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उपचुनाव के बाद ठंडे बस्ते में किसानों की कर्जमाफी की फाइल, कर्ज से जूझ रहा अन्नदाता

झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के पहले यहां के किसानों का तेजी से कर्ज माफ कर सरकार ने किसानों को थोड़ी राहत जरूर दी है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद बाकी बचे 23 हजार किसानों की फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी गई.

सरकार के दावों से परेशान किसान
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Published : Nov 19, 2019, 1:36 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 2:11 PM IST

झाबुआ। प्रदेश में अतिवृष्टि से पहले ही किसानों की कमर टूटी हुई है, जबकि किसान सरकार के झूठे दावों से परेशान हैं. आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में मक्का और सोयाबीन की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. किसानों को उनकी उपज का लाभ तो दूर, लागत भी नहीं निकली है. अत्यधिक बारिश के चलते खराब हुई फसलों का सर्वे कब हुआ और किसने किया, किसानों को इसकी कोई जानकारी नहीं है.

सरकार के दावों से परेशान किसान

बारिश से बर्बाद फसलों से जूझ रहे किसानों के लिए अधूरी कर्ज माफी भी किसी मुसीबत से कम नहीं है. 10 दिनों में जिस सरकार ने प्रदेश के तमाम किसानों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था, करीब एक साल बाद भी किसान कर्ज माफी की राह देख रहा है. झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के पहले यहां के किसानों का तेजी से कर्ज माफ कर सरकार ने किसानों को थोड़ी राहत जरूर दी, लेकिन चुनाव जीतने के बाद बाकी बचे 23 हजार किसानों की कर्ज माफी की फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है.

सरकार के दावों से परेशान किसान

जिन किसानों को दोनों ही राजनीतिक दलों ने सियासी गलियारों का खिलौना समझ रखा है, उस अन्नदाता की माली हालत खराब है. बावजूद इसके सरकारें अपना राग अलाप रही हैं. वरिष्ठ अधिकारी कार्यालय से आदेश आने पर स्थिति साफ करने की बात कह रहे हैं.

झाबुआ। प्रदेश में अतिवृष्टि से पहले ही किसानों की कमर टूटी हुई है, जबकि किसान सरकार के झूठे दावों से परेशान हैं. आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में मक्का और सोयाबीन की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. किसानों को उनकी उपज का लाभ तो दूर, लागत भी नहीं निकली है. अत्यधिक बारिश के चलते खराब हुई फसलों का सर्वे कब हुआ और किसने किया, किसानों को इसकी कोई जानकारी नहीं है.

सरकार के दावों से परेशान किसान

बारिश से बर्बाद फसलों से जूझ रहे किसानों के लिए अधूरी कर्ज माफी भी किसी मुसीबत से कम नहीं है. 10 दिनों में जिस सरकार ने प्रदेश के तमाम किसानों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था, करीब एक साल बाद भी किसान कर्ज माफी की राह देख रहा है. झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के पहले यहां के किसानों का तेजी से कर्ज माफ कर सरकार ने किसानों को थोड़ी राहत जरूर दी, लेकिन चुनाव जीतने के बाद बाकी बचे 23 हजार किसानों की कर्ज माफी की फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है.

सरकार के दावों से परेशान किसान

जिन किसानों को दोनों ही राजनीतिक दलों ने सियासी गलियारों का खिलौना समझ रखा है, उस अन्नदाता की माली हालत खराब है. बावजूद इसके सरकारें अपना राग अलाप रही हैं. वरिष्ठ अधिकारी कार्यालय से आदेश आने पर स्थिति साफ करने की बात कह रहे हैं.

Intro:झाबुआ : अन्नदाता का दर्द कोई नहीं समझ सकता । एक ओर अतिवृष्टि के चलते किसानों की कमर पहले से टूटी हुई है तो दूसरी ओर प्रदेश में किसानों सरकार के दावों से परेशान हैं। अतिवृष्टि के चलते झाबुआ बहुल आदिवासी जिले में मक्का और सोयाबीन की फसल खराब हो चुकी है। किसानों को उनकी उपज से लाभ तो दूर की बात लागत भी नसीब नहीं हुई। अत्यधिक बारिश के चलते खराब हुई फसलों का सर्वे कब हुआ और किसने किया किसानों को इसकी कोई जानकारी नहीं? साथ ही उनके खेतों में हुई नुकसानी के बदले में सरकार से मिलने वाले मुआवजे के बारे में भी अभी उन्हें कोई जानकारी नही है । एक और सरकार किसानों की हितैषी होने का दावा कर रही है मगर किसानों का हित क्या होता है यह गांव में जाकर सरकार को देखना चाहिए ।


Body:बारिश से खराब हुई फसलों से जूझ रहे किसानों के लिए अधूरी कर्ज माफी भी किसी मुसीबत से कम साबित नहीं हो रही। 10 दिनों में जिस सरकार ने प्रदेश के तमाम किसानों का ₹200000 तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था आज लगभग 1 साल बाद भी किसानों का कर्ज माफ होने की राह तक रहा है । झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के पहले यहां के किसानों का सरकार ने तेजी से कर्ज माफी कर किसानों को थोड़ी राहत जरूर दी किंतु चुनाव जीतने के बाद बाकी बचे 23000 किसानों के कर्ज माफी की फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी गई ।


Conclusion:जिन अन्नदाता को दोनों ही दलों ने अपनी राजनीति का खिलौना समझ रखा है, उस अन्नदाता की माली हालत खराब है, बावजूद सरकारें अपनी डफली अपना राग अलाप रही है। झाबुआ में 23256 किसानों का 350 करोड़ रुपये का कर्ज माफ होना अभी बाकी है। जिन किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ वे किसान कभी सोसायटी तो कभी बैंक के चक्कर काट कर अपना कर्ज माफ होने की राह तक रहे हैं । इधर अधिकारी वरिष्ठ कार्यालय से आदेश आने पर स्थिति साफ करने की बात कह रहे हैं ।
Last Updated : Nov 19, 2019, 2:11 PM IST
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