा कागजी साबित हो रहा है. जिसका उदाहरण है कि झाबुआ में एक युवती चाइनीज मांझे की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गई. उसके परिजन का कहना है प्रशासन जब अपने आदेश पर अमल ही नहीं करवा सकता तो फिर इस तरह के कागजी प्रतिबंध लगाने का क्या मतलब है? वहीं उज्जैन में भाजपा दीनदयाल मंडल के कार्यालय मंत्री विष्णु की चाइना डोर से नाक और होंठ कट गया.

चाइनीज मांझे का लोग हो रहे शिकार: शहर के मारुति नगर में रहने वाली 23 साल की युवती तोषिका चौहान स्कूटी पर अपने घर से राजवाड़ा चौक की तरफ जा रही थी. इस दौरान रास्ते में अचानक उसके मुंह के सामने चाइनीज मांझा आ गया. वह कुछ समझ पाती तब तक तो उसके होठ बुरी तरह से कट गए और खून बहने लगा. ऐसे में आसपास मौजूद लोगों ने परिजन को सूचना दी. इसके बाद तोषिका को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद परिजन उसे घर ले आए. यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले पेटलावद और राणापुर क्षेत्र में भी इस तरह से चाइनीज मांझे की चपेट में आकर लोग घायल हुए, लेकिन प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया.

प्रशासन को उज्जैन से सबक लेना चाहिए: तोषिका के पिता विक्रम सिंह का कहना है कि, प्रशासन ने चाइनीज मांझे की खरीदी-बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की केवल औपचारिकता की है. जिले में एक भी कार्यवाई अब तक नहीं की गई है. मेरी बेटी के साथ गंभीर हादसा भी हो सकता था. प्रशासन को उज्जैन से सबक लेना चाहिए, वहां किस तरह से कार्यवाई की जा रही है. बता दें की उज्जैन में प्रशासन कार्रवाई तो कर रही है लेकिन फिर भी कई हादसे घट रहे हैं.

चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के बावजूद बिक रहे: झाबुआ कलेक्टर रजनी सिंह ने 22 दिसंबर को धारा 144 के तहत आदेश जारी करते हुए चाइनीज मांझे की खरीदी-बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था. आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध धारा 188 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई करने की बात भी कही थी. इसके बावजूद अब तक एक भी कार्यवाई नहीं हुई. पूरे जिले में धड़ल्ले से न केवल चाइनीज मांझा बेचा जा रहा है, बल्कि लोग पतंग भी उड़ाने में इसी धागे का इस्तेमाल कर रहे हैं. दूसरी तरफ प्रशासन के आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा है कि प्लास्टिक, सिन्थेटिक मटेरियल से निर्मित चायनीज, नायलोन मांझे पर प्रतिबंध रहेगा. कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान, मार्ग, मकानों की छतों पर पतंग उड़ाने के दौरान चायनीज मांझे का उपयोग नहीं कर सकेगा.

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चाइना डोर बेचने वाला गिरफ्तार: उज्जैन भाजपा दीनदयाल मंडल के कार्यालय मंत्री विष्णु उम्र 40 वर्ष चाइना डोर के शिकार हो गए. उनकी नाक और होंठ चाइना डोर से कट गए. वहीं शहर के थाना देवास गेट क्षेत्र अंतगर्त मकर संक्रांति पर्व के 1 दिन पहले पुलिस ने फिर एक चाइना मांझा बेचने वाले को मुखबिर की सूचना पर धर दबोचने में सफलता हासिल की है. पुलिस को सूचना मिली थी कि कोई युवक प्रतिबंधित चायना मांझा लेकर प्रेमछाया मार्ग से गुजरने वाला है. पुलिस ने घेराबंदी कर युवक को हिरासत में लेकर तलाशी ली तो उसके पास से चायना डोर के 17 गट्टे पाए गए. युवक को थाने लाया गया और पूछताछ शुरु की गई.

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