जबलपुर। कोरोना काल में पूरे प्रदेश के बसों का संचालन लगभग ठप है, करीब 5 महीने बीत जाने के बाद भी बसें चलेगी या नहीं, इस पर किसी भी तरह से स्पष्ट जानकारी न ही प्रशासन दे रहा है और न ही बस संचालक दे रहे हैं, राज्य सरकार ने एडवाइजरी जारी कर 20 अगस्त से प्रदेश भर में पूरी क्षमता के साथ बसों के संचालन की बात कही थी, पर जबलपुर बस एसोसिएशन राज्य सरकार के निर्देशों को मानने के लिए तैयार नहीं है.
जिला प्रशासन और बस ऑपरेटर की बैठक बेनतीजा
जबलपुर से करीब 800 बसों का संचालन होता है. ऐसे में जबलपुर बस एसोसिएशन और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच एक लंबी बैठक हुई, लेकिन ये बैठक पूरी तरह से बेनतीजा रही. बस ऑपरेटर संघ की मांग है कि कोरोना महामारी के समय बसों के व्यवसाय से जुड़े लोगों का रोजगार पूरी तरह चौपट हो गया है. लेकिन सरकार उनकी मांगों पर विचार हीं नही कर रही है.
अपनी मांगों पर अड़े बस संचालक
बस ऑपरेटर्स संघ ने प्रशासन से चर्चा के दौरान साफ शब्दों में कहा कि अगर उनकी बातों पर विचार नहीं किया जाता है तो फिर बसों का संचालन नहीं हो सकेगा. बस संचालकों की मांग है कि जब तक उनका टैक्स माफ नहीं किया जाएगा और किराये में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी, तब तक बसों का संचालन नहीं शुरू होगा, अगर उनकी मांगें मान ली जाती हैं तो वह एक सितंबर से बस शुरू करने की बात कर रहे हैं.
सरकार के निर्देश के बावजूद नहीं चलेंगी बसें
पूरे प्रदेश में बसों का संचालन बंद है, उसको लेकर निश्चित रूप से यात्री परेशान हो रहे हैं. ऐसे में जब सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने बसों के संचालन को लेकर हरी झंडी दी तो लग रहा था कि अब पूरे प्रदेश में बसें चलेंगी, लेकिन एक बार फिर बस ऑपरेटर संघ ने अपनी मांगों को लेकर बस संचालन के फैसले पर फुलस्टाप लगा दिया है.
बस संचालकों की सरकार से ये है मांग
डीजल के मूल्य पर हुई बढ़ोतरी को लेकर यात्री किराया 50 फीसदी बढ़ाया जाए.
यात्री बसों को अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 तक का टैक्स मुक्त रखा जाए.
शासन द्वारा बकाया भुगतान योजना की अवधि बढ़ाकर मार्च 2021 की जाए
यात्री बसों के चालक-परिचालक एवं हेल्पर को अप्रैल से 5000 रूपये प्रतिमाह सहायता राशि दी जाए
फाइनेंस बसों की किस्तों को दिसंबर 2020 तक बढ़ाया जाए
अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 तक ब्याज से मुक्त किया जाए
आखिर कब बनेगी बात ?
आम यात्रियों के आवागमन के लिए बसों का साधन सरल और सुगम होता है, लेकिन महामारी के दौर में जिस तरह से बीते 5 महीने से पूरे प्रदेश में बसों का संचालन बंद है, उसको लेकर निश्चित रूप से यात्री परेशान हो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद एक बार फिर बस ऑपरेटर संघ ने अपनी मांगों को लेकर बस संचालन करने के फैसले पर रोक लगा दिया है. फिलहाल अब देखना ये होगा कि राज्य सरकार और बस ऑपरेटर संघ के बीच कब सुलह होती है.