झाबुआ। मध्यप्रदेश में रविवार को हुई MPPSC की परीक्षा में आदिवासी जनजाति समुदाय से पूछे गए एक सवाल के विरोध में जनजाति समुदाय के लोग भड़क उठे हैं. इस मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा के तमाम आदिवासी नेताओं ने सरकार के सामने एमपीपीएससी के चेयरमैन और सेक्रेटरी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है तो दूसरी ओर झाबुआ में आदिवासी समुदाय में आक्रोश है.
बता दें की आदिवासी जिला होने के चलते जिले में एमपीपीएससी के द्वारा जातिसूचक सवाल को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है और इसे लेकर अब आदिवासी संगठन भी मुखर होने लगे हैं. वहीं झाबुआ जिले के ग्राम पारा में एमपीपीएससी और मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई और इसके साथ ही मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला भी जलाया गया.
वहीं अब एमपीपीएससी में जनजाति से जुड़े सवाल को लेकर अब सरकार और एमपीपीएससी बैक फुट पर आ गये हैं, हालांकि इस मामले में मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश भी दिये हैं और साथ ही मध्य प्रदेश की सत्ता में काबिज हुई कांग्रेस सरकार के लिए यह मुद्दा काफी परेशान करने वाला भी हो सकता है.
एक ओर कांग्रेस के नेताओं ने मुख्यमंत्री से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है और दूसरी ओर भाजपा नेताओं ने भी एमपीपीएससी और संबंधित प्रश्न चयनकर्ता के खिलाफ भी मामला दर्ज करने की मांग की है. झाबुआ में हिंदू युवा जागृति संगठन के पदाधिकारियों ने इस मामले में कार्रवाई ना होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी सरकार को दे दी है.