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पोल कैश मामले पर बोले कांतिलाल भूरिया, निष्पक्ष होनी चाहिए जांच

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Published : Dec 25, 2020, 2:14 AM IST

कमलनाथ के करीबी अधिकारियों के पास मिले दस्तावेजों में झाबुआ जिले के विधायकों के नाम भी शामिल है. लेकिन अब इसे लेकर कांग्रेस नेताओं के बयान आने शुरु हो गए है. पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है.

Kantilal Bhuria
कांतिलाल भूरिया

झाबुआ। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पोल कैश के लेनदेन को लेकर हो रहे खुलासों में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम तो शामिल हैं. कमलनाथ के करीबी अधिकारियों के पास मिले दस्तावेजों में झाबुआ जिले के विधायकों के नाम भी शामिल है. लेकिन अब इसे लेकर कांग्रेस नेताओं के बयान आने शुरु हो गए है. पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने इस मामले में अपना पक्ष रखा है.

पोल कैश मामले की हो निष्पक्ष जांच- कांतिलाल भूरिया

निष्पक्ष जांच होनी चाहिए: कांतिलाल भूरिया

इस पूरे मामले में झाबुआ जिले के विधायकों का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने इसे कांग्रेस के खिलाफ साजिश बताते हुए सिंधिया समर्थकों पर कार्रवाई की मांग की है. भूरिया ने शिवराज पर ई-टेंडरिंग, व्यापम भर्ती जैसे कई घोटालों के आरोप लगाते हुए कहा कि यदि दोषी सिद्ध होता है तो कार्रवाई निष्पक्ष होना चाहिए. सीबीडीटी की रिपोर्ट आने के कई दिनों बाद भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस मामले में निर्णय नहीं ले पा रहे है.

भाजपा के लिए मुसीबत बना कार्रवाई करना

कमलनाथ सरकार के समय पड़े आयकर छापों में जितनी परेशानी कांग्रेस के लिए खड़ी हुई है, उससे ज्यादा धर्मसंकट भाजपा के सामने खड़ा हो गया है. भाजपा की परेशानी यह है कि छापों में जिन कांग्रेस नेताओं के नाम आए हैं, उनमें से कई अब भाजपा खेमे में शामिल हो कर सरकार का हिस्सा बन गए है. जिन नेताओ के नाम सामने आए है उनमे से तो कुछ तो मंत्री भी है, वहीं कुछ नेताओं के नाम संभवित नाम निगम मंडल के लिए प्रस्तावित है. ऐसे में भाजपा सरकार पर इन नेताओं पर कार्रवाई ही करना मुश्किल होता जा रहा है.

नेताओं और अधिकारियों की नींद उड़ी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के सहयोगीयों के यहां देशभर में मारे गए छापों की रिपोर्ट के बाद कई नौकरशाहों और राजनेताओं की नींद उड़ा रखी है. खासतौर पर इनमें वह नेता शामिल है जो ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक माने जाते हैं.

झाबुआ। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पोल कैश के लेनदेन को लेकर हो रहे खुलासों में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम तो शामिल हैं. कमलनाथ के करीबी अधिकारियों के पास मिले दस्तावेजों में झाबुआ जिले के विधायकों के नाम भी शामिल है. लेकिन अब इसे लेकर कांग्रेस नेताओं के बयान आने शुरु हो गए है. पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने इस मामले में अपना पक्ष रखा है.

पोल कैश मामले की हो निष्पक्ष जांच- कांतिलाल भूरिया

निष्पक्ष जांच होनी चाहिए: कांतिलाल भूरिया

इस पूरे मामले में झाबुआ जिले के विधायकों का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने इसे कांग्रेस के खिलाफ साजिश बताते हुए सिंधिया समर्थकों पर कार्रवाई की मांग की है. भूरिया ने शिवराज पर ई-टेंडरिंग, व्यापम भर्ती जैसे कई घोटालों के आरोप लगाते हुए कहा कि यदि दोषी सिद्ध होता है तो कार्रवाई निष्पक्ष होना चाहिए. सीबीडीटी की रिपोर्ट आने के कई दिनों बाद भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस मामले में निर्णय नहीं ले पा रहे है.

भाजपा के लिए मुसीबत बना कार्रवाई करना

कमलनाथ सरकार के समय पड़े आयकर छापों में जितनी परेशानी कांग्रेस के लिए खड़ी हुई है, उससे ज्यादा धर्मसंकट भाजपा के सामने खड़ा हो गया है. भाजपा की परेशानी यह है कि छापों में जिन कांग्रेस नेताओं के नाम आए हैं, उनमें से कई अब भाजपा खेमे में शामिल हो कर सरकार का हिस्सा बन गए है. जिन नेताओ के नाम सामने आए है उनमे से तो कुछ तो मंत्री भी है, वहीं कुछ नेताओं के नाम संभवित नाम निगम मंडल के लिए प्रस्तावित है. ऐसे में भाजपा सरकार पर इन नेताओं पर कार्रवाई ही करना मुश्किल होता जा रहा है.

नेताओं और अधिकारियों की नींद उड़ी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के सहयोगीयों के यहां देशभर में मारे गए छापों की रिपोर्ट के बाद कई नौकरशाहों और राजनेताओं की नींद उड़ा रखी है. खासतौर पर इनमें वह नेता शामिल है जो ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक माने जाते हैं.

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