झाबुआ। कोरोना संक्रमण से देश के ग्रामीण इलाकों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से आह्वान किया. प्रधानमंत्री की मंशा के बाद सरकारों और प्रशासन ने ग्रामीण इलाकों का रूख करना शुरू किया है. आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के कई गांव इस समय कोरोना संक्रमण की जद में है. अब तक जिले में 6 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं.
जांच की धीमी रफ्तार से बढ़ रहे मामले
एक और देश के प्रधानमंत्री कोरोना संक्रमण को ग्रामीण इलाकों में पहुंचने से रोकने के निर्देश दे रहे हैं. तो दूसरी ओर झाबुआ में कोरोना जांच की रफ्तार काफी धीमी है. जिसके कारण संक्रमण तेजी से फैल रहा है. 10 लाख 40 हजार की आबादी वाले झाबुआ जिले से 1 साल में 10 फीसदी लोगों की भी कोरोना जांच नहीं हो पाई.
6000 से ज्यादा लोग हुए पॉजिटिव
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण और लोगों की लापरवाही के चलते झाबुआ जिले में अब तक 6000 से ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं. जिले में अब तक 1,03,373 लोगों कोरोना जांच के लिए अस्पताल पहुंच हैं. इंदौर और भोपाल के लैब से जांच रिपोर्ट आने में देरी होने के कारण अब गुजरात की अहमदाबाद लेब में भी सैंपल भेजे जा रहे हैं.
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13 दिन में 2077 लोग संक्रमित
कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए लगाई जा रही वैक्सीन को लेकर जागरुकता के अभाव के कारण ग्रामीण इलाकों के लोगों में वैक्सीन लगवाने को लेकर शंका और डर है. जिससे टीकाकरण का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा.अप्रैल के शुरुआती दिनों से ही संक्रमण जिले में तेजी से फैला रहा. बीते 13 दिनों में जिले में 2077 लोग इस महामारी की चपेट में आ गए हैं.
जिला अस्पताल में बढ़ाई जा रही व्यवस्थाएं
बढ़ते संक्रमण के चलते अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. जिसके चलते प्रशासन ने जिला अस्पताल में 10 आईसीयू से बढ़ाकर 16 कर दिए हैं. वहीं 30 और ऑक्सीजन बेड की संख्या 50 कर दी है. जिला अस्पताल के साथ साथ- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिले के थांदला और पेटलावद के सिविल अस्पताल में भी व्यवस्था बढ़ाई गई है.गांव के मरीजों को आइसोलेट कराने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर पांच-पांच बिस्तर वाला आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है.