जबलपुर। नर्मदा नदी किनारे चल रहे गौ कुंभ में हर रोज हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. यूं तो कुंभ में यज्ञ स्थल है जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं और सरकारी प्रदर्शनी लगी हैं. लेकिन दर्शकों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र नागा साधु है. जूना अखाड़ा के सैकड़ों नागा साधु जबलपुर की गौ कुंभ में आए हुए हैं.
जबलपुर के लोगों के लिए यह एकदम नई चीज है कि वे नागा साधुओं को अपने आसपास इतनी बड़ी तादाद में देख पा रहे हैं. इसलिए इनसे आशीर्वाद लेने के लिए लोग इन नागा साधुओं के डेरों तक पहुंच रहे हैं. साधु भी अपने भक्तों को भरपूर आशीर्वाद दे रहे हैं. नागा साधुओं का कहना है कि वे देश के कई बड़े कुंभ में गए हैं कुछ इस तरह का ही नजारा उन्हें जबलपुर के इस कुंभ में देखने को मिला है. उन्होंने नर्मदा स्नान भी किया.
दरअसल, नागा साधु हिंदू परंपरा के हठयोगी होते हैं. हिंदुओं में कई साधना की पद्धतियां है. इनमें हठयोगी नागा होते हैं. इनका ईश्वर प्राप्ति का जरिया हठ होता है. इसलिए अपने शरीर को कष्ट देते हैं और उसी के जरिए ईश्वर की साधना करते हैं. वही आम लोगों का ऐसा मानना है कि यह योगी सिद्ध होते हैं और जो लोग भूत प्रेत की बाधा से परेशान रहते हैं. उनको यहां आकर आराम मिलता है. खासकर बच्चों को लोग इन नागा साधुओं से आशीर्वाद जरूर दिलवाते हैं. ताकि वो भूत-प्रेत की बाधा से बच सकें. लोगों की इस परंपरा में क्या वैज्ञानिकता है यह तो शोध का विषय है. लेकिन यदि इनके आशीर्वाद से कोई ठीक होता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है.
इसीलिए जबलपुर के लोग अपनी समस्याएं लेकर नागा साधुओं के पास पहुंच रहे हैं और वे लोगों को उसका निदान सुझा रहे हैं.
वहीं दूसरे साधुओं के डेरे में भी भीड़-भाड़ नजर आ रही है.