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MP High Court आईएएस रोहित सिंह व नायब तहसीलदार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट, ये है मामला - नामांकन नहीं भरने देने के मामले में

विधासनभा चुनाव के दौरान निर्वाचन कार्यालय पहुंचने के बावजूद नामांकन नहीं भरने देने के मामले में नरसिंहपुर के तत्कालीन कलेक्टर के खिलाफ हाई कोर्ट ने कड़ा कदम उठाया है. इस मामले में हाई कोर्ट ने आईएएस रोहित सिंह व तत्कालीन नायब तहसीलदार (IAS Rohit Singh and Naib Tehsildar) के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. समन भेजने के बाद भी ये दोनों कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. इसलिए कोर्ट ने वारटं जारी किया है.

MP High Court Arrest warrant against IAS Rohit Singh
आईएएस रोहित सिंह व नायब तहसीलदार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
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Published : Jan 6, 2023, 12:26 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल में तैनात एक आईएएस अफसर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. चुनाव याचिका में गवाही से जुड़े मामले में नायब तहसीलदार के विरुद्ध भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. जबलपुर जिले के बरगी विधानसभा क्षेत्र के चुनाव से जुड़ी याचिका में सूचना के बावजूद नरसिंहपुर के पूर्व कलेक्टर व वर्तमान में लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक रोहित सिंह व भोपाल की नायब तहसीलदार प्रीति नागेंद्र के उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट ने यह कदम उठाया.

दूसरी बार वारंट जारी : बुधवार को दूसरी बार उनके खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट से वारंट जारी किया गया है. जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने दोनों अधिकारियों को आज 6 जनवरी को हाजिर होने के निर्देश दिए. इसके पहले हाईकोर्ट ने 25 नवंबर को भी दोनों अधिकारियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था. इसके बाद मामला नियत होने पर भी सुनवाई नहीं हो पाई. चीफ जस्टिस के हस्तक्षेप के बाद चुनाव याचिका जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ में स्थानांतरित की गई. इस मामले में भोपाल की नायब तहसीलदार व जबलपुर की तत्कालीन सहायक निर्वाचन अधिकारी प्रीति नागेंद्र की गवाही भी अधूरी है.

जबलपुर हाईकोर्ट ने दिया निर्देश, चाईल्ड केयर सेंटर का निरीक्षण कर सुधार के लिए खोजे समाधान

याचिका में ये हैं आरोप : तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी आईएएस रोहित सिंह के बयान भी दर्ज नहीं हो सके हैं. दरअसल,याचिकाकर्ता जितेन्द्र अवस्थी 2018 के विधानसभा चुनाव में बरगी विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अंतिम तिथि को नामांकन पत्र भरने के लिए जबलपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर ने उन्हें पुलिस की मदद से कलेक्ट्रेट के बाहर करवा दिया. इसकी वजह से वे नामांकन पत्र नहीं भर पाए थे. इसके बाद जितेंद्र अवस्थी ने आरटीआई के तहत उक्त घटना की वीडियो सीडी व अन्य दस्तावेज प्राप्त कर कोर्ट में पेश किये. याचिकाकर्ता जितेंद्र अवस्थी ने याचिका में आरोप लगाया कि वे निर्धारित समय से पहले निर्वाचन कार्यालय पहुंच गए थे. इसके बावजूद उन्हें नामांकन दाखिल नहीं करने दिया गया.

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल में तैनात एक आईएएस अफसर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. चुनाव याचिका में गवाही से जुड़े मामले में नायब तहसीलदार के विरुद्ध भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. जबलपुर जिले के बरगी विधानसभा क्षेत्र के चुनाव से जुड़ी याचिका में सूचना के बावजूद नरसिंहपुर के पूर्व कलेक्टर व वर्तमान में लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक रोहित सिंह व भोपाल की नायब तहसीलदार प्रीति नागेंद्र के उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट ने यह कदम उठाया.

दूसरी बार वारंट जारी : बुधवार को दूसरी बार उनके खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट से वारंट जारी किया गया है. जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने दोनों अधिकारियों को आज 6 जनवरी को हाजिर होने के निर्देश दिए. इसके पहले हाईकोर्ट ने 25 नवंबर को भी दोनों अधिकारियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था. इसके बाद मामला नियत होने पर भी सुनवाई नहीं हो पाई. चीफ जस्टिस के हस्तक्षेप के बाद चुनाव याचिका जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ में स्थानांतरित की गई. इस मामले में भोपाल की नायब तहसीलदार व जबलपुर की तत्कालीन सहायक निर्वाचन अधिकारी प्रीति नागेंद्र की गवाही भी अधूरी है.

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याचिका में ये हैं आरोप : तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी आईएएस रोहित सिंह के बयान भी दर्ज नहीं हो सके हैं. दरअसल,याचिकाकर्ता जितेन्द्र अवस्थी 2018 के विधानसभा चुनाव में बरगी विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अंतिम तिथि को नामांकन पत्र भरने के लिए जबलपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर ने उन्हें पुलिस की मदद से कलेक्ट्रेट के बाहर करवा दिया. इसकी वजह से वे नामांकन पत्र नहीं भर पाए थे. इसके बाद जितेंद्र अवस्थी ने आरटीआई के तहत उक्त घटना की वीडियो सीडी व अन्य दस्तावेज प्राप्त कर कोर्ट में पेश किये. याचिकाकर्ता जितेंद्र अवस्थी ने याचिका में आरोप लगाया कि वे निर्धारित समय से पहले निर्वाचन कार्यालय पहुंच गए थे. इसके बावजूद उन्हें नामांकन दाखिल नहीं करने दिया गया.

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