झाबुआ। जयस के राष्ट्रीय संरक्षक और विधायक डॉ. हीरालाल अलावा के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और झाबुआ से विधायक कांतिलाल भूरिया ने भी अलग से भील प्रदेश बनाए जाने की पैरवी की है. उन्होंने कहा अलग से प्रदेश बनता है तो अच्छा है ताकि उसका बजट भी अलग से आएगा और आदिवासियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा. विधायक भूरिया प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर संवाददाताओं से रूबरू हो रहे थे. इस दौरान अलग भील प्रदेश की बात पर उन्होंने कहा कि हम भी इस बात को पहले से कहते आ रहे हैं, पर कोई सरकार सुनने को तैयार नहीं है.
नहीं है भाजपा में दम: विधायक कांतिलाल भूरिया ने कहा कि वर्तमान समय में जितने प्रदेश हैं वे पहले से ही बने हुए हैं. उन्हें तोड़कर अलग से प्रदेश बनाना असंभव सी बात है. अलग से भील प्रदेश बनाने के लिए बहुत ही एक्सरसाइज करना होगी. सरकार में इसके लिए हिम्मत होनी चाहिए. भारतीय जनता पार्टी के पास इसके लिए हिम्मत नहीं है. अलग प्रदेश बनाने के लिए धन की भी जरूरत पड़ेगी और लोगों को विश्वास में भी लेना पड़ेगा. कौन से प्रदेश का कौन सा गांव, कौन सा ब्लॉक, कौन सी तहसील नए प्रदेश में जाएगी, यह सब छटनी करने का काम करना होगा. विधायक कांतिलाल भूरिया ने यह भी कहा कि केंद्र और प्रदेश में हमारी सरकार बनेगी. राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे तो वहीं एमपी में कमलनाथ जी फिर से स्थापित होंगे. जनता फिर चाह रही है कि कांग्रेस सरकार ही आना चाहिए.
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नालायक नेता को सजा दो: भूरिया ने कहा कि अब इन लुटेरों की विदाई का समय आ गया है. ये विकास यात्रा की बात कर रहे हैं, जबकि ये भाजपा की विदाई यात्रा है. वो अपने आप जनता को बता रहे हैं कि हमे माफ कर दो, हम कुछ कर नहीं पाए. हमारे ऊपर वाले नेता नालायक निकले और नालायक को सजा दो.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के झाबुआ के प्रस्तावित दौरे को लेकर विधायक भूरिया ने कहा वो हर जिले में जा रहे हैं विदाई यात्रा के लिए. झाबुआ में भी वो इसी लिए आ रहे हैं. हर जगह जाकर वो लोगों से माफी मांग रहे हैं कि मुझे माफ कर दो, मैं नालायक निकला हूं. आपने मुझे मौका दिया था, लेकिन मैं कुछ कर नहीं पाया हूं.
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विकास नहीं निकास यात्रा: युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा आज मध्यप्रदेश में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है. अगर मैं एक लाइन में यह बोलना चाहूं कि मध्यप्रदेश की क्या स्थिति और इसमें बीजेपी का क्या योगदान है तो उन्होंने पहले इस राज्य को बीमारू बनाया. उसके बाद बेरोजगारों का प्रदेश बना दिया. बेरोजगारी की यह स्थिति है कि पटवारी के 6 हजार पद निकलते हैं और 12 लाख युवा आवेदन करते हैं. इस से ही भाजपा सरकार का विकास दिख जाता है. आज भाजपा जो विकास यात्रा निकाल रही है वह असली में इनकी निकास यात्रा है. ये उन कामों का भूमि पूजन कर रहे हैं जो 2018 के हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर इन्होंने विकास किया होता तो इनको विकास यात्रा निकालने की जरूरत ही नहीं पड़ती.