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Swadeshi Light Dhoom जबलपुर में इस बार नहीं दिख रही चाइना लाइट, ग्राहकों से लेकर दुकानदारों की पहली पसंद स्वदेशी

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Published : Oct 21, 2022, 11:07 PM IST

वैसे तो हर बार चाइना के माल का बहिष्कार किया जाता है, लेकिन इस बार दीपावली में इसका असर जबलपुर में तो अवश्य दिख रहा है. यहां ग्राहक से लेकर दुकनदार तक स्वदेशी की मांग कर रहे हैं. अकेले जबलपुर में ही सौ से अधिक झालर लाइट के निर्माता माल बना रहे हैं. ग्राहकों को भी यह खूब पसंद आ रहे हैं. (swadeshi light dhoom) (china light is not visible this time)

swadeshi light dhoom
जबलपुर में इस बार नहीं दिख रही चाइना लाइट

जबलपुर। दीपावली का पर्व रोशनी का पर्व कहा जाता है. आध्यात्मिक महत्व समझे तो अंधकार से प्रकाश की ओर जाने वाले इस महापर्व की रौनक देशभर में भी बिखरती है. दीपावली को चंद दिन बचे हैं. ऐसे में बाजारों में आकर्षक लाइटिंग की रौनक जमकर बिखरी हुई है. विशेष तौर पर स्वदेशी लाइट की डिमांड इस बार सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है. बॉयकोट चाइना कैंपेन को समर्थन देते हुए व्यापारियों ने भी इस बार लगभग 100% माल इंडियन ही मंगवाया है. (first choice of shopkeepers swadeshi)

मिल रही वैरायटीः लाइटस में मिल रही वैरायटी ग्राहकों को खासा आकर्षित भी कर रही हैं. बात जबलपुर के बाजारों की करें तो यहां पानी वाला दिया या कहे पानी डालने से जलने वाले दीए की डिमांड सबसे ज्यादा है. सुनने में ही अनोखा सा लगने वाला बिजली का एक आइटम सबसे ज्यादा बाजार में पसंद किया जा रहा है. दीपावली पर पूरा शहर आकर्षक लाइट से जगमगाता है. हर घर में सजावट होती है. दुकानदार इनका भारी स्टॉक करते हैं. अभी भी माल आ रहा है. उसकी बिक्री भी तेज हो गई है. लोगों ने भीड़भाड़ से बचने के लिए अभी से खरीदी शुरू कर दी है. ग्राहकों का ज्यादा झुकाव स्वदेशी लाइट की तरफ है. वे जबलपुर में बनी लाइट भी मांग रहे हैं. न केवल शहर बल्कि आसपास के जिलों में इसका बाजार बढ़ रहा है. (swadeshi light dhoom) (china light is not visible this time) (first choice of shopkeepers swadeshi)

जिले में अभी 100 निर्माता झालर का काम कर रहे हैंः इनमें 500 से अधिक लोग काम करते हैं. वे एलईडी और तार लेकर एलइडी झालर तैयार करते हैं. अधिकांश कारीगर छोटी-छोटी इकाइयों में इन्हें तैयार कर स्थानीय और प्रदेश स्तर पर कारोबार करते हैं. सीजन के कारण मांग खूब रहती है. बाहर के माल की सप्लाई उतनी सरल नहीं होती. ऐसे में स्थानीय स्तर पर बनी लाइट इसका विकल्प बनती है. (swadeshi light dhoom) (china light is not visible this time) (first choice of shopkeepers swadeshi)

जबलपुर। दीपावली का पर्व रोशनी का पर्व कहा जाता है. आध्यात्मिक महत्व समझे तो अंधकार से प्रकाश की ओर जाने वाले इस महापर्व की रौनक देशभर में भी बिखरती है. दीपावली को चंद दिन बचे हैं. ऐसे में बाजारों में आकर्षक लाइटिंग की रौनक जमकर बिखरी हुई है. विशेष तौर पर स्वदेशी लाइट की डिमांड इस बार सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है. बॉयकोट चाइना कैंपेन को समर्थन देते हुए व्यापारियों ने भी इस बार लगभग 100% माल इंडियन ही मंगवाया है. (first choice of shopkeepers swadeshi)

मिल रही वैरायटीः लाइटस में मिल रही वैरायटी ग्राहकों को खासा आकर्षित भी कर रही हैं. बात जबलपुर के बाजारों की करें तो यहां पानी वाला दिया या कहे पानी डालने से जलने वाले दीए की डिमांड सबसे ज्यादा है. सुनने में ही अनोखा सा लगने वाला बिजली का एक आइटम सबसे ज्यादा बाजार में पसंद किया जा रहा है. दीपावली पर पूरा शहर आकर्षक लाइट से जगमगाता है. हर घर में सजावट होती है. दुकानदार इनका भारी स्टॉक करते हैं. अभी भी माल आ रहा है. उसकी बिक्री भी तेज हो गई है. लोगों ने भीड़भाड़ से बचने के लिए अभी से खरीदी शुरू कर दी है. ग्राहकों का ज्यादा झुकाव स्वदेशी लाइट की तरफ है. वे जबलपुर में बनी लाइट भी मांग रहे हैं. न केवल शहर बल्कि आसपास के जिलों में इसका बाजार बढ़ रहा है. (swadeshi light dhoom) (china light is not visible this time) (first choice of shopkeepers swadeshi)

जिले में अभी 100 निर्माता झालर का काम कर रहे हैंः इनमें 500 से अधिक लोग काम करते हैं. वे एलईडी और तार लेकर एलइडी झालर तैयार करते हैं. अधिकांश कारीगर छोटी-छोटी इकाइयों में इन्हें तैयार कर स्थानीय और प्रदेश स्तर पर कारोबार करते हैं. सीजन के कारण मांग खूब रहती है. बाहर के माल की सप्लाई उतनी सरल नहीं होती. ऐसे में स्थानीय स्तर पर बनी लाइट इसका विकल्प बनती है. (swadeshi light dhoom) (china light is not visible this time) (first choice of shopkeepers swadeshi)

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