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करोड़ों की सड़क पर पड़ी दरारें, उखड़ती रोड ने खोली भ्रष्टाचार की पोल

जबलपुर में करोड़ों की लागत से बनी सड़क पर खराब गुणवत्ता के कारण गड्ढे और दरारें पड़ गई हैं. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

करोड़ों की सड़क पर पड़े गढ्ढे
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Published : May 28, 2019, 3:10 PM IST

जबलपुर। करोड़ों की लागत से बने रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हो रहे गड्ढों ने गुणवत्ता की पोल खोलकर रख दी है. इस रोड के खराब होने से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

करोड़ों की सड़क पर पड़े गढ्ढे

साल 2015 में जबलपुर सीमा से मंडला मुख्यालय तक करीब 80 किमी की सड़क की निर्माण किया गया था. इसके एवज में केंद्र और राज्य सरकार ने जीडीसीएल कंपनी को लगभग 252 करोड़ की भारी भरकम रकम अदा की थी. अब तक सड़क निर्माण पूरा नहीं हो पाया है और अभी से सड़क पर जगह-जगह गड्ढे और दरारें दिखाई देने लगी हैं. रहवासियों की मानें तो उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है. किसी को सड़क की धूल से खांसी हो रही है तो किसी को दमा हो रहा है.

प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट ने कहा है कि वो कलेक्टर से कहेंगे कि वो इस मामले की जांच करें और सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार और गुणवत्ता का पता लगाएं.

जबलपुर। करोड़ों की लागत से बने रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हो रहे गड्ढों ने गुणवत्ता की पोल खोलकर रख दी है. इस रोड के खराब होने से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

करोड़ों की सड़क पर पड़े गढ्ढे

साल 2015 में जबलपुर सीमा से मंडला मुख्यालय तक करीब 80 किमी की सड़क की निर्माण किया गया था. इसके एवज में केंद्र और राज्य सरकार ने जीडीसीएल कंपनी को लगभग 252 करोड़ की भारी भरकम रकम अदा की थी. अब तक सड़क निर्माण पूरा नहीं हो पाया है और अभी से सड़क पर जगह-जगह गड्ढे और दरारें दिखाई देने लगी हैं. रहवासियों की मानें तो उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है. किसी को सड़क की धूल से खांसी हो रही है तो किसी को दमा हो रहा है.

प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट ने कहा है कि वो कलेक्टर से कहेंगे कि वो इस मामले की जांच करें और सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार और गुणवत्ता का पता लगाएं.

Intro:28-5-19 निवास/मंडला से राहुल सिसौदिया
स्पेसल स्टोरी
स्लग- अरबो रूपये की लागत से बनाया जारहा राष्ट्रीय राजमार्ग पूर्णता से पहले ही उखड़ने लगा

