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नए कृषि कानूनों पर सांसद डामोर का दावा, "किसानों के लिए है फायदे का सौदा"

केंद्र द्वारा लाए गए कृषि सुधार कानून को लेकर रतलाम झाबुआ लोकसभा सांसद गुमान सिंह डामोर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर ने दावा किया कि कृषि सुधार कानूनों से किसान को आर्थिक रूप से लाभ होगा.

MP Guman Singh Damore
सांसद गुमान सिंह डामोर
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Published : Nov 7, 2020, 9:33 PM IST

झाबुआ। केंद्र सरकार द्वारा संसद में पास किए गए कृषि सुधार कानून को लेकर रतलाम झाबुआ लोकसभा सांसद गुमान सिंह डामोर ने ईटीवी भारत से बातचीत की. पंजाब, सहित देश के अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानून के विरोध को सांसद ने नौटंकी करार दिया. रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर ने कहा कि नया कृषि कानून किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए बनाया गया है, जो किसानों की माली हालत को सुधारेगा. कांग्रेस के आरोप पर डामोर ने कहा कि कांग्रेस को केवल रोने, गाने और चिल्लाने के अलावा कुछ नहीं आता.

सांसद गुमान सिंह डामोर से नए कृषि कानूनों पर खास चर्चा

"किसान विरोधी नहीं ये कानून"

नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध पर सांसद डामोर ने कहा, उन्होंने इस बिल को रात 2-2 बजे तक पूरा पढ़ा है, जिसमें एक भी लाइन किसान विरोधी नहीं है. इधर कांग्रेस शासित राज्य पंजाब में इसका जमकर विरोध हो रहा है. तो वहीं पंजाब विधानसभा में इन कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास कर तीन नए बिल पेश किए गए हैं, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) न देने पर तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान भी है.

यह भी पढ़े- कृषि कानूनों से किसानों के हित प्रभावित, बदलाव जरूरी : भारतीय किसान संघ

ऐसे ही बिल कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकार भी लाने की बात कह रही है, ताकि मोदी सरकार के कृषि कानूनों को कम से कम कांग्रेस के शासन वाले राज्यों में बेअसर किया जा सके. इधर भाजपा सांसद का दावा है कि इस कानून से किसानों को उनकी फसल सही दाम पर देश के किसी भी हिस्से में बेचने की आजादी मिलेगी.

फसल को देशभर में बेचने और भंडारण की स्वतंत्रता

भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर ने दावा किया कि कृषि सुधार कानूनों के तहत तीन कृषि कानून से किसान को आर्थिक रूप से लाभ होगा. इस कानून के तहत अब मंडी में किसानों को फसल बेचने के दौरान लगने वाले कमीशन और आढ़तियों को मिलने वाली कमीशन व्यवस्था को समाप्त कर दिया है. इससे किसान को 1000 पर 8.5 फीसदी का सीधा लाभ होगा.

यह भी पढ़े- केंद्र सरकार के कृषि बिलों को लेकर किसानों का प्रदर्शन, सड़क पर बैठकर की बिल वापस लेने की मांग

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग बनेगा लाभ का धंधा

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए किसान अपनी फसल को अपने खेत से लेकर खुले बाजार, मंडी और देश के किसी भी राज्य में बेचने के लिए स्वतंत्र होगा. इससे किसानों को उनकी उपज का सही और वाजिब दाम मिल सकेगा. एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट से सात फसलों को बाहर रखने से किसान और व्यापारी अपनी फसल को जितना चाहे उतना भंडारण कर सकेगा और जब फसल का ज्यादा भाव आए तब उसका विक्रय कर सकेगा, इसकी भी आजादी नए कृषि कानूनों में दी गई है.

यह भी पढ़े- कृषि कानूनों पर पंजाब में किसान नहीं बिचौलिये कर रहे प्रदर्शन : नड्डा

कांग्रेस फसलों की एमएसपी और इससे कम खरीदी पर कार्रवाई की बात कह रही है. कांग्रेस के आरोप पर सांसद डामोर ने कटाक्ष करते हुए कहा, कांग्रेस के पास रोने, गाने और चिल्लाने के अलावा कुछ नहीं बचा है.

झाबुआ। केंद्र सरकार द्वारा संसद में पास किए गए कृषि सुधार कानून को लेकर रतलाम झाबुआ लोकसभा सांसद गुमान सिंह डामोर ने ईटीवी भारत से बातचीत की. पंजाब, सहित देश के अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानून के विरोध को सांसद ने नौटंकी करार दिया. रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर ने कहा कि नया कृषि कानून किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए बनाया गया है, जो किसानों की माली हालत को सुधारेगा. कांग्रेस के आरोप पर डामोर ने कहा कि कांग्रेस को केवल रोने, गाने और चिल्लाने के अलावा कुछ नहीं आता.

सांसद गुमान सिंह डामोर से नए कृषि कानूनों पर खास चर्चा

"किसान विरोधी नहीं ये कानून"

नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध पर सांसद डामोर ने कहा, उन्होंने इस बिल को रात 2-2 बजे तक पूरा पढ़ा है, जिसमें एक भी लाइन किसान विरोधी नहीं है. इधर कांग्रेस शासित राज्य पंजाब में इसका जमकर विरोध हो रहा है. तो वहीं पंजाब विधानसभा में इन कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास कर तीन नए बिल पेश किए गए हैं, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) न देने पर तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान भी है.

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ऐसे ही बिल कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकार भी लाने की बात कह रही है, ताकि मोदी सरकार के कृषि कानूनों को कम से कम कांग्रेस के शासन वाले राज्यों में बेअसर किया जा सके. इधर भाजपा सांसद का दावा है कि इस कानून से किसानों को उनकी फसल सही दाम पर देश के किसी भी हिस्से में बेचने की आजादी मिलेगी.

फसल को देशभर में बेचने और भंडारण की स्वतंत्रता

भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर ने दावा किया कि कृषि सुधार कानूनों के तहत तीन कृषि कानून से किसान को आर्थिक रूप से लाभ होगा. इस कानून के तहत अब मंडी में किसानों को फसल बेचने के दौरान लगने वाले कमीशन और आढ़तियों को मिलने वाली कमीशन व्यवस्था को समाप्त कर दिया है. इससे किसान को 1000 पर 8.5 फीसदी का सीधा लाभ होगा.

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कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग बनेगा लाभ का धंधा

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए किसान अपनी फसल को अपने खेत से लेकर खुले बाजार, मंडी और देश के किसी भी राज्य में बेचने के लिए स्वतंत्र होगा. इससे किसानों को उनकी उपज का सही और वाजिब दाम मिल सकेगा. एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट से सात फसलों को बाहर रखने से किसान और व्यापारी अपनी फसल को जितना चाहे उतना भंडारण कर सकेगा और जब फसल का ज्यादा भाव आए तब उसका विक्रय कर सकेगा, इसकी भी आजादी नए कृषि कानूनों में दी गई है.

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कांग्रेस फसलों की एमएसपी और इससे कम खरीदी पर कार्रवाई की बात कह रही है. कांग्रेस के आरोप पर सांसद डामोर ने कटाक्ष करते हुए कहा, कांग्रेस के पास रोने, गाने और चिल्लाने के अलावा कुछ नहीं बचा है.

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