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MP High Court : सॉलिसिटर जनरल नहीं हुए उपस्थित, 27 प्रतिशत OBC आरक्षण पर सुनवाई टली, अब 1 अगस्त को होगी

राज्य सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के संबंध में दायर 64 याचिकाओं को सुनवाई के लिए हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया. सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से युगलपीठ से आग्रह किया गया कि सॉलिसिटर जनरल की अनुपस्थि के कारण सुनवाई बढ़ाई जाए. युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 1 अगस्त को निर्धारित की है. युगलपीठ ने पूर्व में पीएससी सहित अन्य विभाग में 27 ओबीसी आरक्षण पर रोक के आदेश को बरकरार रखा है. (Solicitor General not appear hearing) (Hearing postponed in OBC reservation) (Hearing now held on August 1)

Hearing postponed in OBC reservation
27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण में सुनवाई टली
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Published : Jul 26, 2022, 12:37 PM IST

जबलपुर। ओबीसी आरक्षण मामले में हाईकोर्ट की युगलपीठ ने पूर्व में पीएससी सहित अन्य विभाग में 27 ओबीसी आरक्षण पर रोक के आदेश को बरकरार रखा है. गौरतलब है कि आशिता दुबे सहित अन्य की तरफ से प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के खिलाफ तथा पक्ष में लगभग 60 से अधिक याचिकाएं दायर की गयी गयी थीं. हाईकोर्ट ने कई लंबित याचिकाओं पर ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत दिये जाने पर रोक लगा दी थी.

27 ओबीसी आरक्षण पर रोक जारी : सरकार द्वारा स्थगन आदेश वापस लेने के लिए आवेदन दायर किया गया था. हाईकोर्ट ने 1 सितम्बर 2021 को स्थगन आदेश वापस लेने से इंकार करते हुए संबंधित याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के निर्देश जारी किये थे. प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने महाधिवक्ता द्वारा 25 अगस्त 2021 को दिये अभिमत के आधार पर पीजी नीट 2019-20,पीएससी के माध्यम से होने वाली मेडिकल अधिकारियों की नियुक्ति तथा शिक्षक भर्ती छोड़कर अन्य विभाग में 27 ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत दिये जाने के आदेश जारी कर दिये.

... तो आरक्षण सीमा 63 तक पहुंच जाएगी : उक्त आदेश के खिलाफ भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. आरक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं में कहा गया था कि सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने साल 1993 में इंदिरा साहनी तथा साल 2021 में मराठा आरक्षण के मामले स्पष्ट आदेश दिए हैं कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने पर आरक्षण की सीमा 63 प्रतिशत तक पहुंच जायेगी.

MP High Court : OBC का 13 फीसदी आरक्षण होल्ड करने के मामले में 6 सप्ताह में जवाब मांगा

राज्य सरकार ने रखा था अपना पक्ष : याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से दायर जवाब में कहा गया था कि साल 2011 की जगगणना के अनुसार प्रदेश में ओबीसी वर्ग की संख्या लगभग 51 प्रतिशत है. पूर्व में सरकार की तरफ से ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के संबंध में जारी अंतरित रोक के आदेश को संशोधित करने आवेदन दायर किया था, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया था. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी तथा सरकार की तरफ से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने पैरवी की. (Solicitor General not appear hearing) (Hearing postponed in OBC reservation) (Hearing now held on August 1)

जबलपुर। ओबीसी आरक्षण मामले में हाईकोर्ट की युगलपीठ ने पूर्व में पीएससी सहित अन्य विभाग में 27 ओबीसी आरक्षण पर रोक के आदेश को बरकरार रखा है. गौरतलब है कि आशिता दुबे सहित अन्य की तरफ से प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के खिलाफ तथा पक्ष में लगभग 60 से अधिक याचिकाएं दायर की गयी गयी थीं. हाईकोर्ट ने कई लंबित याचिकाओं पर ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत दिये जाने पर रोक लगा दी थी.

27 ओबीसी आरक्षण पर रोक जारी : सरकार द्वारा स्थगन आदेश वापस लेने के लिए आवेदन दायर किया गया था. हाईकोर्ट ने 1 सितम्बर 2021 को स्थगन आदेश वापस लेने से इंकार करते हुए संबंधित याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के निर्देश जारी किये थे. प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने महाधिवक्ता द्वारा 25 अगस्त 2021 को दिये अभिमत के आधार पर पीजी नीट 2019-20,पीएससी के माध्यम से होने वाली मेडिकल अधिकारियों की नियुक्ति तथा शिक्षक भर्ती छोड़कर अन्य विभाग में 27 ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत दिये जाने के आदेश जारी कर दिये.

... तो आरक्षण सीमा 63 तक पहुंच जाएगी : उक्त आदेश के खिलाफ भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. आरक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं में कहा गया था कि सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने साल 1993 में इंदिरा साहनी तथा साल 2021 में मराठा आरक्षण के मामले स्पष्ट आदेश दिए हैं कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने पर आरक्षण की सीमा 63 प्रतिशत तक पहुंच जायेगी.

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राज्य सरकार ने रखा था अपना पक्ष : याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से दायर जवाब में कहा गया था कि साल 2011 की जगगणना के अनुसार प्रदेश में ओबीसी वर्ग की संख्या लगभग 51 प्रतिशत है. पूर्व में सरकार की तरफ से ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के संबंध में जारी अंतरित रोक के आदेश को संशोधित करने आवेदन दायर किया था, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया था. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी तथा सरकार की तरफ से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने पैरवी की. (Solicitor General not appear hearing) (Hearing postponed in OBC reservation) (Hearing now held on August 1)

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