जबलपुर। प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने से संबंधित 64 याचिकाओं की सुनवाई हाईकोर्ट में टल गई. जस्टिस जस्टिस शील नागू व जस्टिस एके सिंह की युगलपीठ को सुनवाई के दौरान बताया गया कि सर्वाेच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण की सभी याचिकाएं सुनवाई के लिए बुलाये जाने की मांग करते एसएलपी दायर की गयी है, जो कि विचाराधीन है. एसएलपी पर 13 जुलाई को सुनवाई निर्धारित है. युगलपीठ ने ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत पर यथास्थिति के साथ अगली सुनवाई 17 जुलाई को निर्धारित की है.
SC में सरकार की चुनौती: प्रदेश में 27 प्रतिशत OBC आरक्षण किये जाने के खिलाफ व पक्ष में 64 याचिकाएं दायर की गयी थी. मामले की सुनवाई दौरान न्यायालय को बताया गया कि सर्वाेच्च न्यायालय में प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के कानून को चुनौती नहीं दी गयी है. सर्वाेच्च न्यायालय में लंबित याचिकाएं साल 2003 में ओबीसी आरक्षण के संबंध दायर नोटिफिकेशन से संबंधित है. युगलपीठ का अभिमत था कि ओबीसी आरक्षण के संबंध में सर्वाेच्च न्यायालय में लंबित प्रकरणों के निराकरण की आवश्यकता नहीं है. सर्वाेच्च न्यायालय में लंबित याचिका में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के कानून की वैधता को चुनौती नहीं दी गयी है.
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सुको में SLP की सुनवाई लंबित: युगलपीठ ने याचिकाओं पर डे-टू-डे सुनवाई के निर्देश दिये थे. याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान OBC, ST-SC एकता मंच की तरफ से युगलपीठ को बताया कि ओबीसी आरक्षण से संबंधित याचिकाओं के साथ हाईकोर्ट में लंबित सभी याचिकाओं की सुनवाई करने सर्वाेच्च न्यायालय में SLP दायर की गयी थी. सर्वाेच्च न्यायालय में उक्त एसएलपी पर सुनवाई लंबित है. जिसके बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी तथा शासन की ओर से नियुक्त विशेष अधिवक्ता आरपी सिंह ठाकुर पैरवी कर रहे हैं.