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आसान नहीं भवन निर्माण का नक्शा पास कराना, ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद भी होती है देरी

भवन निर्माण करना है तो पहले नगर निगम से अनुमति लेना अति आवश्यक होता है. लेकिन यह अनुमति मिलना अब काफी जटिल हो गई है. जबलपुर में अप्रैल महीने में कोरोना के चलते जहां एक भी नक्शा पास नहीं हुआ तो वहीं मई महीने से लगातार भवन निर्माण संबंधित नक्शे स्वीकृत किए गए हैं.

People have difficulty in passing the map for construction
भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने में लोगों को परेशानी होती हैं
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Published : Sep 8, 2020, 10:22 PM IST

जबलपुर। आज हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका एक खुद का घर हो, उस घर में वह अपने परिवार के साथ सुख चैन से रहें. लेकिन बहुत कम लोग ही ऐसे होते हैं जिन्हें आसानी से खुद का घर नसीब हो पाता है. इसकी वजह है कि नगर निगम से मिलने वाली अनुमति. जी हां भवन निर्माण के लिए आसानी से अनुमति नहीं मिलती है. भवन निर्माण करना है तो पहले नगर निगम से अनुमति लेना अति आवश्यक होता है. लेकिन यह अनुमति मिलना अब काफी जटिल हो गई है.

भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने में लोगों को परेशानी होती हैं

अप्रैल महीने में कोरोना के चलते जहां एक भी नक्शा पास नहीं हुओ तो वहीं मई महीने से लगातार भवन निर्माण संबंधित नक्शे स्वीकृत किए गए हैं.

बीते 5 माह में इतने नक्शे हुए पास

  • मई में - 157
  • जून में - 315
  • जुलाई में - 284
  • अगस्त में - 173

भवन निर्माण से पहले नगर निगम करता है नक्शा स्वीकृत

मकान बनाने के लिए व्यक्ति प्लाट तो खरीद लेता है, लेकिन उस पर जब मकान बनवाना शुरू किया जाता है. तो उसे यह पता नहीं होता कि मकान बनाना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि उसे अपना घर बनाने से पहले नगर निगम से नक्शा पास करवाना अति आवश्यक होता है.

नक्शा पास करवाने के लिए व्यक्ति नगर निगम के कई चक्कर भी लगाता है क्योंकि मकान बनाने वाले व्यक्ति को एक डर भी सताया रहता है कि अगर बिना नक्शा पास किए मकान बनवा लिया गया तो नगर निगम उस पर गंभीर कार्रवाई कर सकती है. यही कारण है कि जो भी व्यक्ति मकान बनाने की प्रक्रिया शुरू करता है. वह सबसे पहले नक्शा पास करवाता है.

ऑनलाइन प्रक्रिया होने के बाद भी आसान नहीं नक्शा पास करवाना

जबलपुर शहर में करीब 50 प्रतिशत अभी भी ऐसे मकान बने हैं, जिनके नक्शे नगर निगम में पास नहीं हैं. ऐसे में नगर निगम लगातार ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी करता है जो कि बिना भवन निर्माण की अनुमति के अपना मकान बना लिए हैं. हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि प्लाट तो खरीद लिए हैं और मकान बनवाने के लिए नगर निगम के भवन शाखा में आवेदन भी दे चुके हैं, वहीं आवेदन ऑनलाइन होने के बावजूद भी लोगों को नक्शा पास करवाने के लिए भटकना पड़ रहा है.

जबलपुर के मनीष वर्मा बताते हैं कि उन्होंने 800 स्कवार फीट का एक प्लाट खरीद रखा है और वह उस प्लाट पर अपना मकान भी बनाना चाहते हैं. लेकिन नगर निगम से नक्शा पास करवाने के लिए करीब 8 महीने पहले आवेदन भी दिया था. जो कि अभी तक अधर में ही अटका हुआ है. ऐसे में मनीष वर्मा चाहकर भी अपने मकान का काम शुरू नहीं करवा पा रहे हैं.

