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श्रीराम की भक्ति हो तो ऐसी, 28 सालों तक नहीं खाया अन्न का दाना, राम मंदिर भूमिपूजन के बाद व्रत तोड़ेंगी उर्मिला

अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास के साथ जबलपुर में रहने वालीं राम भक्त उर्मिला चतुर्वेदी की 28 साल की तपस्या पूरी होने जा रही है. उर्मिला चतुर्वेदी ने संकल्प लिया था कि जब तक रामलला का मंदिर नहीं बन जाता, तब तक वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगी. 5 अगस्त को राम मंदिर भूमिपूजन के साथ उनका सपना भी पूरा होने जा रहा है. इस मौके पर उन्होंने खुशी जाहिर की है. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Aug 4, 2020, 5:21 PM IST

Updated : Aug 4, 2020, 10:00 PM IST

Urmila will break the fast with Ram temple Bhoomipujan
राम मंदिर भूमिपूजन के साथ व्रत तोड़ेंगीं उर्मिला

जबलपुर। देश के बहुसंख्यक हिंदुओं को वर्षों से जिस घड़ी का इंतजार था, अब वह आ गई है. पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे. कन्याकुमारी से कश्मीर तक भगवान राम पूजे जाते हैं. भगवान राम को लोग मर्यादा पुरुषोत्तम मानते हैं. जबलपुर की एक महिला ने 28 साल पहले संकल्प लिया था कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर नहीं बन जाता तब तक वे अन्न का एक दाना भी ग्रहण नहीं करेंगी. संस्कारधानी की उर्मिला चतुर्वेदी की ये तपस्या अब जाकर खत्म हुई है, जब 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी जा रही है.

राम मंदिर भूमिपूजन के बाद व्रत तोड़ेंगी उर्मिला

28 साल में नहीं खाया अन्न का एक भी दाना

विजय नगर में रहने वाली 82 साल की उर्मिला चतुर्वेदी की भी तपस्या सबुरी की याद दिलाती है, जहां सबुरी ने प्रभु श्री राम की प्रतीक्षा में ना जाने कितने साल जंगल के रास्ते को फूल से सजाते बिता दिए थे, वहीं उर्मिला ने अपने जीवन के पूरे 28 साल उपवास करते हुए बिताए हैं. 6 दिसंबर 1992 को जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिरा तो उर्मिला चतुर्वेदी ने राम मंदिर निर्माण होने तक अन्य त्याग करने का संकल्प ले लिया, तब उर्मिला चतुर्वेदी 54 साल की थीं, लेकिन तब से अब तक 28 सालों के इस सफर में उर्मिला चुतर्वेदी भगवान राम का नाम जाप करती रहीं और अन्न का एक दाना भी नहीं खाया.

Ram Bhakta Urmila Chaturvedi
राम मंदिर भूमिपूजन के साथ व्रत तोड़ेंगीं उर्मिला

शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाने का दुख

28 सालों से उर्मिला चतुर्वेदी फलाहार पर जीवित हैं. अब अयोध्या में रामलला के जन्म स्थान पर मंदिर बनने की प्रतीक्षा समाप्त हो गई है और 21वीं सदी की 'सबुरी' का संकल्प 5 अगस्त को राम मंदिर के शिलान्यास के साथ ही पूरा होने जा रहा है. इस मौके पर उन्होंने खुशी जाहिर की है. उर्मिला कहती हैं कि वो अयोध्या में रामलला के दर्शन के बाद ही सरयू तट पर अपना 28 साल का उपवास खोलेगीं. हालांकि यह सोचकर उनके आंसू भी निकल आते हैं कि वो कोरोना काल में अपनी ज्यादा उम्र के चलते कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पा रही हैं.

कब और क्यों लिया था संकल्प

5 अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखेंगे तो जबलपुर में उर्मिला अपने घर में दिन भर राम का नाम जाप करेंगी. उर्मिला के बेटे विवेक चतुर्वेदी का कहना है कि उनकी मां शुरू से ही जिद्दी रही हैं, जब अयोध्या में भगवान राम के मंदिर को लेकर विवाद हुआ तो वो टीवी देख रही थीं और उसी क्षण उन्होंने यह संकल्प लिया कि जब तक भगवान राम का मंदिर नहीं बन जाता तब तक उनका व्रत यूं ही जारी रहेगा. विवेक चुतर्वेदी ने बताया कि उन्होंने अपनी मां को बहुत समझाने का प्रयास भी किया पर उनकी मां ने किसी की नहीं सुनी, अब जबकि उनका व्रत पूरा हो चुका है तो निश्चित रूप से जल्द ही उन्हें अयोध्या लेकर जाया जाएगा.

Rakesh Singh arrives to meet Ram Bhakta Urmila Chaturvedi
राम भक्त उर्मिला चतुर्वेदी से मिलने पहुंचे राकेश सिंह

सांसद राकेश सिंह पहुंचे उर्मिला चतुर्वेदी से मिलने

भगवान राम के प्रति इस तरह का अटूट प्रेम रखने वालीं उर्मिला चतुर्वेदी आज के युग की 'सबरी' हैं, यही वजह है कि जबलपुर सांसद और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह आज उर्मिला चतुर्वेदी से मिलने उनके घर पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने उर्मिला चतुर्वेदी से आशीर्वाद भी लिया. राकेश सिंह ने कहा कि आज जो अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने जा रहा है यह इस तरह की पुण्य आत्माओं का ही तप है जो कि आज इस सपने को साकार कर रहा है.

