जबलपुर। बीते कई सालों से 11 मार्च को विश्व किडनी दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि किडनी दान करने को लेकर लोगों को जागरूक किया जा सके. जैसे-जैसे देश आगे बढ़ रहा है. वैसे-वैसे किडनी दान को लेकर लोगों में जागरूकता कम हो रही है. हालांकि चिकित्सा विभाग लगातार प्रयास कर रहा है कि जरूरत पड़ने पर लोग किडनी डोनेट करें.
10 प्रतिशत आबादी किडनी की बीमारी से ग्रसित
विश्व किडनी दिवस हर साल मार्च के दूसरे सप्ताह के गुरुवार के दिन मनाया जाता है. इस साल विश्व किडनी दिवस का प्रसंग" Living Well With Disease" रखा है. इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में किडनी की बीमारियां और उसके बारे में फैल रही बीमारी को मिटाना है. अंतरराष्ट्रीय सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के आंकड़ों के अनुसार विश्व में लगभग 10% आबादी किडनी की बीमारी से ग्रसित है. आश्चर्य की बात तो यह है कि 10 में से 9 लोगों को तो उनकी किडनी की बीमारी के बारे में जानते भी नहीं हैं.
लोगों में जागरुकता की कमी
किडनी ट्रांसप्लांट करवाना करने के दौरान मरीज के परिजन ही आगे आते हैं. ऐसे में अगर मरीज के परिजनों की किडनी मैच नहीं करती है. तो फिर उसे खराब किडनी के सहारे डायलिसिस करवा कर ही जिंदा रहना होता है. अनिल कुमार बताते हैं कि उनकी दोनों किडनी खराब हो गई . बहुत सारे डोनर भी तलाश किए पर कोई भी तैयार नहीं हुआ. घर में पत्नी किडनी देने तैयार है लेकिन वह भी बीमार रहती है. इधर अमित अवधिया बीते 8 सालों से डायलिसिस के सहारे जी रहे हैं. सप्ताह में दो बार उनका डायलिसिस होता है. शरीर धीरे-धीरे कमजोर ही होता जा रहा है.
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जल्द ही ब्लॉक स्तर पर भी डायलिसिस की व्यवस्था
इधर जबलपुर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मानते हैं कि किडनी दान को लेकर लोगों में अभी भी कई तरह की भ्रांतिया हैं. सीएमएचओ डॉ मनीष मिश्रा की मानें तो लोगों को मौत के बाद शरीर दान करने के लिए आगे आना चाहिए. जिससे कि वो मरने के बाद भी जीवित रहने का अनुभव पा सकते हैं. इधर बढ़ते किडनी के मरीजों को देखते हुए अब जिला अस्पताल के साथ -साथ ब्लॉक स्तर पर भी डायलिसिस करने की व्यवस्था भी स्वास्थ्य विभाग कर रहा है.
जबलपुर में होगा किडनी का ट्रांसप्लांट
किडनी रोग से पीड़ित व्यक्ति के पास अगर डोनर है, और उसे किडनी ट्रांसप्लांट करवाना है. तो अक्सर उसे बड़े शहरों का रूख करना होता है. जबलपुर में जल्द ही किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की विशेष तैयारी हो रही हैं. किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज जैन बताते हैं कि आगामी तीन से चार महीन में जबलपुर में भी किडनी ट्रांसप्लांट की जा सकेगी. खास बात ये है कि मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी में इसकी तैयारी हो गई है. निरीक्षण और अनुमति के लिए डी.एम.ए की टीम को बुलाया गया है.
आयुष्मान योजना के तहत हो किडनी ट्रांसप्लांट
किडनी विशेषज्ञ डॉ नीरज जैन का सपना है कि जब जबलपुर में किडनी ट्रांसप्लांट का इलाज शुरू हो. तो पहला ट्रांसप्लांट भारत सरकार की "आयुष्मान योजना" के तहत हो. डॉ नीरज जैन बताते हैं कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए निजी अस्पतालों में जहां 8 से 10 लाख रुपए का खर्च आता है. वहीं अगर मरीज आयुष्मान योजना के तहत किडनी ट्रांसप्लांट करवाएगा. तो उसे प्रदेश सरकार की तरफ से मिलने वाली 4 से 5 लाख रुपए की राशि ट्रांसफर की जाएगी.
मानव अंग तस्करी का गिरोह सक्रिय
किडनी बेचने खरीदने में देश और विदेश में माफिया सक्रिय रहते हैं, कई बार देखा गया है कि गरीब तबके के लोगों को रुपयों का लालच देकर उनसे माफिया किडनी खरीद लेते हैं और फिर मुंह मांगे दाम पर जरूरतमंद को बेच देते हैं. जानकारी के मुताबिक हाल ही में देश के पश्चिम बंगाल,केरल, तमिलनाडु में का भी है. जहां मानव अंग की तस्करी करने वाले सक्रिय हैं.
देश में हर साल 2 लाख मरीज का होता है डायलिसिस
किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज जैन बताते हैं कि जो मरीज किडनी की बीमारी से ग्रसित है, उन्हें अगर सही इलाज मिल जाए तो फिर से उनका जीवन स्तर पहले से बेहतर बनाया जा सकता है. हमारे देश में लगभग 2 लाख मरीजों को हर साल डायलिसिस किया जाता है. आश्चर्य की बात तो यह है कि लगभग दो तिहाइ मरीज जिनको किडनी की बीमारी है उनको डायलिसिस की सुविधा तक नहीं मिल पाती है.
किडनी की बीमारी से कैसे बचें ?
किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज जैन बताते हैं कि अगर व्यक्ति को किडनी जैसी बीमारी से बचना है, तो उसे यह 8 नियम जानना बहुत जरुरी है.
- शुगर और बीपी का नियंत्रण
- मोटापे का नियंत्रण
- धूम्रपान से परहेज
- दर्द निवारक दवाइयों से परहेज
- उचित मात्रा में पानी का सेवन
- संतुलित पोषण
- नियमित व्यायाम
- निश्चित अंतराल में किडनी की जांच
बीते कई सालों से किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर जबलपुर में मांग उठ रही थी. जल्द ही मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी में किडनी ट्रांसप्लांट की तैयारी की जा रही है. मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिस्ट में अगर किडनी ट्रांसप्लांट होना शुरू हो जाता है. तो इससे न सिर्फ जबलपुर संभाग बल्कि मध्य प्रदेश के लिए भी यह गौरव की बात होगी.