जबलपुर। मध्यप्रदेश की फायरब्रांड नेता उमा भारती शराबबंदी को लेकर लगातार एक्टिव हैं. अब उमा का साथ देने प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी आगे आ गए हैं. (mohan yadav support uma bharti liquor ban in mp) उन्होंने शराब बंदी को लेकर कहा कि एक न एक दिन शराबबंदी तो होकर रहेगी. इसके अलावा उन्होंने प्रदेश की उच्चशिक्षा के पाठ्यक्रम में रामचरित मानस और श्रीमद्भगवत गीता को भी शामिल किए जाने की बात भी कही.
शराबबंदी सामाजिक मसला: न्यू ईयर पार्टी को लेकर आबकारी विभाग द्वारा अलग-अलग श्रेणियों में लाइसेंस देने के प्रावधान ने सूबे की सियासत को गरमा दिया था. इस बीच विपक्ष भी सरकार पर हमलावर था. शराब के मसले को लेकर जब उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से सवाल किया गया तो वह पहले तो विपक्ष पर हमला करने से नहीं चूके लेकिन अंत में वह जरूर बोल उठे कि शराबबंदी करनी होगी. इस बीच उन्होंने विपक्ष पर भी हमला बोला और कहा कि शराबबंदी का मसला सामाजिक मसला है. जिस पर विपक्ष को पॉलीटिकल स्टंट बाजी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा किसे डंडे से शराबबंदी को लेकर काम नहीं चलेगा क्योंकि यह सामाजिक चेतना का विषय है. जहां तक सरकार की बात है तो वह मद्यपान के विरोध में लगातार अभियान चला रही है, लेकिन विपक्ष अगर शराब बंदी को लेकर यथार्थ पर काम करें तो बेहतर होगा.
रामचरित मानस होगा उच्च शिक्षा नीति का हिस्सा: उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में जल्द ही भगवत गीता, टंट्या मामा, रानी दुर्गावती, रविदास, कबीर सहित सभी महापुरुषों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. साथ ही श्री रामचरित मानस उच्च शिक्षा नीति का होगा हिस्सा होगी. जिसे नई पीढ़ी को पढ़कर देश की संस्कृति को सीखने का मिलेगा मौका मिलेगा. सिर्फ शिक्षित बेरोजगारों की फौज खड़ा करना हमारा उद्देश्य नहीं है.
खाली पदों पर होगी भर्ती: उच्च शिक्षा मंत्री ने अपने विभाग के मसले पर भी बयान दिया ,उनका कहना था कि उच्च शिक्षा विभाग में फिलहाल स्टाफ की कमी देखी जा रही है, लेकिन उनके विभाग द्वारा पीएससी के माध्यम से 2200 पदों पर भर्तीयों के लिए कार्रवाई जारी है. इसके साथ ही क्लास 3 और क्लास 4 पदों को नियमित करने पर भी विचार चल रहा है. जहां तक आधारभूत ढांचे का सवाल है तो तकरीबन 200 महाविद्यालयों के भवन तैयार हो रहे हैं और जल्द ही यह पूर्ण हो जाएंगे.