जबलपुर। मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर समेत प्रदेशभर में बीते 3 महीने से शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद हैं, लेकिन कुछ स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करा दी गई थी और इसके एवज में छुट्टियों की फीस मांगी जा रही थी. इस पर प्रदेशभर में विरोध शुरू हो गया है.
इंदौर हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई, जिसकी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने स्कूलों को पूरी फीस वसूलने की छूट दे दी थी लेकिन फिर एक पीड़ित ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई इस मामले में हाईकोर्ट में स्पष्ट किया कि केवल ट्यूशन फीस ही ली जा सकती है. हालांकि राज्य सरकार ने भी केवल ट्यूशन फीस लेने का फैसला किया था.
लिहाजा इसी बीच में निजी स्कूलों ने फिर से दबाव बनाना शुरू कर दिया है और ज्यादातर लोग फीस जमा भी कर रहे हैं. वहीं रोज कहीं न कहीं अभिभावक स्कूल फीस का विरोध करने के लिए सड़कों पर भी उतर रहे हैं. लेकिन इसका कोई स्थाई निदान निकलकर सामने नहीं आ रहा है.
वहीं जबलपुर की एक समाज सेवी संस्था ने स्कूलों में लगातार फीस के विवादों को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई है और जनहित याचिका की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस ने आदेश दिया है कि फीस से जुड़े तमाम मामले अब एक ही अदालत में सुने जाएंगे और 13 जुलाई को स्कूल के फीस के मामले में नए सिरे से सुनवाई होगी.