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Tandoor मामले में बैकफुट पर प्रशासन, बोला- होटल मालिकों को सलाह दी, तंदूर बैन नहीं

एमपी में तंदूर पर प्रतिबंध का मुद्दे जोर शोर से उठ रहा है. मामले को बढ़ता देख जबलपुर प्रशासन बैकफुट पर आ गया है. अब जिला प्रशासन ने तंदूर बैन पर ये बयान दिया है.

Jabalpur tandoor ban issue
एमपी में तंदूर बैन नहीं
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Published : Feb 12, 2023, 9:19 PM IST

Updated : Feb 12, 2023, 9:28 PM IST

जबलपुर। जिला प्रशासन द्वारा तंदूर को प्रतिबंधित करने के निर्देश जैसे ही होटल संचालकों तक पहुंचे तो प्रदेश सहित देशभर में जबलपुर के तंदूर का मामला गरमा गया. हालांकि अब इस मामले में अधिकारियों ने सफाई दी है. अधिकारियों का कहना है कि तंदूर पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. होटल संचालकों को महज सलाह दी गई थी.

प्रशासन ने किया था 3 दिनों में जवाब तलब: दरअसल जबलपुर जिले के तमाम होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को प्रदूषण को रोकने के लिए तंदूर के स्थान पर एलपीजी का उपयोग किए जाने की बात कही गई थी. जिसको लेकर होटल संचालकों से 3 दिनों में जवाब भी मांगा गया था, लेकिन मामला जब देश भर में चर्चा का विषय बना तो जिम्मेदारों ने यह कहते हुए किनारा कर लिया कि उन्होंने केवल सलाह दी थी, तंदूर को प्रतिबंधित नहीं किया गया था. संभागायुक्त बी चंद्रशेखर ने 18 जनवरी की बैठक में प्रदूषण नियंत्रण मंडल की सिफारिश के आधार पर खाद्य एवं सुरक्षा को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज श्रीवास्तव ने नोटिस जारी कर 3 दिनों में होटल संचालकों से तंदूर के विषय में जवाब तलब किया था.

tandoor not banned in mp
एमपी में तंदूर बैन नहीं

स्वाद के शौकीनों को लग सकता है झटका, MP के इस जिले में तंदूर पर रोक

तंदूर पर रोक नहीं केवल सलाह: वहीं अब जैसे ही तंदूर मामले में देशभर में चर्चा गरमाई तो खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज श्रीवास्तव ने एक पत्र जारी कर अपना स्पष्टीकरण दिया है. उन्होंने कहा है की खाद्य सुरक्षा एवं जिला प्रशासन के द्वारा किसी भी होटल रेस्टोरेंट को तंदूर बंद करने का कोई भी नोटिस जारी नहीं किया गया है और न ही तंदूर के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया गया है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए करीब 22 दिन पहले होटल और रेस्टोरेंट मालिकों को पत्र भेजा गया था. जिसमें तंदूर में लकड़ी कोयला का उपयोग कम से कम करने की सलाह दी गई थी. बहरहाल अब शहर में तंदूर प्रेमियों को तंदूर के खाने का मौका मिलेगा. उन्हें बाहर तंदूर का लुफ्त उठाने नहीं जाना पड़ेगा.

प्रदूषण ने बिगाड़ा जायका, MP में तंदूर पर रोक के बाद शुरू हुई सियासत

मामले में शुरू हुई सियासत: बता दें इस मामले में प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई थी. बीते दिनों कांग्रेस ने इस फैसले को हास्यास्पद बताते हुए तंदूर और भट्टी से पहले शहरों में प्रदूषण की वजह बनने वाले वाहनों और उद्योग धंधों पर ध्यान देने की नसीहत राज्य शासन को दी थी. दरअसल, मध्यप्रदेश में एयर क्वालिटी इंडेक्स सुधारने के लिए खाद एवं सुरक्षा विभाग ने इंदौर भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में तंदूर और भट्टी जलाने पर रोक का ऐलान किया था.

जबलपुर। जिला प्रशासन द्वारा तंदूर को प्रतिबंधित करने के निर्देश जैसे ही होटल संचालकों तक पहुंचे तो प्रदेश सहित देशभर में जबलपुर के तंदूर का मामला गरमा गया. हालांकि अब इस मामले में अधिकारियों ने सफाई दी है. अधिकारियों का कहना है कि तंदूर पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. होटल संचालकों को महज सलाह दी गई थी.

प्रशासन ने किया था 3 दिनों में जवाब तलब: दरअसल जबलपुर जिले के तमाम होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को प्रदूषण को रोकने के लिए तंदूर के स्थान पर एलपीजी का उपयोग किए जाने की बात कही गई थी. जिसको लेकर होटल संचालकों से 3 दिनों में जवाब भी मांगा गया था, लेकिन मामला जब देश भर में चर्चा का विषय बना तो जिम्मेदारों ने यह कहते हुए किनारा कर लिया कि उन्होंने केवल सलाह दी थी, तंदूर को प्रतिबंधित नहीं किया गया था. संभागायुक्त बी चंद्रशेखर ने 18 जनवरी की बैठक में प्रदूषण नियंत्रण मंडल की सिफारिश के आधार पर खाद्य एवं सुरक्षा को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज श्रीवास्तव ने नोटिस जारी कर 3 दिनों में होटल संचालकों से तंदूर के विषय में जवाब तलब किया था.

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तंदूर पर रोक नहीं केवल सलाह: वहीं अब जैसे ही तंदूर मामले में देशभर में चर्चा गरमाई तो खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज श्रीवास्तव ने एक पत्र जारी कर अपना स्पष्टीकरण दिया है. उन्होंने कहा है की खाद्य सुरक्षा एवं जिला प्रशासन के द्वारा किसी भी होटल रेस्टोरेंट को तंदूर बंद करने का कोई भी नोटिस जारी नहीं किया गया है और न ही तंदूर के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया गया है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए करीब 22 दिन पहले होटल और रेस्टोरेंट मालिकों को पत्र भेजा गया था. जिसमें तंदूर में लकड़ी कोयला का उपयोग कम से कम करने की सलाह दी गई थी. बहरहाल अब शहर में तंदूर प्रेमियों को तंदूर के खाने का मौका मिलेगा. उन्हें बाहर तंदूर का लुफ्त उठाने नहीं जाना पड़ेगा.

प्रदूषण ने बिगाड़ा जायका, MP में तंदूर पर रोक के बाद शुरू हुई सियासत

मामले में शुरू हुई सियासत: बता दें इस मामले में प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई थी. बीते दिनों कांग्रेस ने इस फैसले को हास्यास्पद बताते हुए तंदूर और भट्टी से पहले शहरों में प्रदूषण की वजह बनने वाले वाहनों और उद्योग धंधों पर ध्यान देने की नसीहत राज्य शासन को दी थी. दरअसल, मध्यप्रदेश में एयर क्वालिटी इंडेक्स सुधारने के लिए खाद एवं सुरक्षा विभाग ने इंदौर भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में तंदूर और भट्टी जलाने पर रोक का ऐलान किया था.

Last Updated : Feb 12, 2023, 9:28 PM IST
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