जबलपुर। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद निर्धारित की है. बरगी हिल्स के समीप आईटी सिटी व सेटेलाइट सिटी के लिए सरकार द्वारा जमीन आवंटित किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि बरगी हिल्स का क्षेत्रफल लगभग सौ हैक्टेयर है. बरगी हिल्स में तेंदुए सहित अन्य वन प्राणियों को देखा गया है. इसके अलावा बड़ी संख्या में पक्षी भी रहते हैं.
कोर्ट ने मांगा था हलफनामा : याचिका में बताया गया कि मदन महल पहाड़ी को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए लाखों रुपये व्यय किये गये थे और सैकड़ों की संख्या में परिवारों को विस्थापित किया गया था. बरगी हिल्स भी मदन महल पहाड़ी के पीछे का हिस्सा है. सरकार ने आईटी पार्क व सेटेलाइट सिटी स्थापित करने के लिए बरगी हिल्स में जो जमीन आवंटित की है. वह पर्यावरण के दृष्टि से सही नहीं है. आईटी पार्क व सेटेलाइट सिटी निर्माण के लिए ब्लास्ट कर पहाड़ी को समतल किया जा रहा है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से हलफनामा में जवाब मांगा था.
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कोर्ट मित्र ने दी जानकारी : इसके बाद हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया. युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए उक्त मामले की सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए थे. युगलपीठ ने याचिका में अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय को कोर्ट मित्र के रूप में नियुक्त करने के आदेश भी जारी किये थे. कोर्ट मित्र ने युगलपीठ को बताया कि नगर वन भूमि की जमीन को दूसरे विभाग में स्थानांतरित करने में प्रक्रिया तथा आरवीसी के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है.