जबलपुर। असक्षम लोगों के लिए शुरू की गयी मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में दवाईयों और ऑक्सीजन व्यय का उल्लेख नहीं किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है. याचिका की सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने नोटिस स्वीकार करते हुए दिशा-निर्देश प्राप्त करने का समय देने की मांग हाईकोर्ट से की. हाईकोर्ट जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस अतुल श्रीधरन ने आग्रह स्वीकार करते हुए कोरोना संबंधित अन्य याचिकाओं के साथ इस याचिका की सुनवाई करने के निर्देश जारी किए हैं.
कोरोना संबंधित याचिकाओं के साथ होगी सुनवाई
मध्य प्रदेश में असक्षम लोगों के लिए शुरू की गयी मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में दवाईयों तथा ऑक्सीजन व्यय का उल्लेख नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है. नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच और रजत भार्गव की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि स्वास्थ आयुक्त ने 6 मई को असक्षम व्यक्तियों के लिए मुख्यमंत्री कोविड योजना के संबंध में सर्कुलर जारी किया था. निशुल्क उपचार पैकेज में रूम रेंट, नर्सिंग चार्ज, जांच, भोजन विशेषज्ञ परामर्शकर्ताओं के शुल्क, पैरामेडिकल शुल्क को शामिल किया गया है.
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नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने लगाई याचिका
याचिका में कहा गया था कि योजना के तहत ऑक्सीजन युक्त 13,332 बेड का प्रावधान किया गया है. मरीजों की संख्या अधिक होने पर उनका ऑक्सीजन व्यय तथा अस्पतालों में दवाईयां नहीं होने पर उनका व्यय कौन उठायेगा, इस संबंध में सर्कुलर में कोई उल्लेख नहीं किया गया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय और उपमहाधिवक्ता एए बर्नाड उपस्थित हुए.