झाबुआ। हॉस्टल की नाबालिग छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपी झाबुआ एसडीएम सुनील कुमार झा को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) राजेंद्र कुमार शर्मा की कोर्ट ने एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उनके वकील के द्वारा लगाई गई जमानत याचिका पर अब बुधवार को फरियादी पक्ष की सुनवाई के बाद फैसला होगा. उधर इस मामले में कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर संभागायुक्त पवन कुमार शर्मा ने झा को निलंबित करने के आदेश दे दिए हैं.
एसडीएम ने छात्राओं से की अश्लील हरकत: गौरतलब है कि झाबुआ एसडीएम झा के विरुद्ध नवीन अजजा कन्या आश्रम झाबुआ की अधीक्षका ने शिकायत की थी. उनके द्वारा 9 जुलाई को निरीक्षण के दौरान छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और अश्लील हरकत की गई. सोमवार देर शाम जब कलेक्टर तन्वी हुड्डा की जानकारी में बात आई तो उन्होंने कड़ा एक्शन लेते हुए न केवल एसडीएम के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दे दिए, बल्कि संभागायुक्त को प्रतिवेदन भेजकर एसडीएम को सस्पेंड करने की अनुशंसा कर दी. इसके आधार पर संभागायुक्त ने निलंबित करते हुए झा का मुख्यालय बुरहानपुर कर दिया. उधर, हॉस्टल अधीक्षिका और बालिकाओं के बयान के आधार पर पुलिस ने मंगलवार तड़के करीब साढ़े 6 बजे एसडीएम झा के विरुद्ध धारा 354, 354(क), पॉक्सो एक्ट और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनयम में प्रकरण दर्ज कर लिया है. इसके तत्काल बाद पुलिस ने उन्हें उनके बंगले से हिरासत में भी ले लिया. हालांकि इस दौरान उन्होंने काफी हंगामा भी किया. बेहद हाईप्रोफाइल मामला होने से पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के बाद झाबुआ कोतवाली की बजाय कालीदेवी थाने ले गई. जहां से करीब पौने 12 बजे भारी पुलिस बल की मौजूदगी में एसडीएम झा को न्यायालय लाया गया. प्रकरण में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश की कोर्ट ने उन्हें एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दे दिए.
जमानत याचिका पर सुनवाई होना है: विशेष लोक अभियोजक मनीषा मुवेल ने बताया झाबुआ एसडीएम सुनील कुमार झा के विरुद्ध बेहद गंभीर आरोप लगे हैं. न्यायालय ने उन्हें अभी जेल भेज दिया है. उनके वकील ने जमानत याचिका दायर की है. इस पर बुधवार को सुनवाई होगी.
भाजपा सरकार में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार: युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजय भाबर ने इस पूरे मामले में कहा कि भाजपा सरकार में आदिवासियों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं. झाबुआ में एसडीएम ने आदिवासी छात्राओं के साथ छेड़खानी की. इससे शर्मनाक हरकत और क्या हो सकती है.
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क्या है पूरा मामला: 9 जुलाई को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे एसडीएम सुनील कुमार झा नवीन अजजा कन्या आश्रम पहुंचे. इस हॉस्टल में छटी से आठवीं तक की 50 आदिवासी छात्राएं रहती हैं. हॉस्टल पहुंचने के बाद एसडीएम ने पहले अधीक्षिका को बाहर कर दिया. इस दौरान वे पांच नंबर रूम में गए. यहां उन्होंने पहले एक छात्रा से पूछा कि तुम कौन सी क्लास में पढ़ती हो, फिर पास खड़ी एक अन्य छात्रा के कंधे पर हाथ रखकर सवाल किया कि खाना और नाश्ता दोनों टाइम से मिलता है या नहीं. तब तक एक और छात्रा आकर खड़ी हो गई. एसडीएम ने उससे भी नाम और पता पूछा. फिर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए पलंग पर बैठाया और खुद भी पास में बैठ गए. यही नहीं एसडीएम ने गलत इरादे से बालिका की कमर में हाथ डाला और बालों को सूंघते हुए पूछा कि कौन सा ऑयल लगाती हो. छात्रा ने बोला आंवले का तेल लगाती हूं तो एसडीएम ने बालिका के सिर को चूमा, वे यहीं नहीं रुके. वे बालिका से उसके पीरियड को लेकर सवाल करने लगे. जाते हुए एक छात्रा के सीने पर हाथ भी रखा. फिर बाहर निकलते हुए वापस अंदर आए और बीच में खड़ी एक छात्रा का हाथ पकड़ा और गाल खींचे. फिर रूम से बाहर जाते हुए एक बालिका को गले लगाया. फिर पास खड़ी एक अन्य छात्रा से कहा मुझे बाथरूम दिखाओ. फिर जाते हुए एसडीएम ने छात्रा से सवाल किया कि मैं तुम्हें कैसा लगा, अच्छा या बहुत अच्छा? इसके बाद एसडीएम रवाना हो गए. उनके जाने के बाद छात्राओं ने पूरी घटना अधिक्षिका को बताई. उन्होंने सहायक आयुक्त निशा मेहरा को पूरी जानकारी दी. सहायक आयुक्त ने कलेक्टर तन्वी हुड्डा को स्थिति से अवगत कराया. चूंकि मामला बेहद गंभीर था, इसलिए कलेक्टर ने भी एक्शन लेने में देर नहीं लगाई.