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झाबुआ- रतलाम लोकसभा क्षेत्र में क्या है महिलाओं के मुद्दे, पढ़िये इस खास रिपोर्ट में - mp

रतलाम-झाबुआ लोकसभा क्षेत्र में महिलाओं ने कुछ मुद्दे उठाये है. उनका कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सांसद महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा और रोजगार को लेकर कदम उठाये. ताकि झाबुआ से पलायान की स्थिति को रोका जा सके.

झाबुआ- रतलाम लोकसभा क्षेत्र में महिलाओं ने उठाये ये मुद्दे
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Published : Apr 27, 2019, 8:21 PM IST


झाबुआ। रतलाम- झाबुआ लोकसभा सीट पर 19 मई को मतदान होना है. एक तरफ जहां जनप्रतिनिधि ज्यादा से ज्यादा वोट करने की जनता से अपील कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ स्थानीय महिलाओं ने सरकारी योजनाओं को ग्राम स्तर तक पहुंचाने और महिलाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार के क्षेत्र में काम करने की मांग की है.

झाबुआ- रतलाम लोकसभा क्षेत्र में महिलाओं ने उठाये ये मुद्दे

सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली भारतीय सोनी ने जिले के ग्रामीण अंचलों में आदिवासी महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए है.उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में ना तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है और ना ही इन स्कूलों में मापदंडों के हिसाब से सुविधाएं हैं.

डॉक्टर चारू लता दवे का कहना है कि ने कहना है कि सांसद शिक्षा, पलायन और पानी के संरक्षण पर काम करें. उन्होंने कहा कि अगर बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी तो वो मानसिक और शारीरिक रुप से शोषित होते हैं.

ग्रहणी होने के साथ-साथ अपने पति के साथ दुकान चलाने वाली बुलबुल पाटीदार का कहना है कि रतलाम संसदीय सीट पर महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटरों के लगभग समान है, ऐसे में महिलाओं को भी चुनाव लड़ने का मौका राजनीतिक दलों को देना चाहिए, ताकि महिलाओं संबंधी मुद्दों को संसद में उठाकर देश भर की महिलाओं की समस्याओं का समाधान किया जा सके.


झाबुआ। रतलाम- झाबुआ लोकसभा सीट पर 19 मई को मतदान होना है. एक तरफ जहां जनप्रतिनिधि ज्यादा से ज्यादा वोट करने की जनता से अपील कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ स्थानीय महिलाओं ने सरकारी योजनाओं को ग्राम स्तर तक पहुंचाने और महिलाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार के क्षेत्र में काम करने की मांग की है.

झाबुआ- रतलाम लोकसभा क्षेत्र में महिलाओं ने उठाये ये मुद्दे

सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली भारतीय सोनी ने जिले के ग्रामीण अंचलों में आदिवासी महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए है.उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में ना तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है और ना ही इन स्कूलों में मापदंडों के हिसाब से सुविधाएं हैं.

डॉक्टर चारू लता दवे का कहना है कि ने कहना है कि सांसद शिक्षा, पलायन और पानी के संरक्षण पर काम करें. उन्होंने कहा कि अगर बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी तो वो मानसिक और शारीरिक रुप से शोषित होते हैं.

ग्रहणी होने के साथ-साथ अपने पति के साथ दुकान चलाने वाली बुलबुल पाटीदार का कहना है कि रतलाम संसदीय सीट पर महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटरों के लगभग समान है, ऐसे में महिलाओं को भी चुनाव लड़ने का मौका राजनीतिक दलों को देना चाहिए, ताकि महिलाओं संबंधी मुद्दों को संसद में उठाकर देश भर की महिलाओं की समस्याओं का समाधान किया जा सके.

Intro:झाबुआ रतलाम लोकसभा सीट पर 19 मई को होने वाले मतदान से पहले ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए झाबुआ शहर की महिलाओं ने सरकार और भावी सांसद के सामने अपनी बेबाक राय रखी। लोकसभा में महिला वोटरों की हिस्सेदारी 50 फ़ीसदी के लगभग होने पर राजनीतिक दलों से चुनावो में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने की भी मांग की । स्थानीय महिलाओं ने अपने भावी सांसद से सरकारी योजनाओं को ग्राम स्तर तक क्रियान्वयन करने और महिलाओं के लिए अच्छे स्वास्थ्य शिक्षा और रोजगार की कमी को दूर करने की मांग की ।


Body:सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली भारतीय सोनी ने जिले के ग्रामीण अंचलों में आदिवासी महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए ,उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में ना तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है और ना ही इन स्कूलों में मानक के हिसाब से सुविधाएं हैं ऐसे में जिला लगातार बढ़ता जा रहा है । डॉक्टर चारू लता दवे ने कहा कि उनका सांसद शिक्षा, पलायन और पानी के संरक्षण पर काम करें । डॉक्टर दवे ने कहा कि यदि बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलती तो वे मानसिक ओर शारीरिक रुप से शोषित होते हैं । गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा से रोजगार भी मिल सकेगा और पानी बचाने में जागरूकता भी आएगी ।


Conclusion:ग्रहणी होने के साथ-साथ अपने पति के साथ दुकान चलाने वाली बुलबुल पाटीदार ने कहा कि रतलाम संसदीय सीट पर महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटरों के लगभग समान है ,ऐसे में महिलाओं को भी चुनाव लड़ने का मौका दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों को देना चाहिए, ताकि महिलाओं संबंधी मुद्दों को संसद में उठाकर देश भर की महिलाओं की समस्याओं का समाधान किया जा सके। झाबुआ में रोजगार की कमी के चलते ग्रामीणों का पलायन हो रहा है जिसको झाबुआ के आर्थिक विकास में बाधक मानती है ।
बाइट: भारती सोनी ,
बाइट: डॉ चारुलाता दवे,
बाइट : बुलबुल पाटीदार,
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