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कागज में आबकारी विभाग संभाल रहा शराब दुकान, मौके पर मिले ठेकेदार के कर्मचारी

झाबुआ जिले के शराब ठेकेदारों ने लाइसेंस फीस कम करने की मांग को लेकर दुकान विभाग को सरेंडर कर दी है. बीते 3 दिनों से आबकारी विभाग खुद शराब दुकानों का संचालन कर रहा है. लेकिन ये सब कागजों में ही है, असल में ठेकेदार के कर्मचारी ही दुकान चला रहे हैं.

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Published : Jun 12, 2020, 3:28 AM IST

Updated : Jun 13, 2020, 1:34 AM IST

Liquor trader running liquor shops under the  guise of excise department in jhabua
आबकारी की आड़ में शराब कारोबारी चला रहे शराब दुकान

झाबुआ। राजगढ़ नाका स्थित देशी-विदेशी लाइसेंसी शराब ठेकेदार ने भी लाइसेंस फीस कम करने की मांग को लेकर विभाग को दुकान सरेंडर कर दी है. बीते 3 दिनों से आबकारी विभाग इस शराब दुकानों का संचालन कर रहा है. कहने को यहां आबकारी विभाग के कर्मचारी तैनात है, लेकिन असल में ठेकेदार के कर्मचारी दुकान चला रहे हैं.

कागज में आबकारी विभाग संभाल रहा शराब दुकान

राजगढ़ नाका स्थित दुकान क्रमांक- 2 के लिए आबकारी विभाग ने गुरुवार को टेंडर जारी किया है. इस टेंडर में आने वाले 7 दिनों तक का ठेका नीलाम होगा. क्योंकि 17 जून के बाद शराब दुकानदारों के संबंध में न्यायालय में चल रहे मामले का निराकरण हो सकता है. न्यायालय के निर्णय के बाद ही स्थिति साफ होगी, कि यह दुकान आगे नीलाम की जाएगी या पूर्ववर्ती ठेकेदार को ही सुपुर्द की जाएगी.

आबकारी विभाग के प्रभारी अधिकारी की मानें तो, इन दो दुकानों पर उन्होंने आबकारी विभाग के 2 आरक्षकों को नियुक्त किया है, लेकिन आबकारी आरक्षक की बजाय ठेकेदार के कर्मचारी ही शराब दुकानों पर शराब बेचते हुए नजर आ रहे हैं. आबकारी अधिकारी शादाब अहमद सिद्दीकी मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

झाबुआ। राजगढ़ नाका स्थित देशी-विदेशी लाइसेंसी शराब ठेकेदार ने भी लाइसेंस फीस कम करने की मांग को लेकर विभाग को दुकान सरेंडर कर दी है. बीते 3 दिनों से आबकारी विभाग इस शराब दुकानों का संचालन कर रहा है. कहने को यहां आबकारी विभाग के कर्मचारी तैनात है, लेकिन असल में ठेकेदार के कर्मचारी दुकान चला रहे हैं.

कागज में आबकारी विभाग संभाल रहा शराब दुकान

राजगढ़ नाका स्थित दुकान क्रमांक- 2 के लिए आबकारी विभाग ने गुरुवार को टेंडर जारी किया है. इस टेंडर में आने वाले 7 दिनों तक का ठेका नीलाम होगा. क्योंकि 17 जून के बाद शराब दुकानदारों के संबंध में न्यायालय में चल रहे मामले का निराकरण हो सकता है. न्यायालय के निर्णय के बाद ही स्थिति साफ होगी, कि यह दुकान आगे नीलाम की जाएगी या पूर्ववर्ती ठेकेदार को ही सुपुर्द की जाएगी.

आबकारी विभाग के प्रभारी अधिकारी की मानें तो, इन दो दुकानों पर उन्होंने आबकारी विभाग के 2 आरक्षकों को नियुक्त किया है, लेकिन आबकारी आरक्षक की बजाय ठेकेदार के कर्मचारी ही शराब दुकानों पर शराब बेचते हुए नजर आ रहे हैं. आबकारी अधिकारी शादाब अहमद सिद्दीकी मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

Last Updated : Jun 13, 2020, 1:34 AM IST
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