ETV Bharat / state

पुलवामा शहीद की शहादत को भूली सरकार !

आज हर कोई पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को याद कर रहा है लेकिन हमले में शहीद हुए अश्विनी काछी को शायद लोग भूल गए है. इस बात का पता इससे लगाया जा सकता है कि उनके गांव ना तो कोई राजनैतिक हस्ति पहुंची और ना कोई अधिकारी.

martyr Ashwini Kachi
शहीद अश्विनी काछी
author img

By

Published : Feb 14, 2021, 7:09 PM IST

Updated : Feb 14, 2021, 7:40 PM IST

जबलपुर। आज पुलवामा आतंकी हमले की दूसरी बरसी है. 14 फरवरी, 2019 को हुई इस आतंकी घटना के दो बरस बीत चुके हैं, लेकिन उस घटना के जख्म आज तक हरे हैं. पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी थी. देश के सुरक्षाकर्मियों पर आतंकवादियों के इस कायराना हमले में 39 जवान शहीद हो गए थे. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. 39 जवानों के शहीद होने के अलावा कई गंभीर रूप से घायल भी हुए थे.

शहीद की शहादत को भूली सरकार

आज हर कोई पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को याद कर रहा है लेकिन हमले में शहीद हुए अश्विनी काछी को शायद लोग भूल गए है. इस बात का पता इससे लगाया जा सकता है कि जबलपुर के लोग शहीद अश्विनी काछी को भूल गए हैं. इतना ही नहीं शहीद के गांव प्रशासनिक अमला और राजनीतिक हस्तियां भी नहीं पहुंचे. जबलपुर के खुदवाल के अश्वनी काछी दो साल पहले पुलवामा में हुए हमले में शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद जबलपुर के घोरावल गांव में शोक की लहर दौड़ गई थी और शहीद को सम्मान देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई मंत्रियों के उनके गांव आकर उनके परिवार के लोगों को सांत्वना दी थी. यहां तक कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी शहीद के परिवार से मिलने के लिए पहुंचे थे.

2 साल में ही बोले शहीद को लोग

उस समय नेताओं ने वादा किया था कि हर साल आज के दिन शहीद के गांव में शहीद अश्विनी काछी के सम्मान में मेला लगाया जाएगा और शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग पहुंचेंगे. लेकिन दो साल बाद आज वो सारे वाद कहीं खो गए. शहीद अश्विनी काछी के परिवार के लोगों का कहना है कि बेशक सरकार ने एक करोड़ रूपए की राशि उन्हें सहायत के रुप में दी है लेकिन इसके अलावा सरकार ने परिवार के लिए एक मकान और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया था लेकिन सरकार उन वादों पर खरी नहीं उतर पाई है. शहीद के परिजनों का कहना है कि उनकी फरियाद को सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है.

परिवार के लोगों को अश्विनी काछी पर गर्व

शहीद अश्विनी काछी के परिवार ने इस दिन धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अश्विनी के पिता बताते हैं कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है और बेटे की आत्मा की शांति के लिए उन्होंने घर में एक धार्मिक आयोजन किया है. शहीदों की चिंताओं पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मर मिटने वालों का यही बाकी निशा होगा लेकिन अश्विनी काछी की शहादत के मात्र 2 साल बाद ही लोग उन्हें भूल गए है.

जबलपुर। आज पुलवामा आतंकी हमले की दूसरी बरसी है. 14 फरवरी, 2019 को हुई इस आतंकी घटना के दो बरस बीत चुके हैं, लेकिन उस घटना के जख्म आज तक हरे हैं. पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी थी. देश के सुरक्षाकर्मियों पर आतंकवादियों के इस कायराना हमले में 39 जवान शहीद हो गए थे. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. 39 जवानों के शहीद होने के अलावा कई गंभीर रूप से घायल भी हुए थे.

शहीद की शहादत को भूली सरकार

आज हर कोई पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को याद कर रहा है लेकिन हमले में शहीद हुए अश्विनी काछी को शायद लोग भूल गए है. इस बात का पता इससे लगाया जा सकता है कि जबलपुर के लोग शहीद अश्विनी काछी को भूल गए हैं. इतना ही नहीं शहीद के गांव प्रशासनिक अमला और राजनीतिक हस्तियां भी नहीं पहुंचे. जबलपुर के खुदवाल के अश्वनी काछी दो साल पहले पुलवामा में हुए हमले में शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद जबलपुर के घोरावल गांव में शोक की लहर दौड़ गई थी और शहीद को सम्मान देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई मंत्रियों के उनके गांव आकर उनके परिवार के लोगों को सांत्वना दी थी. यहां तक कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी शहीद के परिवार से मिलने के लिए पहुंचे थे.

2 साल में ही बोले शहीद को लोग

उस समय नेताओं ने वादा किया था कि हर साल आज के दिन शहीद के गांव में शहीद अश्विनी काछी के सम्मान में मेला लगाया जाएगा और शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग पहुंचेंगे. लेकिन दो साल बाद आज वो सारे वाद कहीं खो गए. शहीद अश्विनी काछी के परिवार के लोगों का कहना है कि बेशक सरकार ने एक करोड़ रूपए की राशि उन्हें सहायत के रुप में दी है लेकिन इसके अलावा सरकार ने परिवार के लिए एक मकान और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया था लेकिन सरकार उन वादों पर खरी नहीं उतर पाई है. शहीद के परिजनों का कहना है कि उनकी फरियाद को सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है.

परिवार के लोगों को अश्विनी काछी पर गर्व

शहीद अश्विनी काछी के परिवार ने इस दिन धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अश्विनी के पिता बताते हैं कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है और बेटे की आत्मा की शांति के लिए उन्होंने घर में एक धार्मिक आयोजन किया है. शहीदों की चिंताओं पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मर मिटने वालों का यही बाकी निशा होगा लेकिन अश्विनी काछी की शहादत के मात्र 2 साल बाद ही लोग उन्हें भूल गए है.

Last Updated : Feb 14, 2021, 7:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.