जबलपुर। रांझी थाना क्षेत्र में बीते दिनों एक मेडिकल संचालक की कुछ लोगों ने बेरहमी से पिटाई कर दी थी, बताया जा रहा है कि दुकान खाली करने को लेकर यह पूरा विवाद हुआ था, मारपीट के अगले ही दिन मेडिकल संचालक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी, जबकि उससे पहले उसने एक वीडियो बनाकर खुदकुशी के लिए मजबूर करने का आरोप भाजपा नेता सहित पांच अन्य लोगों पर भी लगाया था, ये सभी आरोपी घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज में भी दिख रहे हैं और सुसाइड नोट में भी इन आरोपियों का जिक्र है.
पुलिस ने ठंडे बस्ते में डाला मामला
जानकारी के मुताबिक मुख्य आरोपी काके गूमर-डॉ. तरनजीत गुजराल जोकि स्थानीय विधायक के खासम-खास माने जाते हैं, इसके अलावा अन्य आरोपी भी भाजपा से जुड़े हुए हैं, लिहाजा पुलिस भी इस मामले में लापरवाही बरतते हुए इसे ठंडे बस्ते में डाल दी, घटना को हुए करीब 2 सप्ताह बीत गए हैं, बावजूद इसके पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है, पर अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है.
सोशल मीडिया पर इनाम का फोटो वायरल
सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर एक फोटो वायरल हो रहा है, जिसमें जबलपुर पुलिस अधीक्षक ने काके गूमर पर 5000 रुपए का इनाम घोषित किया है, वायरल फोटो में अपराध क्रमांक 1093/2021 धारा 452, 306, 294, 506, 34 के तहत भाजपा नेता काके गूमर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, पर ताज्जुब की बात तो ये है कि आरोपी का घर और दुकान रांझी थाने के ठीक सामने होने के बाद भी पुलिस अभी तक उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रही है.
कब तक होगी आरोपी की गिरफ्तारी?
मृतक मेडिकल संचालक के परिवार वाले पुलिस से गुहार लगा रहे हैं कि आखिरकार आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले आरोपी कब गिरफ्तार होंगे, मृतक के परिजनों ने तो यह भी आशंका जाहिर की है कि सत्ताधारी पार्टी के विधायक होने के चलते पुलिस कार्रवाई करने में हीलाहवाली कर रही है.
आखिर किसने किया पोस्टर वायरल?
मेडिकल संचालक को खुदकुशी के लिए मजबूर करने के सबूत पुलिस ने मौके से जुटाए हैं, सीसीटीवी फुटेज और सुसाइड नोट में साफ जिक्र है. इस बीच एक फोटो वायरल हो रहा है, जिसमें मुख्य आरोपी काके गूमर पर एसपी द्वारा 5000 रुपए इनाम घोषित करने का जिक्र है. यह फोटो कहां से आया है, इसकी जानकारी अभी तक पुलिस को नहीं लगी है, ऐसे में समझा जा सकता है कि आखिर किसने इस तरह के पोस्टर को छपवा कर सोशल मीडिया पर वायरल करवाया है.
मार्च 2021 में भी फरार था काके गूमर
ऐसा नहीं है कि भाजपा नेता काके गूमर का यह कारनामा पहली बार सामने आया है, इससे पहले भी एक अपराध के लिए मार्च 2021 में उस पर मामला दर्ज किया गया था, पर पुलिस कार्रवाई नहीं की. हालांकि, उस समय का पोस्टर जो अब एक बार पुनः वायरल हो रहा है, जिसे अभी के मामले से जोड़कर देखा जा रहा है, बहरहाल अब देखना ये होगा कि पुलिस इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करती है.