झाबुआ। जिले में रामनवमी का पर्व सोशल डिस्टेंस और लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया गया. हालांकि हर साल की तरह इस बार मंदिरों में भक्तों की भीड़ नदारद रही. मंदिरों में इस बार केवल साधु-संत और पुजारियों ने अपने सेवकों के साथ अपने आराध्य की पूजा-अर्चना की और महाआरती के साथ भगवान का अवतरण दिवस मनाया. भगवान की आरती के दौरान श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का भी बखूबी से पालन किया.
थांदला के बड़े रामजी मंदिर में भगवान राम की आरती का सीधा प्रसारण सोशल मीडिया के माध्यम से शहरवासियों तक पहुंचाया गया. ताकि लोग अपने घरों से ना निकले और घर पर रहकर आरती में सम्मिलित हो सकें. जिले के सबसे बड़े धार्मिक स्थल के रूप में माने जाने वाले हनुमत आश्रम पिपल खुटा में निवासरत साधु-संतों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भगवान रघुनाथ की आरती की और भजन-कीर्तन के साथ राम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया. लॉकडाउन के चलते झाबुआ और मेघनगर के राममंदिरों में पुजारी के साथ मंदिर समिति के सदस्यों ने सीमित सदस्यों ने ही आरती में भाग लिया.
कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में रामनवमी का पर्व इस बार जरूर फीका रहा. श्रद्धालुओं ने भगवान राम से विश्वव्यापी महामारी कोरोना को भारत और विश्व से दूर करने का आशीर्वाद मांगा. हनुमन्त आश्रम पीपलखुटा के गादीपति महंत दयारामदास जी महाराज ने भी भारत और विश्व को इस महामारी से मुक्त करने के लिए भगवान से मनोरथ मांगा है. साथ ही आम लोगों से सरकार द्वारा महामारी के बचाव के लिए दिए जा रहे दिशा निर्देशों का पालन करने की भी अपील की.