कई बार बिगड़ी तबियत, लेकिन नहीं टूटा हौसला

54 साल की उम्र से 82 बरस के इस पड़ाव तक उर्मिला की सेहत कई बार बिगड़ी, कई बार डॉक्टर्स ने उन्हें अन्य ग्रहण करने की सलाह भी दी, लेकिन उर्मिला ने अपने संकल्प को नहीं तोड़ा. संकल्प की यही शक्ति देशवासियों की उन करोड़ों अभिलाषाओं में शामिल हैं, जिनके बूते अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है.

जबलपुर। देश के बहुसंख्यक हिंदुओं को वर्षों से जिस घड़ी का इंतजार था, अब वह आ गई है. पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे. कन्याकुमारी से कश्मीर तक भगवान राम पूजे जाते हैं. भगवान राम को लोग मर्यादा पुरुषोत्तम मानते हैं. जबलपुर की एक महिला ने 28 साल पहले संकल्प लिया था कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर नहीं बन जाता तब तक वे अन्न का एक दाना भी ग्रहण नहीं करेंगी. संस्कारधानी की उर्मिला चतुर्वेदी की ये तपस्या अब जाकर खत्म हुई है, जब 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी जा रही है.

राम मंदिर भूमिपूजन के बाद व्रत तोड़ेंगी उर्मिला

28 साल में नहीं खाया अन्न का एक भी दाना

विजय नगर में रहने वाली 82 साल की उर्मिला चतुर्वेदी की भी तपस्या सबुरी की याद दिलाती है, जहां सबुरी ने प्रभु श्री राम की प्रतीक्षा में ना जाने कितने साल जंगल के रास्ते को फूल से सजाते बिता दिए थे, वहीं उर्मिला ने अपने जीवन के पूरे 28 साल उपवास करते हुए बिताए हैं. 6 दिसंबर 1992 को जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिरा तो उर्मिला चतुर्वेदी ने राम मंदिर निर्माण होने तक अन्य त्याग करने का संकल्प ले लिया, तब उर्मिला चतुर्वेदी 54 साल की थीं, लेकिन तब से अब तक 28 सालों के इस सफर में उर्मिला चुतर्वेदी भगवान राम का नाम जाप करती रहीं और अन्न का एक दाना भी नहीं खाया.

Ram Bhakta Urmila Chaturvedi
राम मंदिर भूमिपूजन के साथ व्रत तोड़ेंगीं उर्मिला

शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाने का दुख

28 सालों से उर्मिला चतुर्वेदी फलाहार पर जीवित हैं. अब अयोध्या में रामलला के जन्म स्थान पर मंदिर बनने की प्रतीक्षा समाप्त हो गई है और 21वीं सदी की 'सबुरी' का संकल्प 5 अगस्त को राम मंदिर के शिलान्यास के साथ ही पूरा होने जा रहा है. इस मौके पर उन्होंने खुशी जाहिर की है. उर्मिला कहती हैं कि वो अयोध्या में रामलला के दर्शन के बाद ही सरयू तट पर अपना 28 साल का उपवास खोलेगीं. हालांकि यह सोचकर उनके आंसू भी निकल आते हैं कि वो कोरोना काल में अपनी ज्यादा उम्र के चलते कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पा रही हैं.

कब और क्यों लिया था संकल्प

5 अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखेंगे तो जबलपुर में उर्मिला अपने घर में दिन भर राम का नाम जाप करेंगी. उर्मिला के बेटे विवेक चतुर्वेदी का कहना है कि उनकी मां शुरू से ही जिद्दी रही हैं, जब अयोध्या में भगवान राम के मंदिर को लेकर विवाद हुआ तो वो टीवी देख रही थीं और उसी क्षण उन्होंने यह संकल्प लिया कि जब तक भगवान राम का मंदिर नहीं बन जाता तब तक उनका व्रत यूं ही जारी रहेगा. विवेक चुतर्वेदी ने बताया कि उन्होंने अपनी मां को बहुत समझाने का प्रयास भी किया पर उनकी मां ने किसी की नहीं सुनी, अब जबकि उनका व्रत पूरा हो चुका है तो निश्चित रूप से जल्द ही उन्हें अयोध्या लेकर जाया जाएगा.

Rakesh Singh arrives to meet Ram Bhakta Urmila Chaturvedi
राम भक्त उर्मिला चतुर्वेदी से मिलने पहुंचे राकेश सिंह

सांसद राकेश सिंह पहुंचे उर्मिला चतुर्वेदी से मिलने

भगवान राम के प्रति इस तरह का अटूट प्रेम रखने वालीं उर्मिला चतुर्वेदी आज के युग की 'सबरी' हैं, यही वजह है कि जबलपुर सांसद और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह आज उर्मिला चतुर्वेदी से मिलने उनके घर पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने उर्मिला चतुर्वेदी से आशीर्वाद भी लिया. राकेश सिंह ने कहा कि आज जो अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने जा रहा है यह इस तरह की पुण्य आत्माओं का ही तप है जो कि आज इस सपने को साकार कर रहा है.

कई बार बिगड़ी तबियत, लेकिन नहीं टूटा हौसला

54 साल की उम्र से 82 बरस के इस पड़ाव तक उर्मिला की सेहत कई बार बिगड़ी, कई बार डॉक्टर्स ने उन्हें अन्य ग्रहण करने की सलाह भी दी, लेकिन उर्मिला ने अपने संकल्प को नहीं तोड़ा. संकल्प की यही शक्ति देशवासियों की उन करोड़ों अभिलाषाओं में शामिल हैं, जिनके बूते अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है.

Last Updated : Aug 4, 2020, 10:00 PM IST
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