बिल्डरों के भवन निर्माण की प्रक्रिया भी है जटिल

ऐसा नहीं है कि भवन निर्माण के लिए सिर्फ आम व्यक्ति ही परेशान होता है. वह बिल्डर जो कि 50 से 100 मकान बना कर बेचते हैं. उन्हें भी भवन निर्माण संबंधित आवेदन के लिए नगर निगम के चक्कर काटने पड़ते हैं. बिल्डर सुधीर दुबे की मानें तो प्लाट खरीदा है और उस पर मकान बनाना है तो पहले नजूल से अनुमति ली जाती है, खसरा, डायवर्सन करवाना होता है और उसके बाद फिर नगर निगम विभाग को भवन निर्माण संबंधित आवेदन किया जाता है. लेकिन यह आवेदन भी इतना जटिल होता है कि आसानी से मकान का नक्शा पास नहीं होता है.

भवन निर्माण संबंधित मामलों को लेकर क्या कहता है नगर निगम

नगर निगम जबलपुर के इंजीनियर मनीष कुमार बताते हैं कि भवन निर्माण के लिए आवेदन करना बहुत ही आसान प्रक्रिया है. जिसमें व्यक्ति को अपने भवन के लिए अप्लाई करना होता है. वह आसानी से भवन शाखा में आकर आवेदन दे सकता है और 30 दिन के भीतर ही उस व्यक्ति के प्लाट की पूरी जानकारी निकाली जाती है और अगर पाया जाता है कि उनके प्लाट में कहीं गलती है, तो उन्हें फिर आवेदन का मौका दिया जाता है.

भवन निर्माण के लिए खतरा, डायवर्सन और नजूल की अनुमति होना आवश्यक है. जिस व्यक्ति को भवन निर्माण करना होता दस्तावेजों को नगर निगम के सामने समक्ष पेश करता है सब कुछ सही रहता है, तो उसे भवन निर्माण करने की अनुमति दी जाती है.

भवन निर्माण के लिए जबलपुर के मनीष वर्मा बताते हैं कि वह बीते 8 महीने से अपने प्लाट का नक्शा पास करवाने के लिए परेशान हो रहे हैं तो वहीं नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि नक्शा पास करवाने के लिए अब किसी भी तरह की समस्या नहीं आ रही है. बहरहाल यह कहना मुश्किल होगा कि नगर निगम के अधिकारी सच कह रहे हैं या वह पीड़ित मनीष कुमार जो कि अपने प्लाट पर मकान बनाने के लिए नगर निगम के चक्कर काट रहा है.

जबलपुर। आज हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका एक खुद का घर हो, उस घर में वह अपने परिवार के साथ सुख चैन से रहें. लेकिन बहुत कम लोग ही ऐसे होते हैं जिन्हें आसानी से खुद का घर नसीब हो पाता है. इसकी वजह है कि नगर निगम से मिलने वाली अनुमति. जी हां भवन निर्माण के लिए आसानी से अनुमति नहीं मिलती है. भवन निर्माण करना है तो पहले नगर निगम से अनुमति लेना अति आवश्यक होता है. लेकिन यह अनुमति मिलना अब काफी जटिल हो गई है.

भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने में लोगों को परेशानी होती हैं

अप्रैल महीने में कोरोना के चलते जहां एक भी नक्शा पास नहीं हुओ तो वहीं मई महीने से लगातार भवन निर्माण संबंधित नक्शे स्वीकृत किए गए हैं.

बीते 5 माह में इतने नक्शे हुए पास

  • मई में - 157
  • जून में - 315
  • जुलाई में - 284
  • अगस्त में - 173

भवन निर्माण से पहले नगर निगम करता है नक्शा स्वीकृत

मकान बनाने के लिए व्यक्ति प्लाट तो खरीद लेता है, लेकिन उस पर जब मकान बनवाना शुरू किया जाता है. तो उसे यह पता नहीं होता कि मकान बनाना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि उसे अपना घर बनाने से पहले नगर निगम से नक्शा पास करवाना अति आवश्यक होता है.

