जबलपुर। वन्य प्राणी बोर्ड के गठन में कई ऐसे लोगों को बोर्ड का सदस्य बनाया गया है, जिन्हें वन्य जीव से संबंधित कोई अनुभव नहीं है. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गयी है और प्रदेश सरकार से इन नियुक्तियों पर जबाव मांगा गया है.
बता दें, इस बोर्ड में केवल उन्हीं लोगों को सदस्य बनाया जा सकता है, जो वन्य प्राणी संरक्षण से जुड़े हो या वे वन विभाग के रिटायर्ड अधिकारी हो, ताकि उन्हें इतनी जानकारी हो कि वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए क्या जरूरी है और क्या किया जाना चाहिए. इसमें बोर्ड के सदस्यों को बहुत सारी सुविधाएं और सहूलियतें भी मुहैया करवाई जाती हैं. इसी वजह से इस बोर्ड में कई लोग सदस्य बनना चाहते हैं.
अजब एमपी में गजब नियुक्ति, पत्रकार रशीद किदवई सहित तीन को बना दिया वन्य प्राणी बोर्ड का सदस्य - Question on Appointments
मध्यप्रदेश वन्य प्राणी बोर्ड के गठन में अनुभवहीन लोगों को बोर्ड का सदस्य बनाने पर आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है और प्रदेश सरकार से इन नियुक्तियों पर कोर्ट के माध्यम से जबाव मांगा है.
जबलपुर। वन्य प्राणी बोर्ड के गठन में कई ऐसे लोगों को बोर्ड का सदस्य बनाया गया है, जिन्हें वन्य जीव से संबंधित कोई अनुभव नहीं है. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गयी है और प्रदेश सरकार से इन नियुक्तियों पर जबाव मांगा गया है.
बता दें, इस बोर्ड में केवल उन्हीं लोगों को सदस्य बनाया जा सकता है, जो वन्य प्राणी संरक्षण से जुड़े हो या वे वन विभाग के रिटायर्ड अधिकारी हो, ताकि उन्हें इतनी जानकारी हो कि वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए क्या जरूरी है और क्या किया जाना चाहिए. इसमें बोर्ड के सदस्यों को बहुत सारी सुविधाएं और सहूलियतें भी मुहैया करवाई जाती हैं. इसी वजह से इस बोर्ड में कई लोग सदस्य बनना चाहते हैं.
Body:जबलपुर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने वन्य प्राणी बोर्ड मैं सदस्यों की नियुक्तियां कर दी हैं इस बोर्ड में केवल उन्हीं लोगों को सदस्य बनाया जा सकता है जो वन्य प्राणी संरक्षण से जुड़े हो या वन विभाग के रिटायर्ड अधिकारी हूं ताकि उन्हें कम से कम इतनी जानकारी हो कि वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए क्या जरूरी है और क्या किया जाना चाहिए इसके लिए इस बोर्ड के सदस्यों को बहुत सारी सुविधाएं और सहूलियत है भी मुहैया करवाई जाती हैं इसी वजह से इस बोर्ड में सदस्य बनने के लिए कई लोग लाइन में खड़े रहते हैं
कमलनाथ सरकार ने इस बोर्ड का गठन किया तो इसमें तीन ऐसे सदस्यों को भी लिया गया है जिनका वन्य प्राणी जगत से कोई लेना-देना नहीं है इसमें राशिद किदवई को लिया गया है राशिद किदवई दिल्ली के पत्रकार हैं और इनकी खासियत सिर्फ इतनी हैं कि इन्होंने सोनिया गांधी की बायोग्राफी लिखी है सदस्य बनाने के बाद इनके आगे लिखा गया है कि वन्य प्राणी संरक्षण में रुचि रखते हैं ऐसे 2 नाम और हैं जिन्हें इस बोर्ड का सदस्य क्यों बनाया गया है इसकी वजह साफ नहीं होती
बोर्ड के इन्हीं सदस्यों की नियुक्ति पर एक जनहित याचिका के जरिए एक आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने सवाल उठाया है हाईकोर्ट ने इन तीनों लोगों की नियुक्ति पर सरकार से जवाब मांगा है सरकार को 4 हफ्ते में अपना जवाब पेश करना होगा
Conclusion:वन्य प्राणी बोर्ड एक महत्वपूर्ण संस्था है क्योंकि मध्य प्रदेश एक टाइगर स्टेट है इसकी पहचान भारत ही नहीं पूरी दुनिया में है ऐसे में एक भी नौसिखिया इस पूरे व्यवस्था को तहस-नहस कर सकता है इसलिए सरकार को इस मामले में गंभीरता बरतनी चाहिए थी
बाइट आदित्य संघी एडवोकेट मध्य प्रदेश हाई कोर्ट