झाबुआ। जुलाई का महीना आदिवासी बाहुल्य झाबुआ के लिए कोरोना संक्रमण का बड़ा खतरा लेकर आया है, एक जुलाई से हुए अनलॉक के बाद से लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिले में अब तक 84 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिनका उपचार जिला अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड और कोविड डेडिकेटेड सेंटर में चल रहा है. हैरानी की बात है कि झाबुआ में 30 जून तक कोरोना के महज 16 मरीज मिले थे, जबकि 19 जुलाई तक ये आंकड़ा बढ़कर 84 हो गया, यानी 19 दिनों में 68 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए.
जिले में ज्यादातर कोरोना मरीजों की ट्रवेल हिस्ट्री है, संक्रमितों में अधिकांश गुजरात से झाबुआ लौटे हैं. जिले में अब तक 2534 लोगों के सैंपल लिए गए हैं, जिसमें से 2286 रिपोर्ट निगेटिव आई है. जिन 84 लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ है, उसमें से 40 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं, लेकिन चिंता की बात ये है कि दो कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत भी हो चुकी है. जानकारी के मुताबिक जिले में कोरोना संक्रमण 3.57 फीसदी की दर से बढ़ रहा है, जो चिंता का विषय है. एक जुलाई के बाद से अब तक जिले में औसतन तीन से चार लोग रोजाना संक्रमित मिल रहे हैं.
ग्रामीणों में जागरुकता नहीं
अभी भी ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण को लेकर इतनी ज्यादा जागरूकता नहीं है, जितनी सरकार और प्रशासन चाहती है. इधर प्रशासन भी लोगों को जागरूक करने के लिए वह तमाम व्यवस्था करता दिखाई नहीं दे रहा है, जो वास्तविक रूप से धरातल पर होना चाहिए. शहरी इलाकों में जरूर लोग मास्क का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग अभी भी बाजारो में तार-तार हो रही है, जिसके चलते सामुदायिक संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.
बरत रहे लापरवाही
जिला मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बीएस बारिया ने बताया कि जो लोग अन्य प्रांतों से आते हैं, उन्हें स्वविवेक से अस्पतालों में अपनी जांच करानी चाहिए और नियमानुसार होम क्वारेंटाइन रहकर सुरक्षित रहना चाहिए, लेकिन लोग इसमें लापरवाही बरत रहे हैं, जिससे संक्रमण एक से दूसरे में फैलता जा रहा है.