नक्शा पास करवाने के लिए व्यक्ति नगर निगम के कई चक्कर भी लगाता है क्योंकि मकान बनाने वाले व्यक्ति को एक डर भी सताया रहता है कि अगर बिना नक्शा पास किए मकान बनवा लिया गया तो नगर निगम उस पर गंभीर कार्रवाई कर सकती है. यही कारण है कि जो भी व्यक्ति मकान बनाने की प्रक्रिया शुरू करता है. वह सबसे पहले नक्शा पास करवाता है.

ऑनलाइन प्रक्रिया होने के बाद भी आसान नहीं नक्शा पास करवाना

जबलपुर शहर में करीब 50 प्रतिशत अभी भी ऐसे मकान बने हैं, जिनके नक्शे नगर निगम में पास नहीं हैं. ऐसे में नगर निगम लगातार ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी करता है जो कि बिना भवन निर्माण की अनुमति के अपना मकान बना लिए हैं. हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि प्लाट तो खरीद लिए हैं और मकान बनवाने के लिए नगर निगम के भवन शाखा में आवेदन भी दे चुके हैं, वहीं आवेदन ऑनलाइन होने के बावजूद भी लोगों को नक्शा पास करवाने के लिए भटकना पड़ रहा है.

जबलपुर के मनीष वर्मा बताते हैं कि उन्होंने 800 स्कवार फीट का एक प्लाट खरीद रखा है और वह उस प्लाट पर अपना मकान भी बनाना चाहते हैं. लेकिन नगर निगम से नक्शा पास करवाने के लिए करीब 8 महीने पहले आवेदन भी दिया था. जो कि अभी तक अधर में ही अटका हुआ है. ऐसे में मनीष वर्मा चाहकर भी अपने मकान का काम शुरू नहीं करवा पा रहे हैं.

बिल्डरों के भवन निर्माण की प्रक्रिया भी है जटिल

ऐसा नहीं है कि भवन निर्माण के लिए सिर्फ आम व्यक्ति ही परेशान होता है. वह बिल्डर जो कि 50 से 100 मकान बना कर बेचते हैं. उन्हें भी भवन निर्माण संबंधित आवेदन के लिए नगर निगम के चक्कर काटने पड़ते हैं. बिल्डर सुधीर दुबे की मानें तो प्लाट खरीदा है और उस पर मकान बनाना है तो पहले नजूल से अनुमति ली जाती है, खसरा, डायवर्सन करवाना होता है और उसके बाद फिर नगर निगम विभाग को भवन निर्माण संबंधित आवेदन किया जाता है. लेकिन यह आवेदन भी इतना जटिल होता है कि आसानी से मकान का नक्शा पास नहीं होता है.

भवन निर्माण संबंधित मामलों को लेकर क्या कहता है नगर निगम

नगर निगम जबलपुर के इंजीनियर मनीष कुमार बताते हैं कि भवन निर्माण के लिए आवेदन करना बहुत ही आसान प्रक्रिया है. जिसमें व्यक्ति को अपने भवन के लिए अप्लाई करना होता है. वह आसानी से भवन शाखा में आकर आवेदन दे सकता है और 30 दिन के भीतर ही उस व्यक्ति के प्लाट की पूरी जानकारी निकाली जाती है और अगर पाया जाता है कि उनके प्लाट में कहीं गलती है, तो उन्हें फिर आवेदन का मौका दिया जाता है.

भवन निर्माण के लिए खतरा, डायवर्सन और नजूल की अनुमति होना आवश्यक है. जिस व्यक्ति को भवन निर्माण करना होता दस्तावेजों को नगर निगम के सामने समक्ष पेश करता है सब कुछ सही रहता है, तो उसे भवन निर्माण करने की अनुमति दी जाती है.

भवन निर्माण के लिए जबलपुर के मनीष वर्मा बताते हैं कि वह बीते 8 महीने से अपने प्लाट का नक्शा पास करवाने के लिए परेशान हो रहे हैं तो वहीं नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि नक्शा पास करवाने के लिए अब किसी भी तरह की समस्या नहीं आ रही है. बहरहाल यह कहना मुश्किल होगा कि नगर निगम के अधिकारी सच कह रहे हैं या वह पीड़ित मनीष कुमार जो कि अपने प्लाट पर मकान बनाने के लिए नगर निगम के चक्कर काट रहा है.

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