ऐंकर- जबलपुर रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग की गुणवक्ता पर शुरुआत से सवालिया निशान उठते आरहा हैं जिसके बारे में कई बार स्थानीय नागरिकों ने सम्बंधित अधिकारि और नेताओं को अवगत कराया था लेकिन उस दौरान किसी भी जिम्मेदार नेता व अधिकारी ने ध्यान नही दिया जिसका नतीजा ये निकला कि आज अरबो रूपये की लागत से बनाऐ जारहे राष्ट्रीय राजमार्ग में जगह जगह दरारें और गड्ढे दिखने लगें हैं, इन दरारों व गड्डो से पता चलता हैं कि राजमार्ग निर्माण में किस कदर गुणवक्ता हीन सामिग्री का स्तेमाल किया गया हैं जिस से निर्माण कंपनी की पोल खुलती नजर आरही हैं।Body:परिवहन एवं सड़क मंत्रालय भारत सरकार ने जबलपुर रायपुर राष्ट्रिय राजमार्ग निर्माण कार्य का ठेका जीडीसीएल कम्पनी को इस लियें दिया था कि कंपनी उक्त राजमार्ग को अच्छी क्वलिटी के मटेरियल से बनाएगी जिससे यह मार्ग कुछ वर्षों तक सही सलामत रहें। अनुबंध के मुताबिक कंम्पनी ने वर्ष 2015 में जबलपुर सीमा क्षेत्र के नागाघाटी से काम निर्माण कार्य शुरू किया था जो मंडला मुख्यालय तक करीब 80 किमी का निर्माण करना था जिसके ऐवज में केंद्र और राज्य सरकार ने उक्त निर्माण कम्पनी को लगभग 252 करोड़ की भारी भरकम रकम अदा करती। बतादे जीडीसीएल कंपनी को यह कार्य महज 18 महीने में पूर्ण करना था। लेकिन कंम्पनी ने शुरुआत से ही राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण घटिया सामिग्री और मशीनों का उपयोग करने की जगह हाथों से निर्माण कर रही हैं। वर्तमान में हालात ये हैं कि कंपनी ने जितना निर्माण किया हैं उसमे अभी से बड़ी बड़ी दरारे और कई जगह गड्ढे दिखने लगें जबकि अभी तक 80 किमी का निर्माण कार्य आधा भी नही हुआ हैं और उससे पहले ही उक्त निर्माण कार्य उखड़ने लगा हैं। जिस कारण कई बार क्षेत्रीय जंता धरना प्रदर्शन, शिकवे शिकायत एवं ज्ञापन के माध्यम से उच्च अधिकारीयों को अवगत करा चुकी हैं लेकिन कोई भी नेता या अधिकारी उक्त कंपनी पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने को तैयार नही हैं। अगर यह मार्ग इसी तरह की घटिया सामिग्री से निर्माण होता रहा हो बहुत जल्द राजमार्ग उखड़ जाएगा और सरकार का पैसा व्यर्थ जायेगा। जिस वजह से राजमार्ग किनारे रहने वाले लोगो का कहना हैं उक्त कंपनी को निर्माण से करने से अलग किया जावें जिस से बाकी का बचा हुआ मार्ग अच्छी गुणवक्ता से बन सके।Conclusion:राष्ट्रीय राजमार्ग के धीमी रफ्तार व घटिया निर्माण की शिकायत कुछ माह पहले क्षेत्रीय लोगो ने प्रदेश के वित्तमंत्री एवं जिले प्रभारी मंत्री तरुण भनोट से की थी जिसके आधार पर मंत्री ने निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर को फटकार लगाते हुऐ कहा था कि घटिया निर्माण की जांच होगी इसके लियें में कलेक्टर को जाँच प्रतिवेदन तैयार करने को कहता हूँ और दोषी पाये जाने पर उक्त कम्पनी के खिलाप उचित कार्यवाही करेगे लेकिन उस बात को करीब चार महीने हो गयें हैं नातो घटिया निर्माण की अभी तक जाँच हुई और नाही उक्त कंपनी पर कोई कार्यवाही होती नजर नही आरही हैं। बल्कि कंपनी ने जितनी रोड बनाई थी बो दिन ब दिन उखड़ने लगी हैं कई जगह रोड में बड़ी बड़ी दरारे व गड्ढे दिखाई देने लगे हैं। जिस वजह से क्षेत्रीय जंता धरना प्रदर्शन व ज्ञापन के माध्यम से उच्च अधिकारियों को अवगत करा चुकी हैं। अब क्षेत्रीय जंता का कहना हैं कम्पनी ने इन चार वर्षों में कुछ ही किलोमीटर का निर्माण किया था और बो भी उखड़ने लगा तो क्यों न इस कम्पनी को हटा कर किसी दूसरी कम्पनी को आंगे के निर्माण का कार्य दिया जावें जिस से बाकी बचा हुआ मार्ग उच्च क्वलिटी का बन सके और भविष्य में हमे गड्डो का या खराब सड़क पर न चलना पड़े।

बाइट 1- तरुण भनोट ( वित्तमंत्री) प्रदेश सरकार की फ़ाइल बाइट
बाइट 2- जितेश पांडे ( स्थानीय)
बाइट 3- महिला यात्री
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