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बेटों ने बुढ़ापे में घर से किया बेदखल, दर-दर की ठोकरें खा रहा पिता - father appeals to collector

जबलपुर में अपने बेटों से परेशान एक पिता ने कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से मदद की गुहार लगाई है.बूढ़े पिता को उसके दो बेटों ने पिछले 6 महीने से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर दिया है.

Vijay Kesarwani
विजय केसरवानी
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Published : Jan 20, 2021, 1:32 AM IST

जबलपुर। संस्कारधानी से रिश्तों को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. जहां एक पिता ने अपने ही बेटों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर से गुहार लगाई है. पिता का कहना है कि प्रशासन ने मदद नहीं की तो वे आत्मदाह कर लेंगे. फरियादी का नाम विजय केसरवानी है.

फरियादी विजय केसरवानी

पिता ने कलेक्टर को शिकायत में बताया है कि वे जबपलुर के अंबेडकर कॉलोनी में रहते थे. पिछले 45 वर्षों से व्यापार करते थे. बड़े होने पर उनके दोनों बेटे- अरुण और आशीष केसरवानी, भी इसमें उनकी मदद करने लगे. करीब 6 महीने पहले पैसों को लेकर उनका बेटों से विवाद हुआ. इसके बाद दोनों बेटों ने मिलकर उनके घर और व्यापार पर ही कब्जा कर लिया.

विजय केसरवानी ने बताया कि बेटों ने उन्हें घर से भी निकाल दिया.इसके बाद से वे सड़क पर ही जीवन बिता हे हैं और दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.बेटे उन्हें खाना-पीने नहीं दे रहे. उनके पास दवा खरीदने के पैसे भी नहीं हैं, जबकि वे दिल की बीमारी के मरीज हैं.वे कई जगहों पर मदद के लिए गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली. अब उन्होंने कलेक्टर के पास शिकायत की है.

विजय केसरवानी ने बतयाा कि उनके बच्चे उन्हें तीन हजार रूपए महीने और भोजन की पेशकश कर रहे हैं. उन्हें शर्म नहीं आती है. जीवन भर कमाई का ये सिला मिला है. उन्होंने कलेक्टर से अपील की है कि उनके दोनों बेटों को दंडित किया जाए. वहीं कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

जबलपुर। संस्कारधानी से रिश्तों को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. जहां एक पिता ने अपने ही बेटों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर से गुहार लगाई है. पिता का कहना है कि प्रशासन ने मदद नहीं की तो वे आत्मदाह कर लेंगे. फरियादी का नाम विजय केसरवानी है.

फरियादी विजय केसरवानी

पिता ने कलेक्टर को शिकायत में बताया है कि वे जबपलुर के अंबेडकर कॉलोनी में रहते थे. पिछले 45 वर्षों से व्यापार करते थे. बड़े होने पर उनके दोनों बेटे- अरुण और आशीष केसरवानी, भी इसमें उनकी मदद करने लगे. करीब 6 महीने पहले पैसों को लेकर उनका बेटों से विवाद हुआ. इसके बाद दोनों बेटों ने मिलकर उनके घर और व्यापार पर ही कब्जा कर लिया.

विजय केसरवानी ने बताया कि बेटों ने उन्हें घर से भी निकाल दिया.इसके बाद से वे सड़क पर ही जीवन बिता हे हैं और दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.बेटे उन्हें खाना-पीने नहीं दे रहे. उनके पास दवा खरीदने के पैसे भी नहीं हैं, जबकि वे दिल की बीमारी के मरीज हैं.वे कई जगहों पर मदद के लिए गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली. अब उन्होंने कलेक्टर के पास शिकायत की है.

विजय केसरवानी ने बतयाा कि उनके बच्चे उन्हें तीन हजार रूपए महीने और भोजन की पेशकश कर रहे हैं. उन्हें शर्म नहीं आती है. जीवन भर कमाई का ये सिला मिला है. उन्होंने कलेक्टर से अपील की है कि उनके दोनों बेटों को दंडित किया जाए. वहीं कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

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