जबलपुर। साइबर फ्रॉड के जरिए ठगने वाला एक गिरोह इन दिनों मध्यप्रदेश में सक्रिय है, जो कि बाकायदा पुलिस अधिकारियों के नाम से लोगों को ठगने का काम करता है. हाल ही में जालसाजों ने मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले वार्ड बॉय के साथ ठगी करते हुए 22 हजार रुपए डरा धमकाकर ठग लिए, पहले तो ठग ने सिम का वेरीफिकेशन न होने का हवाला देकर मोबाइल पर भेजा गया ओटीपी बताने को कहा, जब युवक ने बताने से मना कर दिया तो क्राइम ब्रांच और गढ़ा थाने का एसआई बताकर उसे ब्लैकमेल करने लगा.
जाना होगा जेल
मेडिकल कॉलेज में वार्ड बॉय के पद पर पदस्थ आकाश मल्लाह के मोबाइल पर गुरुवार को एक नंबर से कॉल आया. पहले जालसाज बोला कि वह संचार कंपनी से बोल रहा है. उसने सिम का वेरीफिकेशन नहीं कराया है, इसे आधार कार्ड से लिंक कराना है, नहीं तो सिम बंद हो जाएगी. सिम चालू रखनी है तो मोबाइल पर एक लिंक भेजा गया है उसके साथ पासवर्ड आएगा बताना होगा. युवक आकाश ने बताने से मना कर दिया, कुछ देर बाद ठग का पुनः काल आया इस बार वह खुद का परिचय क्राइम ब्रांच एसआई पीके मरावी के तौर पर दी. एसआई बने आरोपी ने बोला कि तुमने मोबाइल चुराया है, उसने आईएमआई नंबर भी बता दिया. संयोग से आकाश को उक्त मोबाइल छह जनवरी को गिरा हुआ मिला था, 10 दिन पहले ही उसने उसमें सिम लगाई थी. जालसाज ने आकाश को डराया कि तुमने मोबाइल चुराया है, तुम्हें जेल जाना पड़ेगा. फिर उसने बोला कि बचना चाहते हो तो जिसका मोबाइल है. उसे 13 हजार रुपए दे दो. किसी को कुछ पता नही चलेगा.
जालसाज ने ऑनलाइन खाते में जमा कराए पैसे
जालसाज ने आकाश को बुरी तरह से डरा दिया, एसआई बनकर उसने बोला कि जल्दी पैसे नहीं भेजे तो तुम्हारे घर पुलिस पहुंच जाएगी. आकाश के पास पैसे नहीं थे तो उसने अपने दोस्त शास्त्रीनगर निवासी नीरज को खाता नंबर देकर 12 हजार 990 रुपए जमा करने के लिए बोला. आकाश ने अपने साथी का भी नंबर दे दिया, जालसाज ने नीरज से रकम जमा करा लिया फिर आकाश को भी ब्लैकमेल करते हुए उसे कहा कि रुपए नहीं पहुंचे हैं.
गाड़ी गिरवी रखकर दिए 9 हजार रुपए
सड़क पर गिरा मोबाइल उठाकर उसे उपयोग करने को लेकर आकाश डर गया. जिसके चलते उसने अपनी गाड़ी गिरवी रखी और नौ हजार रुपए का इंतजाम किए और फिर जालसाज के बताए खाते में नौ हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भी कर दिया.
अब भी ठग मांग रहा पैसे
जालसाज आकाश के मोबाइल पर अब भी कॉल कर उसे चार हजार रुपए और जमा करने के लिए बोल रहा है, शाम चार बजे पीड़ित स्थानीय समाजसेवी आशीष ठाकुर के साथ गढ़ा थाने पहुंचा. वहां मामले में की शिकायत की.