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₹7000 घूस के बदले पटवारी को 4 साल की कैद, जुर्माना भी लगा - पुलिस

पटवारी अशोक महोबिया को लोकायुक्त की विशेष अदालत ने 4 साल सश्रम कारावास की सजा के साथ ₹10000 जुर्माना लगाया है.

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Published : Feb 24, 2019, 11:17 PM IST

जबलपुर। पटवारी अशोक महोबिया को लोकायुक्त की विशेष अदालत ने 4 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही ₹10000 जुर्माना भी ठोका है. महोबिया ने जमीन के सीमांकन के लिए 7000 रुपये घूस लिया था.

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दरअसल, अशोक महोबिया ने राजेश पटेल से जमीन के सीमांकन के लिए रिश्वत मांगी थी, जिसकी शिकायत राजेश ने लोकायुक्त पुलिस से की थी. जिसके बाद अशोक महोबिया को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एक ट्रैप तैयार किया गया और राजेश के जरिए अशोक को ₹7000 घूस लेते लोकायुक्त ने दबोच लिया.

लोकायुक्त की विशेष अदालत ने गवाहों-सबूतों के आधार पर अशोक महोबिया को विशेष न्यायाधीश ने 4 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. सामान्य तौर पर ऐसे मामलों में काफी लंबा समय लगता है, लेकिन इस मामले में महज 2 सालों में ही लोकायुक्त ने पटवारी को सजा सुना दी है. हालांकि, अभी पटवारी के पास हाईकोर्ट जाने का विकल्प खुला है.

जबलपुर। पटवारी अशोक महोबिया को लोकायुक्त की विशेष अदालत ने 4 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही ₹10000 जुर्माना भी ठोका है. महोबिया ने जमीन के सीमांकन के लिए 7000 रुपये घूस लिया था.

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दरअसल, अशोक महोबिया ने राजेश पटेल से जमीन के सीमांकन के लिए रिश्वत मांगी थी, जिसकी शिकायत राजेश ने लोकायुक्त पुलिस से की थी. जिसके बाद अशोक महोबिया को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एक ट्रैप तैयार किया गया और राजेश के जरिए अशोक को ₹7000 घूस लेते लोकायुक्त ने दबोच लिया.

लोकायुक्त की विशेष अदालत ने गवाहों-सबूतों के आधार पर अशोक महोबिया को विशेष न्यायाधीश ने 4 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. सामान्य तौर पर ऐसे मामलों में काफी लंबा समय लगता है, लेकिन इस मामले में महज 2 सालों में ही लोकायुक्त ने पटवारी को सजा सुना दी है. हालांकि, अभी पटवारी के पास हाईकोर्ट जाने का विकल्प खुला है.

Intro:जबलपुर मैं भ्रष्ट पटवारी अशोक महोबिया को लोकायुक्त की विशेष अदालत ने 4 साल सश्रम कारावास और ₹10000 के जुर्माने की सजा सुनाई जमीन के सीमांकन के लिए मांगी थी रिश्वत


Body:जबलपुर लोकायुक्त की विशेष अदालत ने जबलपुर के पटवारी अशोक महोबिया को 4 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है इसके साथ ही ₹10000 का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है

दरअसल अशोक महोबिया ने राजेश पटेल से जमीन के सीमांकन के लिए रिश्वत की मांग की थी राजेश पटेल ने इस बात की शिकायत लोकायुक्त पुलिस को की थी अशोक महोबिया को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एक ट्रैप तैयार किया और राजेश पटेल के जरिए अशोक महोबिया को ₹7000 की रिश्वत दी तुरंत बाद लोकायुक्त ने अशोक महोबिया को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ लिया मामला 2017 का है इसके बाद इस मामले की सुनवाई लोकायुक्त की विशेष अदालत में हुई गवाहों और सबूतों के आधार पर अशोक महोबिया को लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश ने 4 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है


Conclusion:सामान्य तौर पर ऐसे मामलों में काफी लंबा समय लगता है लेकिन इस मामले में महेश 2 सालों में ही लोकायुक्त ने पटवारी को सजा सुना दी है हालांकि अभी पटवारी के पास हाई कोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है और हाई कोर्ट में यदि मामला अपील में फाइल हो जाता है तो इसके निराकरण में कई साल लग जाते हैं लेकिन हमारी न्यायिक प्रक्रिया में अपील की सुविधा हर किसी को रहती है
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