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Sagar Murder Case: 15 साल पहले हुई वकील की हत्या मामले में जबलपुर कोर्ट का बड़ा फैसला, आरोपी को दी आजीवन कारावास की सजा

सागर में 15 साल पहले हुई वकील की हत्या (Sagar Murder Case) पर जबलपुर जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल, मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही जुर्माना भी लगाया गया.

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Published : Nov 9, 2022, 9:52 AM IST

Updated : Nov 9, 2022, 11:51 AM IST

जबलपुर। सागर जिले के सुरखी थाना क्षेत्र में डेढ़ दशक पूर्व हुई हत्या के मामले के एक आरोपी को जबलपुर जिला अदालत ने आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है. एडीजे अरुण प्रताप सिंह की अदालत ने आरोपी सौभाग्य सिंह पर तीन हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. दरअसल आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक वकील की हत्या (Sagar Murder Case) की थी, जिस पर वहां के वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से मना कर दिया था. बाद में आरोपियों की ओर से दिए गये आवेदन पर हाईकोर्ट की अनुमति से मामले की सुनवाई जबलपुर कोर्ट में हुई.

क्या है मामला: अदालत को अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि सागर खुरई निवासी आरोपी सौभाग्य सिंह ने अपने साथी ललित सिंह, रघुनाथ साहब सिंह व रिंकू के साथ मिलकर 21 अक्टूबर 2006 की दोपहर जैतपुर तिराहे पर रघुराज (वकील) पर हथियारों से हमला कर दिया था, उस वक्त उनका भतीजा राघवेन्द्र भी साथ में था. वारदात के पीछे पुरानी रंजिश थी, हमले में रघुराज की मौत हो गई थी. उक्त मामले से आक्रोशित सागर अधिवक्ता संघ ने आरोपियों का केस न लड़ने का निर्णय लिया. बाद में मामला हाईकोर्ट की अनुमति से जबलपुर कोर्ट स्थानातंरित हुआ, जहां पर 25 जनवरी 2012 को शेष आरोपियों को दंडित किया गया था, लेकिन मुख्य आरोपी फरार था. बाद में अवलोकन करने के बाद न्यायालय ने आरोपी सौभाग्य सिंह को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है. मामले में शासन की ओर से एजीपी सरोज तिवारी ने पक्ष रखा.

जबलपुर। सागर जिले के सुरखी थाना क्षेत्र में डेढ़ दशक पूर्व हुई हत्या के मामले के एक आरोपी को जबलपुर जिला अदालत ने आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है. एडीजे अरुण प्रताप सिंह की अदालत ने आरोपी सौभाग्य सिंह पर तीन हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. दरअसल आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक वकील की हत्या (Sagar Murder Case) की थी, जिस पर वहां के वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से मना कर दिया था. बाद में आरोपियों की ओर से दिए गये आवेदन पर हाईकोर्ट की अनुमति से मामले की सुनवाई जबलपुर कोर्ट में हुई.

क्या है मामला: अदालत को अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि सागर खुरई निवासी आरोपी सौभाग्य सिंह ने अपने साथी ललित सिंह, रघुनाथ साहब सिंह व रिंकू के साथ मिलकर 21 अक्टूबर 2006 की दोपहर जैतपुर तिराहे पर रघुराज (वकील) पर हथियारों से हमला कर दिया था, उस वक्त उनका भतीजा राघवेन्द्र भी साथ में था. वारदात के पीछे पुरानी रंजिश थी, हमले में रघुराज की मौत हो गई थी. उक्त मामले से आक्रोशित सागर अधिवक्ता संघ ने आरोपियों का केस न लड़ने का निर्णय लिया. बाद में मामला हाईकोर्ट की अनुमति से जबलपुर कोर्ट स्थानातंरित हुआ, जहां पर 25 जनवरी 2012 को शेष आरोपियों को दंडित किया गया था, लेकिन मुख्य आरोपी फरार था. बाद में अवलोकन करने के बाद न्यायालय ने आरोपी सौभाग्य सिंह को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है. मामले में शासन की ओर से एजीपी सरोज तिवारी ने पक्ष रखा.

Last Updated : Nov 9, 2022, 11:51 AM IST
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