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मौसम परिवर्तन के बाद बढ़ रही मरीजों की संख्या, अस्पताल में भीड़ - झाबुआ

झाबुआ में मौसम परिवर्तन के साथ ही जिले में लोगों के बीमार होने का आंकड़ा बढ़ने लगा है. कभी गर्मी, कभी ठंड तो कभी बादल के चलते वातावरण परिवर्तित हो रहा है. इस बदलाव के कारण सर्दी-जुखाम और बुखार से पीड़ित मरीज़ों की संख्या बढ़ती जा रही है.

Jhabua
झाबुआ अस्पताल
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Published : Nov 27, 2020, 3:05 PM IST

झाबुआ। मौसम परिवर्तन के साथ ही जिले में लोगों के बीमार होने का आंकड़ा बढ़ने लगा है. कभी गर्मी, कभी ठंड तो कभी बादल के चलते वातावरण परिवर्तित हो रहा है. इस बदलाव के कारण सर्दी-जुखाम और बुखार से पीड़ित मरीज़ों की संख्या बढ़ती जा रही है.

बढ़ रही मरीजों की संख्या

झाबुआ के मेघनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते 10 दिनों में 700 से ज्यादा मरीज अपना इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं. निजी डॉक्टरों से इलाज मेघनगर के सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ 2 दर्जन से ज्यादा क्लिनिकों पर सैकड़ों की संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं. निजी चिकित्सक और डॉक्टरों के पास मरीजों की संख्या ज्यादा है. सरकारी अस्पताल में इलाज करवाने पहुंच रहे मरीजों का दोबारा कोरोना टेस्ट किया जा रहा है. लिहाजा लोग कोरोना की जांच से बचने के लिए सरकारी अस्पताल की बजाय निजी डॉक्टरों के पास अपना इलाज करा रहे हैं.

मच्छरों का प्रकोप बढ़ा

मेघनगर के कई वार्डों में इन दिनों मच्छरों का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. जिससे बुखार पीड़ितों की संख्या भी बढ़ रही है. मेघनगर के कस्बाई वार्डों के साथ-साथ बाजार के वार्डों में नगर परिषद द्वारा मच्छर मारने के लिए ना तो फॉग मशीन का उपयोग किया जा रहा है और ना ही कीटनाशक दवाई का छिड़काव नालियों में किया जा रहा है. जिसके चलते बड़ी संख्या में मच्छरों के काटने से लोग बीमार हो रहे हैं.

मलेरिया और डेंगू फैलने का खतरा बढ़ा

निजी क्लीनिक में तय मापदंड के अनुसार बुखार की जांच ना होने से शहर में मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारी का खतरा भी बना हुआ है.

झाबुआ। मौसम परिवर्तन के साथ ही जिले में लोगों के बीमार होने का आंकड़ा बढ़ने लगा है. कभी गर्मी, कभी ठंड तो कभी बादल के चलते वातावरण परिवर्तित हो रहा है. इस बदलाव के कारण सर्दी-जुखाम और बुखार से पीड़ित मरीज़ों की संख्या बढ़ती जा रही है.

बढ़ रही मरीजों की संख्या

झाबुआ के मेघनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते 10 दिनों में 700 से ज्यादा मरीज अपना इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं. निजी डॉक्टरों से इलाज मेघनगर के सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ 2 दर्जन से ज्यादा क्लिनिकों पर सैकड़ों की संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं. निजी चिकित्सक और डॉक्टरों के पास मरीजों की संख्या ज्यादा है. सरकारी अस्पताल में इलाज करवाने पहुंच रहे मरीजों का दोबारा कोरोना टेस्ट किया जा रहा है. लिहाजा लोग कोरोना की जांच से बचने के लिए सरकारी अस्पताल की बजाय निजी डॉक्टरों के पास अपना इलाज करा रहे हैं.

मच्छरों का प्रकोप बढ़ा

मेघनगर के कई वार्डों में इन दिनों मच्छरों का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. जिससे बुखार पीड़ितों की संख्या भी बढ़ रही है. मेघनगर के कस्बाई वार्डों के साथ-साथ बाजार के वार्डों में नगर परिषद द्वारा मच्छर मारने के लिए ना तो फॉग मशीन का उपयोग किया जा रहा है और ना ही कीटनाशक दवाई का छिड़काव नालियों में किया जा रहा है. जिसके चलते बड़ी संख्या में मच्छरों के काटने से लोग बीमार हो रहे हैं.

मलेरिया और डेंगू फैलने का खतरा बढ़ा

निजी क्लीनिक में तय मापदंड के अनुसार बुखार की जांच ना होने से शहर में मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारी का खतरा भी बना हुआ है.

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