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खाद के लिए किसान परेशान, कड़ाके की ठंड में सुबह 4 बजे से लाइन में लगने को मजबूर

झाबुआ के पेटलावद विकासखंड में यूरिया के लिए मारामारी मची हुई है. किसान कड़ाके की ठंड में 4 बजे सुबह से 1 बोरी यूरिया के लिए लाइन में लग जाते हैं. वहीं प्रशासन किसी भी तरह की यूरिया की कमी से इंकार कर रहा है.

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प्रशासन ने यूरिया की कमी से किया इंकार
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Published : Jan 3, 2020, 2:22 PM IST

झाबुआ। झाबुआ के पेटलावद विकासखंड में दर्जनों गांवों के किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा, जिसके चलते यह किसान सुबह 4 बजे से सोसायटी के आगे कतार बद्ध होकर यूरिया मिलने की आस में खड़े हो जाते हैं. यूरिया की कमी के चलते किसान अपने खेतों में पर्याप्त खाद नहीं दे पा रहा है.

प्रशासन ने यूरिया की कमी से किया इंकार


दरअसल, पेटलावद क्षेत्र की सहकारी संस्थाओं पर यूरिया खाद को लेकर खासी मारा मारी मची हुई है. किसान सुबह 4 बजे से लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि सहकारी संस्था पर किसानों की मांग के मुकाबले बहुत कम यूरिया खाद पहुंच रही है. खाद संस्थाओं में आते ही चंद घंटों में ही बंट जाता है और किसानों को लंबा इंतज़ार करना पड़ रहा है. यही वजह है कि इतनी सर्दी के बावजूद वे सुबह 4 बजे से लंबी कतारों में लगने को मजबूर हैं.


कड़कड़ाती ठंड में ठिठुरते किसान सुबह 4 बजे से कतारों में लगकर 1 बोरी यूरिया खाद के लिये मशक्कत कर रहे हैं. कृषि विभाग कहीं भी कमी न होने और पर्याप्त यूरिया की उपलब्धता का दावा कर रहा है.

झाबुआ। झाबुआ के पेटलावद विकासखंड में दर्जनों गांवों के किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा, जिसके चलते यह किसान सुबह 4 बजे से सोसायटी के आगे कतार बद्ध होकर यूरिया मिलने की आस में खड़े हो जाते हैं. यूरिया की कमी के चलते किसान अपने खेतों में पर्याप्त खाद नहीं दे पा रहा है.

प्रशासन ने यूरिया की कमी से किया इंकार


दरअसल, पेटलावद क्षेत्र की सहकारी संस्थाओं पर यूरिया खाद को लेकर खासी मारा मारी मची हुई है. किसान सुबह 4 बजे से लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि सहकारी संस्था पर किसानों की मांग के मुकाबले बहुत कम यूरिया खाद पहुंच रही है. खाद संस्थाओं में आते ही चंद घंटों में ही बंट जाता है और किसानों को लंबा इंतज़ार करना पड़ रहा है. यही वजह है कि इतनी सर्दी के बावजूद वे सुबह 4 बजे से लंबी कतारों में लगने को मजबूर हैं.


कड़कड़ाती ठंड में ठिठुरते किसान सुबह 4 बजे से कतारों में लगकर 1 बोरी यूरिया खाद के लिये मशक्कत कर रहे हैं. कृषि विभाग कहीं भी कमी न होने और पर्याप्त यूरिया की उपलब्धता का दावा कर रहा है.

Intro:झाबुआ : सरकार और प्रशासन प्रदेश में यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति और भंडारण की बात कर रही है मगर झाबुआ जिले के पेटलावद विकासखंड में दर्जनों गांवों के किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा जिसके चलते यह किसान सुबह 4 बजे से सोसाइटी के आगे कतार बद्ध होकर यूरिया मिलने की आस में खड़े हो जाते हैं । यूरिया की कमी के चलते एक और किसान अपने खेतों में पर्याप्त खाद नहीं दे पा रहा तो दूसरी और अधिकारी भी मानने लगे हैं कि पेटलावद में यूरिया की कमी है।Body:कड़कड़ाती ठंड में ठिठुरते किसान सुबह 4 बजे से कतारों में लग कर 1 बोरी यूरिया खाद के लिये मशक्कत कर रहे है। यह लंबी कतारें जिले के खेती किसानी से संपन्न पेटलावद इलाके की है। जहां कई दिनों से कुछ इसी तहर की तस्वीरें सामने आ रही है। उससे उलट कृषि विभाग कही भी कमी न होने और पर्याप्त यूरिया की उपलब्धता का दावा कर रहा है। Conclusion:दरअसल, पेटलावद क्षेत्र की सहकारी संस्थाओं पर यूरिया खाद को लेकर खासी मारा मारी मची हुई है। किसान सुबह 4 बजे से लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतजार कर रहे है। किसानों का आरोप है कि सहकारी संस्था पर किसानों की मांग के मुकाबले बहुत कम यूरिया खाद पहुंच रही है। खाद संस्थाओं में आते ही चंद घंटों में ही बंट जाता है और किसानों को लंबा इंतज़ार करना पड़ रहा है। यही वजह है कि सितम ढाती सर्दी के बावजुद वे सुबह 4 लंबी कतारों में लगने को मजबूर है।
बाइट- जानकी बाई, कतार में लगी महिला किसान
बाइट- रामसिंह, कतार में लगा किसान
बाइट- बाबूलाल मेड़ा, कतार में लगा किसान
बाइट- श्यामसिंह, कतार में लगा किसान
बाइट : पीएन यादव , महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक झाबुआ3
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