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आदिवासी छात्राओं के हौसले और हुनर से हारेगा क्राइम - मध्यप्रदेश

आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में स्कूली छात्राओं को आत्मरक्षा के हुनर सिखाए जा रहे हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर मनचलों ये छात्राएं अपनी सुरक्षा खुद कर सके. जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर नौगांवा हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ वित्तीय मदद दे रही है. स्कूल की छात्राओं को वसुधा संस्था के ट्रेनर पिछले 15 दिनों से कराटे का प्रशिक्षण दे रहे हैं, जिसे सीखने के लिए स्कूल की सैकड़ों छात्राएं हर दिन जुट रही है.

झाबुआ की स्कूली छात्राएं सीख रही कराटे
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Published : Jul 10, 2019, 8:02 PM IST

Updated : Jul 11, 2019, 2:08 AM IST

झाबुआ। जोश और हौसले ले लवरेज ये तस्वीरें भोपाल और इंदौर जैसे हाइटेक जिलों की नहीं है बल्कि आदिवासी जिले झाबुआ की हैं. जहां की लड़कियां छेड़खानी और खुद के खिलाफ होने वाले क्राइम से बचने के लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग ले रही हैं.

झाबुआ की स्कूली छात्राएं सीख रही कराटे

जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर नौगंवा हायर सेकेंडरी स्कूल की करीब सवा सौ से अधिक छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ की मदद से कराटे की ट्रेनिंग दी जा रही है. कराटे की ट्रेनिंग ले रही छात्राएं खुद पर होने वाले हमले से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. लड़कियों का कहना है कि कराटे की ट्रेनिंग उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ आत्मविश्वास भी जगा रही है. वो अब मनचलों को सबक सिखाने के लिए तैयार है.

वसुधा संस्था प्रोग्राम कॉर्डिनेटर का कहना है कि झाबुआ अंचल में लड़कियों के खिलाफ होने वाली घटनाओं पर रोक लगाने के लिए ही इस तरह के प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं. क्योंकि जब लड़कियां आत्मनिर्भर हो जाएगी हर वार का जवाब खुद दे पाएंगी. नौगांवा सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल स्कूल की छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सीखते देखकर खुश नजर आते है. उनका कहना है कि उनके स्कूल के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है. जिस आदिवासी अंचल में कभी महिलाएं बाहर निकलने से भी कतराती थी. अब वहां कराटे का प्रशिक्षण ले रही ये लड़कियां बदलते झाबुआ की तस्वीर पेश कर रही है.

झाबुआ। जोश और हौसले ले लवरेज ये तस्वीरें भोपाल और इंदौर जैसे हाइटेक जिलों की नहीं है बल्कि आदिवासी जिले झाबुआ की हैं. जहां की लड़कियां छेड़खानी और खुद के खिलाफ होने वाले क्राइम से बचने के लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग ले रही हैं.

झाबुआ की स्कूली छात्राएं सीख रही कराटे

जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर नौगंवा हायर सेकेंडरी स्कूल की करीब सवा सौ से अधिक छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ की मदद से कराटे की ट्रेनिंग दी जा रही है. कराटे की ट्रेनिंग ले रही छात्राएं खुद पर होने वाले हमले से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. लड़कियों का कहना है कि कराटे की ट्रेनिंग उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ आत्मविश्वास भी जगा रही है. वो अब मनचलों को सबक सिखाने के लिए तैयार है.

वसुधा संस्था प्रोग्राम कॉर्डिनेटर का कहना है कि झाबुआ अंचल में लड़कियों के खिलाफ होने वाली घटनाओं पर रोक लगाने के लिए ही इस तरह के प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं. क्योंकि जब लड़कियां आत्मनिर्भर हो जाएगी हर वार का जवाब खुद दे पाएंगी. नौगांवा सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल स्कूल की छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सीखते देखकर खुश नजर आते है. उनका कहना है कि उनके स्कूल के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है. जिस आदिवासी अंचल में कभी महिलाएं बाहर निकलने से भी कतराती थी. अब वहां कराटे का प्रशिक्षण ले रही ये लड़कियां बदलते झाबुआ की तस्वीर पेश कर रही है.

Intro:झाबुआ : आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में स्कूली छात्राओं को आत्मरक्षा के हुनर सिखाए जा रहे हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर मनचलों ये छात्राएं अपनी सुरक्षा खुद कर सके। जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर नौगांवा हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ वित्तीय मदद दे रही है । स्कूल की छात्राओं को वसुधा संस्था के ट्रेनर पिछले 15 दिनों से जुडो ओर कराटे का प्रशिक्षण दे रहे हैं ,जैसे सीखने के लिए स्कूल की सैकड़ों छात्राएं प्रतिदिन जुट रही है।


Body:स्कूली छात्राओं के साथ छेड़छाड़ ओर बढ़ते हमलो के चलते युवतियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए सरकार तरह-तरह के जन जागरूकता चलती है । बालिकाओ के सशक्तिकरण के लिए यूनिसेफ भारत मे कोदरी योजना के तहत वसुधा विकास संस्था के माध्यम से आदिवासी की छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही है ।


Conclusion:नौगांवा सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली आदिवासी समुदाय की सवा सौ से अधिक छात्राये प्रतिदिन स्कूल समय के अतिरिक्त समय में जुडो कराटे के प्रशिक्षण में भाग लेकर खुद को सेल्फ डिफेंस के माध्यम से मजबूत बना रही है। विद्यालय के प्राचार्य का मानना है कि इस तरह के आयोजन से छात्राओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा साथ ही सेना और पुलिस में जाने के रास्ते भी खुलेंगे। संस्थान के कोऑर्डिनेटर ने जिले के अन्य हिस्सों में छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने की बात कही ।
वीटी 1. छात्रा 2. छात्रा 3. प्राचार्य 4 . प्रोग्राम कोडिनेटर
कीवर्ड्स :
#मध्यप्रदेश# झाबुआ#सेल्फ डिफेंस #जूडो-कराटे# आदिवासी छात्राएं
Last Updated : Jul 11, 2019, 2:08 AM IST
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